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स्वां नदी में बिना रोक-टोक हो रहा अवैध खनन, प्रशासन पर आंख मूंदकर किसानों की बर्बादी का नजारा लूटने का आरोप

स्वां नदी में अवैध खनन के चलते ग्रामीणों की फसलों के बर्बाद होने का खतरा बना हुआ है. ग्रामीण कई बार इस बाबत प्रशासन को सूचित कर चुके हैं. बावजूद इसके प्रशासन द्वारा खनन माफिया के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. प्रशासन की चुप्पी से खनन माफिया के हौसलें इतने बुलंद हो गए हैं कि स्वां नदी में जगह-जगह 15 से 20 फुट तक गहरे गड्ढे खोद दिये गए हैं, कभी भी अनहोनी का अंदेशा बना हुआ है.

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Published : Jun 25, 2019, 5:19 PM IST

Updated : Jun 26, 2019, 12:10 AM IST

ऊना: जिला में नियमों को ताक पर रखकर स्वां नदी का सीना छलनी किया जा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि पीले पंजे से खनन माफिया दिन रात खनन कर रही है. स्वां नदी में 15 से 20 फुट तक गहरा खनन किया गया है.

ग्रामीणों की शिकायत है कि बरसात में स्वां नदी का बहाव उनके खेतों तक पहुंचेगा, जिससे फसलें खराब होने का डर बना हुआ है. ग्रामीणों द्वारा पंचायत को लिखित और मौखिक शिकायत देने के बावजूद प्रशासन या पंचायत द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई. खनन माफिया के हौंसले इतने बढ़ चुके हैं कि पीले पंजे द्वारा दिन-दिहाड़े अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है. खनन माफिया द्वारा स्वां नदी में खनन कर 15 से 20 फुट तक गहरे गड्ढे खोद दिये गए हैं. जिससे अनहोनी का अंदेशा बना हुआ है. गांव के बीच नदी से रेत निकाल कर बड़े-बड़े डंप लगा दिए हैं. जिससे हर समय दुघर्टना का खतरा बना रहता है.

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गौर हो कि ऊना की स्वां नदी को जीवन धारा के नाम से जाना जाता है, लेकिन खनन माफिया इसी जीवन धारा का चिरहरण करने पर उतारू है. नदी से रोजाना रेत से भरे सैंकडों टिप्पर व ट्रैक्टर हिमाचल व पंजाब में रवाना किये जा रहे हैं. स्वां नदी तटीकरण के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन खनन माफिया इन तटबंधों के साथ ही रेत उठाकर गहरे गड्ढे बना रहा है. जिससे इन तटबंधों को नुकसान का अंदेशा बना हुआ है.

ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार खनन के खिलाफ आवाज उठाई गई. लेकिन खनन माफिया की ऊंची पहुंच होने की वजह से उनकी आवाज को दबाया जा रहा है. इस बार हरोली विधानसभा क्षेत्र के गांव कांगड़ के लोगों ने खनन माफिया के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर दी है. कांगड़ के ग्रामीणों ने खनन माफिया की बढ़ती गतिविधियों से परेशान होकर शिकायत पत्र पंचायत को सौंपकर इस मामले पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई है.

वहीं क्षेत्र में बढ़ रहे खनन को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. हरोली ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष विनोद बिट्टू ने कहा कि जयराम सरकार में प्रशासन खनन गतिविधियों को लेकर आंखे मूंद कर बैठा है. वहीं, पंचायत प्रधान ने कहा कि लोगों द्वारा अवैध खनन को लेकर शिकायतें मिल रही थी, जिसे लेकर आज मौका देखा गया. पंचायत प्रधान ने माना कि स्वां नदी में बहुत बड़े स्तर पर खनन हो रहा है. पंचायत प्रधान ने प्रशासन और सरकार से खनन पर लगाम लगाने की मांग उठाई है.

खनन विभाग के निरीक्षक का कहना है कि खनन करने वालों पर समय पर कार्रवाई की जा रही है. खनन इंस्पेक्टर की का कहना है कि उन्हें मीडिया के माध्यम से खनन का पता चला है. अब सवाल उठता है कि विभाग क्षेत्र में जाकर खनन गतिविधियों का जायजा लेता है या नहीं.

