ऊना: प्रदेश सरकार की ओर से स्मार्ट सिटी के तर्ज पर ईको विलेज विकसित करने की योजना आरंभ की गई है. इसके अंतर्गत पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रदेश के 10 गांवों का चयन किया गया है. पर्यावरण बदलाव से हो रहे नुकसान से निपटने के लिए इस योजना पर कार्य आरंभ किया गया है.
गामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कुटलैहड़ विधान सभा क्षेत्र के चंगर में ईको विलेज की आधारशीला रखने के बाद जनता को संबोधित किया. इस दौरान वीरेंद्र कंवर ने कहा कि ईको विलेज में जल संरक्षण, पौधारोपण, सौर ऊर्जा, प्राकृतिक खेती, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन जैसी पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों पर कार्य किया जाएगा.
मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि चंगर पंचायत में पर्यटन को बढ़ावा देन के लिए ईको विलेज से संबंधित विभिन्न योजनाओं के तहत 1.50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसमें 40 लाख की लागत से लोक भवन, 20 लाख की मदद से ईको पार्क, 5 लाख की मदद से सामुदायिक केंद्र का निर्माण किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 5 लाख की लागत से 25 सोलर लाइटें लगाई जाएंगी. 5 लाख की लागत से महिला मंडल भवन निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा गांव में 1500 पौधे लगाए जाएंगे. इस मौके पर स्वच्छता सेवा अभियान के तहत डीआरडीए के सौजन्य से 200 कपड़े के बैग बांटे गये.
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ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कुटलैहड़ विधान सभा क्षेत्र में पर्यटन की आपार संभावनाएं हैं, जिन्हें विकसित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. कुटलैहड़ में जहां गोविंद सागर झील में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार प्रत्यनशील है वहीं यहां के प्राचीन किले और अन्य धार्मिक स्थानों को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए वृहद योजना बनाई गई है.
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