ऊना: आईटीआई बंगाणा में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक हुई. जिसकी अध्यक्षता पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने की. बैठक में पंचायतों को निर्देश दिए कि 14 वें वित्त आयोग के पैसों का सही इस्तेमाल जल्द से जल्द किया जाए. अगर ऐसा नहीं किया गया, तो यह पैसा वापस चला जाएगा.
बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री ने 14 वें वित्त आयोग के अंतर्गत मिली धनराशि के व्यय की जानकारी हासिल की. इस दौरान जानकारी दी गई कि प्राप्त राशि में से अब तक सिर्फ 64 फीसदी पैसा खर्च हुआ है. वहीं, कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र की चार पंचायतों ने पहले तीन वित्त वर्षों में मिली धनराशि का 50 फीसदी हिस्सा भी खर्च नहीं किया.
वीरेंद्र कंवर ने इस बात का कड़ा संज्ञान लेते हुए पंचायत प्रतिनिधियों को इस पैसे का सही इस्तेमाल जल्द से जल्द करने को कहा है. उन्होंने कहा कि अगर पंचायतें इस धनराशि को खर्च नहीं कर सकीं, तो यह पैसा वापस चला जाएगा. ऐसे में सभी पंचायत प्रतिनिधियों और पंचायत सचिवों को मिलकर सोचना होगा कि इस पैसे का किस तरह से सही इस्तेमाल किया जा सकता है.
साथ ही मंत्री वीरेंद्र कंवर ने अपनी पंचायतों में बेहतर कार्य करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों की दिल खोल कर तारीफ की. उन्होंने कहा कि पंचायतों के विकास में प्रधानों का रोल महत्वपूर्ण है. ग्राम सभाएं प्राथमिकता तय करें और इन प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए सरकार पैसा मुहैया करवाएगी.
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के तहत मौजूदा वित्त वर्ष में लगभग 25 करोड़ रुपए के कार्य करवाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि मनरेगा के माध्यम से जहां पंचायतों में आधारभूत ढांचा मजबूत हो रहा है, वहीं इससे लोगों को आय भी प्राप्त हो रही है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए भारत के निर्माण का बीड़ा उठाया है, जिसमें हर व्यक्ति को घर, रसोई गैस, बिजली, पानी व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी. कंवर ने कहा कि कुटलैहड़ में मॉडल बनने जा रही पंचायतों को गरीबी मुक्त करने के लिए स्वरोजगार को बढ़ावा देना जरूरी है, ताकि गांव में रहने वाले लोगों का जीवन स्तर बेहतर बन सके.
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साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बीपीएल में सिर्फ जरूरतमंद परिवारों को ही रखा जाना चाहिए, इसके लिए पंचायत प्रतिनिधियों को ईमानदारी के साथ प्रयास करने होंगे. कोई भी पात्र छूटना नहीं चाहिए. इसके अलावा अपात्रों को बीपीएल की सूची से बाहर करना जरूरी है, क्योंकि तभी जरूरतमंद परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पाएगा.