ऊना: जिला में नियमों को ताक पर रखकर स्वां नदी का सीना छलनी किया जा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि पीले पंजे से खनन माफिया दिन रात खनन कर रही है. स्वां नदी में 15 से 20 फुट तक गहरा खनन किया गया है.
ग्रामीणों की शिकायत है कि बरसात में स्वां नदी का बहाव उनके खेतों तक पहुंचेगा, जिससे फसलें खराब होने का डर बना हुआ है. ग्रामीणों द्वारा पंचायत को लिखित और मौखिक शिकायत देने के बावजूद प्रशासन या पंचायत द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई. खनन माफिया के हौंसले इतने बढ़ चुके हैं कि पीले पंजे द्वारा दिन-दिहाड़े अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है. खनन माफिया द्वारा स्वां नदी में खनन कर 15 से 20 फुट तक गहरे गड्ढे खोद दिये गए हैं. जिससे अनहोनी का अंदेशा बना हुआ है. गांव के बीच नदी से रेत निकाल कर बड़े-बड़े डंप लगा दिए हैं. जिससे हर समय दुघर्टना का खतरा बना रहता है.
गौर हो कि ऊना की स्वां नदी को जीवन धारा के नाम से जाना जाता है, लेकिन खनन माफिया इसी जीवन धारा का चिरहरण करने पर उतारू है. नदी से रोजाना रेत से भरे सैंकडों टिप्पर व ट्रैक्टर हिमाचल व पंजाब में रवाना किये जा रहे हैं. स्वां नदी तटीकरण के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन खनन माफिया इन तटबंधों के साथ ही रेत उठाकर गहरे गड्ढे बना रहा है. जिससे इन तटबंधों को नुकसान का अंदेशा बना हुआ है.
ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार खनन के खिलाफ आवाज उठाई गई. लेकिन खनन माफिया की ऊंची पहुंच होने की वजह से उनकी आवाज को दबाया जा रहा है. इस बार हरोली विधानसभा क्षेत्र के गांव कांगड़ के लोगों ने खनन माफिया के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर दी है. कांगड़ के ग्रामीणों ने खनन माफिया की बढ़ती गतिविधियों से परेशान होकर शिकायत पत्र पंचायत को सौंपकर इस मामले पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई है.
वहीं क्षेत्र में बढ़ रहे खनन को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. हरोली ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष विनोद बिट्टू ने कहा कि जयराम सरकार में प्रशासन खनन गतिविधियों को लेकर आंखे मूंद कर बैठा है. वहीं, पंचायत प्रधान ने कहा कि लोगों द्वारा अवैध खनन को लेकर शिकायतें मिल रही थी, जिसे लेकर आज मौका देखा गया. पंचायत प्रधान ने माना कि स्वां नदी में बहुत बड़े स्तर पर खनन हो रहा है. पंचायत प्रधान ने प्रशासन और सरकार से खनन पर लगाम लगाने की मांग उठाई है.
खनन विभाग के निरीक्षक का कहना है कि खनन करने वालों पर समय पर कार्रवाई की जा रही है. खनन इंस्पेक्टर की का कहना है कि उन्हें मीडिया के माध्यम से खनन का पता चला है. अब सवाल उठता है कि विभाग क्षेत्र में जाकर खनन गतिविधियों का जायजा लेता है या नहीं.