ऊना: जिला में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बाद प्रशासन अब और सख्त हो गया है. प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की ओर से निजी संचालकों व केमिस्टों को फ्लू वाले लक्षणों के मरीजों की जानकारी साझा करने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसा ना करने पर डीएम एक्ट के तहत मामला दर्ज भी किया जा सकता है.
डीएम एक्ट का होगा प्रयोग
जिला में कोरोना के मरीजों का आंकड़ा बढ़ने के कारण प्रशासन और गंभीर हो गया है. शासन की ओर से अब डीएम एक्ट का प्रयोग करते हुए जिला भर के निजी क्लीनिक संचालकों व केमिस्ट को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. निजी क्लीनिकों में इलाज के लिए आने वाले फ्लू के मरीजों को भी टेस्ट करवाने के लिए प्रेरित करना होगा. इसके अलावा इस प्रकार के सभी मरीजों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग से साझा करनी पड़ेगी.
निजी क्लीनिक संचालकों को जारी आदेश
इस नियम के तहत विभाग की ओर से सभी निजी क्लीनिक संचालकों को यह निर्देश जारी कर दिए गए हैं. बता दें कि जिला में बहुत से लोग फ्लू होने पर निजी क्लीनिक में जाकर अपना इलाज करवाते हैं, लेकिन समय रहते उनकी सही जानकारी स्वास्थ्य विभाग तक नहीं पहुंचती है. समय बीत जाने पर जब वह कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उन्हें ठीक करने के लिए विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है.
मरीजों की जानकारी करें साझा
ऐसे में प्रशासन की ओर से डीएम का सहारा लेते हुए यह फैसला लिया गया है. डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत इन नियमों की पालना ना करने पर सजा व जुर्माने का प्रावधान भी रखा गया है. सीएमओ ऊना डॉ रमन शर्मा ने बताया कि निजी क्लीनिक संचालकों को अब फ्लू के लक्षणों से संबंधित मरीजों की जानकारी साझा करनी होगी. ऐसा ना करने पर उन पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है. डीसी की इसके लिए निर्देश जारी किए गए हैं.
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