ऊना: जिला में नियमों को ताक पर रखकर स्वां नदी का सीना छलनी किया जा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि पीले पंजे से खनन माफिया दिन रात खनन कर रही है. स्वां नदी में 15 से 20 फुट तक गहरा खनन किया गया है.

ग्रामीणों की शिकायत है कि बरसात में स्वां नदी का बहाव उनके खेतों तक पहुंचेगा, जिससे फसलें खराब होने का डर बना हुआ है. ग्रामीणों द्वारा पंचायत को लिखित और मौखिक शिकायत देने के बावजूद प्रशासन या पंचायत द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई. खनन माफिया के हौंसले इतने बढ़ चुके हैं कि पीले पंजे द्वारा दिन-दिहाड़े अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है. खनन माफिया द्वारा स्वां नदी में खनन कर 15 से 20 फुट तक गहरे गड्ढे खोद दिये गए हैं. जिससे अनहोनी का अंदेशा बना हुआ है. गांव के बीच नदी से रेत निकाल कर बड़े-बड़े डंप लगा दिए हैं. जिससे हर समय दुघर्टना का खतरा बना रहता है.

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गौर हो कि ऊना की स्वां नदी को जीवन धारा के नाम से जाना जाता है, लेकिन खनन माफिया इसी जीवन धारा का चिरहरण करने पर उतारू है. नदी से रोजाना रेत से भरे सैंकडों टिप्पर व ट्रैक्टर हिमाचल व पंजाब में रवाना किये जा रहे हैं. स्वां नदी तटीकरण के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन खनन माफिया इन तटबंधों के साथ ही रेत उठाकर गहरे गड्ढे बना रहा है. जिससे इन तटबंधों को नुकसान का अंदेशा बना हुआ है.

ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार खनन के खिलाफ आवाज उठाई गई. लेकिन खनन माफिया की ऊंची पहुंच होने की वजह से उनकी आवाज को दबाया जा रहा है. इस बार हरोली विधानसभा क्षेत्र के गांव कांगड़ के लोगों ने खनन माफिया के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर दी है. कांगड़ के ग्रामीणों ने खनन माफिया की बढ़ती गतिविधियों से परेशान होकर शिकायत पत्र पंचायत को सौंपकर इस मामले पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई है.

वहीं क्षेत्र में बढ़ रहे खनन को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. हरोली ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष विनोद बिट्टू ने कहा कि जयराम सरकार में प्रशासन खनन गतिविधियों को लेकर आंखे मूंद कर बैठा है. वहीं, पंचायत प्रधान ने कहा कि लोगों द्वारा अवैध खनन को लेकर शिकायतें मिल रही थी, जिसे लेकर आज मौका देखा गया. पंचायत प्रधान ने माना कि स्वां नदी में बहुत बड़े स्तर पर खनन हो रहा है. पंचायत प्रधान ने प्रशासन और सरकार से खनन पर लगाम लगाने की मांग उठाई है.

खनन विभाग के निरीक्षक का कहना है कि खनन करने वालों पर समय पर कार्रवाई की जा रही है. खनन इंस्पेक्टर की का कहना है कि उन्हें मीडिया के माध्यम से खनन का पता चला है. अब सवाल उठता है कि विभाग क्षेत्र में जाकर खनन गतिविधियों का जायजा लेता है या नहीं.

Intro:ऊना की स्वां नदी में नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा अवैध खनन, पीले पंजे से किया जा रहा खनन , खनन को लेकर ग्रामीण हुए उग्र , ग्रामीणों ने प्रशासन से लगाई खनन को रोकने की गुहार।


