ऊनाः ऊना के किसानों को अब गेहूं फसल बेचने के लिए दूरदराज क्षेत्रों का रुख करने से निजात मिल गई है. भारतीय खाद्य निगम द्वारा जिला के दो स्थानों पर गेहूं खरीद केंद्र खोलकर किसानों के लिए घर-द्वार पर ही गेहूं बेचने की सुविधा प्रदान की गई है. हालांकि गेहूं की फसलों की कटाई का सीजन जोरों पर है. ऐसे में आरंभिक तौर पर खेतों से निकल चुकी गेहूं की फसल भारतीय खाद्य निगम के खरीद केंद्रों पर पहुंचना भी शुरू हो गई है.
किसानों को मिल रहा समर्थन मूल्य
जिला ऊना के किसानों से भारतीय खाद्य निगम द्वारा करीब 1975 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर यह फसलें खरीदी जा रही हैं. गौरतलब है कि इससे पूर्व जिला के किसान पंजाब की विभिन्न मंडियों में जाकर अपना अनाज बेचते थे. लेकिन कोरोना के चलते बदली परिस्थितियों में पंजाब की मंडियों में बाहरी राज्यों के किसानों से किसी भी प्रकार की खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
किसानों को सुविधा
लिहाजा भारतीय खाद्य निगम ने हिमाचल प्रदेश के किसानों को उन्हीं के घर-द्वार पर फसल बेचने की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से गेहूं खरीद केंद्रों की शुरुआत की गई है. जिला के हरोली उप मंडल के कांगड़ और अंब उप मंडल के टकारला में इन केंद्रों को न केवल स्थापित किया गया है बल्कि यहां फसलें खरीदने का काम शुरू भी कर दिया गया है.
घर-द्वार पर मिल रही सुविधा
जिला के किसानों को गेहूं की फसल बेचने के लिए पंजाब का रुख करने से अब निजात मिल गई है. कोरोना के चलते जहां पंजाब की मंडियों में अन्य राज्यों के किसानों से गेहूं की खरीद को प्रतिबंधित कर दिया गया है.
वहीं, अब जिला के किसानों के लिए भी पंजाब की मंडी में प्रतिबंध के बाद घर-द्वार पर गेहूं बेचने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला में दो केंद्रों की स्थापना कर दी गई है. जिला हरोली उपमंडल के कांगड़ और अंब उप मंडल के टकारला में किसान अपनी फसल बेचने के लिए आ रहे हैं. रोजाना सुबह करीब 9 बजे मंडी शुरू हो जाती है. सुबह 9 बजे से ही यहां किसानों की आवाजाही शुरू हो जाती है.
किसानों को मिल रहा फायदा
पिछले वर्ष की अपेक्षा यहां ज्यादा किसानों के फसल बेचने की उम्मीद है. इस गोदाम में गेहूं की स्टोरेज कैपेसिटी 6670 मीट्रिक टन है, लेकिन विशेष रूप से जो गेहूं खरीदी जा रही है, उसके लिए एक शेड को पूरा खाली रखा गया है. इसकी 1670 मीट्रिक टन केपेसिटी है, लेकिन 2 हजार मीट्रिक टन तक इस में स्टोर किया जा सकता है. किसानों को 1975 पर न्यूनतम समर्थन मूल्य गेहूं खरीद पर दिया जा रहा है, जो भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है. यहां किसानों को यह राशि सीधे उनके खातों में जमा करवाई जा रही है.
गेहूं खरीद केंद्र के प्रभारी विकास काले ने बताया कि जिला में एक गेहूं खरीद सेंटर हरोली उपमंडल के कांगड़ और अंब उप मंडल के टकारला में भी केंद्र खोला गया है, ताकि किसानों को गेहूं की फसल बेचने के लिए ज्यादा दूर न जाना पड़े.
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