ऊनाः देश के कई हिस्सों में ब्लैक फंगस के मामले सामने आने के बाद जिला ऊना में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. सीएमओ ऊना डॉ. रमन शर्मा ने इससे बचने के लिए सभी चिकित्सा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. सीएमओ डॉ. रमन शर्मा ने बताया कि फिलहाल जिला ऊना में ब्लैक फंगस का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. सीएमओ ऊना ने शुगर व कैंसर जैसी गंभीर बिमारियों से जूझ रहे कोविड-19 संक्रमित रोगियों को अधिक सतर्क रहने की सलाह दी है.
ब्लैक फंगस कोरोना संक्रमितों की आंखों पर करता हमला
इस बारे जानकारी देते हुए सीएमओ ऊना डॉ. रमन कुमार शर्मा ने कहा कि ब्लैक फंगस कोरोना संक्रमितों की आंखों पर हमला करता है. उन्होंने कहा कि शुरुआत में ब्लैक फंगस से संक्रमित व्यक्ति को जुकाम, नाक बंद होना, नाक से खून आना, दर्द, चेहरे पर सूजन व कालापन आना जैसे लक्षण आते हैं. संक्रमण फैलने पर मरीज बेहोश होने लगता है व अन्य मानसिक दिक्कतें शुरू हो जाती हैं. इस रोग से आंखों, फेफड़ों व अंदरूनी अंगों पर प्रभाव पड़ता है और यह पहले से ही कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों पर आसानी से हमला करता है.
इन मरीजों को होता है ज्यादा खतरा
सीएमओ ने कहा कि जिन मरीजों को शुगर की बीमारी है या जो स्टेरॉयड दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, उन पर इसका खतरा अधिक है. उन्होंने कहा कि कैंसर का इलाज करा रहे मरीज या किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित मरीजों को भी ब्लैक फंगस प्रभावित कर रहा है. कोरोना पीड़ित गंभीर मरीज जो ऑक्सीजन मास्क या वेंटिलेटर के जरिए ऑक्सीजन स्पोर्ट पर हैं, ऐसे मरीजों को सतर्क रहने की जरूरत है.
ब्लैक फंगस से बचाव के लिए रखना होगा खानपान का ध्यान
साथ में कहा कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद भी 7 दिन तक घर पर भी मास्क लगा कर रखें. उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस से बचाव के लिए अपने खान-पान का ध्यान रखना आवश्यक है. अपने खाने में जिंक, मल्टीविटामिन और प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं व अगर ब्लैक फंगस के लक्षण आएं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.
ये भी पढ़ेंः- सेवा का जज्बा! कोरोना काल में धर्मशाला में जरूरतमदों की भूख मिटा रहा गुप्ता परिवार