Body:एंकर-- जिला ऊना में नियमों को ताक पर रखकर स्वां नदी का सीना छलनी किया जा रहा है। पीले पंजे से अवैध खनन किया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि पीले पंजे से खनन माफिया दिन रात खनन को अंजाम दे रहा है। हालात ये है कि स्वां नदी में 15 से 20 फूट तक गहरा खनन किया गया है। गहरे गड्ढे होने के कारण कोई भी इनमें गिर सकता है। जिसके चलते ग्रामीणों का आरोप है कि बरसात के समय स्वां नदी का बहाव उनके उपजाऊ खेतों में पहुंचेगा,। जिससे उनके खेत पानी में बह जा जायेंगे। ग्रामीणों द्वारा पंचायत को लिखित तथा मौखिक शिकायत दी गई लेकिन प्रशासन या पंचायत द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही अमल में नही लाई गई।

वीओ-- 1 जिला ऊना में खनन माफिया के होंसले इतने बढ़ चुके हैं कि पीले पंजे द्वारा दिन दिहाड़े अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है। लेकिन पुलिस और प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं है। खनन माफिया द्वारा स्वां नदी में खनन करके 15 से 20 फुट तक के गहरे गड्ढे खोद दिये गए है। जहां किसी भी समय कोई भी व्यक्ति गिर सकता है या फिर कोई घटना घट सकती है।
ऊना की स्वां नदी को जीवन धारा कहा जाता है लेकिन खनन माफिया इसी जीवन धारा का चिरहरण करने पर उतारू है। इसी नदी से हर रोज सैंकडों टिप्पर व ट्रैक्टर रेत से भरे हिमाचल व पंजाब राज्य में रवाना किये जा रहे हैं। स्वां नदी तटीकरण के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। लेकिन खनन माफिया इन तटबन्धों के साथ ही रेत उठाकर गहरे गड्ढे बना रहा है। जिससे इन तटबन्धों को नुकसान का अंदेशा बना हुआ है।

ग्रामीणों द्वारा कई बार खनन के खिलाफ आवाज उठाई गई। लेकिन खनन माफिया की ऊंची पहूंच होने के कारण उनकी आवाज को दवा दिया जाता है। इस बार हरोली विधानसभा क्षेत्र के गांव कांगड़ के लोगों ने खनन माफिया के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर दी है। कांगड़ के ग्रामीणों ने खनन माफिया की बढ़ती गतिविधियों से परेशान होकर शिकायत पत्र पंचायत को सौंपकर इस मामले पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग उठाई है।

वहीं स्थानीय लोगों का कहना कि स्वां में खनन माफिया द्वारा बड़े बड़े गड्ढे खोद दिये गए हैं। जिससे किसी अनहोनी का अंदेशा बना हुआ है। वहीं गांव के बीच नदी से रेत निकाल कर बड़े बड़े डंप लगा दिए हैं। जिससे हर समय दुघर्टना का खतरा बना रहता है।

बाइट-- ग्रामीण
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बाइट -- विनोद बिट्टू (अध्यक्ष, ब्लाक कांग्रेस हरोली)
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वीओ-2 वहीं क्षेत्र में बढ़ रहे खनन को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। हरोली ब्लॉक् कांग्रेस अध्यक्ष विनोद बिट्टू ने कहा कि जयराम सरकार में प्रशासन खनन गतिविधियों को लेकर आंखे मूंद कर बैठा है।

बाइट-- शशि रानी (पंचायत प्रधान, कांगड़)
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वहीं पंचायत प्रधान कहा कि लोगों द्वारा अवैध खनन को लेकर शिकायतें मिल रही थी। जिसे लेकर आज मौका देखा गया। पंचायत प्रधान ने माना कि स्वां नदी में बहुत बड़े स्तर पर खनन हो रहा है। पंचायत प्रधान ने प्रशासन और सरकार से खनन पर लगाम लगाने की मांग उठाई है।




Conclusion:बाइट--योगराज (इंस्पेक्टर, खनन विभाग)
MINING KANGAR-10
वहीं खनन विभाग के निरीक्षक का कहना है कि खनन करने वालों पर समय समय पर कार्यवाही की जाती रही है। खनन इंस्पेक्टर की माने तो खनन का पता उन्हें मीडिया के माध्यम से चला है। अब सवाल उठता है कि विभाग क्षेत्र में जाकर खनन गतिविधियों का जायजा नही लेता।

नोट माइनिंग इंस्पेक्टर का बाइट मेल से उठा लें।
Last Updated : Jun 26, 2019, 12:10 AM IST
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