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यूसुफ खान की हाइड्रोपोनिक विधि का कमाल, अब कमरे के अंदर उगा सकेंगे पशुओं के लिए चारा - Production of fodder by hydroponic technology

पशुपालन व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है.पशुओं के लिए चारे का उत्पादन पशुपालक अब एक बंद कमरे में भी कर सकेंगे.ऊना के अग्रीणी किसान युसूफ खान ने हाइड्रोपोनिक तकनीक से सब्जी-मशरूम उत्पादन करने के बाद पशुओं के लिए चारा भी तैयार कर दिया है. इस तकनीक का पशुपालन व्यवसाय से जुड़े लोगों को काफी लाभ भी मिलने वाला है.

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Published : May 12, 2021, 2:52 PM IST

ऊना: पशुपालन व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. पशुओं के लिए चारे का उत्पादन पशुपालक अब एक बंद कमरे में भी कर सकेंगे. मशरूम उत्पादन के क्षेत्र से सफर शुरू करने वाले जिला ऊना के अग्रणी किसान युसूफ खान ने हाइड्रोपोनिक तकनीक से पशुपालन व्यवसाय को एक नई राह दिखाने का प्रयास किया है.

कमरे के अंदर उगा सकते हैं पशुओं के लिए चारा

ऊना हिमाचल प्रदेश का एक गर्म इलाका है. ऊना के अग्रीणी किसान युसूफ खान ने हाइड्रोपोनिक तकनीक से सब्जी-मशरूम उत्पादन करने के बाद पशुओं के लिए चारा भी तैयार कर दिया है. इस तकनीक का पशुपालन व्यवसाय से जुड़े लोगों को काफी लाभ भी मिलने वाला है. हाइड्रोपोनिक विधि में मिट्टी के बिना या किसी अन्य मृदा संबंधित तत्व से चारे का उत्पादन किया जा सकता है. हाइड्रोपोनिक विधि में पानी के जरिए उत्पादन किया जाता है. हाइड्रोपोनिक विधि से तैयार चारा खाने से पशु का दूध गाढ़ा होगा और दूध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी. इस चारे को तैयार होने में मात्र 7 से 10 दिन का समय लगता है. इस विधि के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती. कमरे के अंदर ही किसान पशुओं के लिए चारा तैयार कर सकते हैं.

वीडिय

यूसुफ खान ने हाइड्रोपोनिक तकनीक से तैयार किया चारा

दरअसल युसूफ खान ने सबसे पहले ऊना जिला में मशरूम उत्पादन का काम शुरू किया था. वहीं, युसूफ ने एयरोपोनिक और हाइड्रोपोनिक विधि पर भी काफी काम किया है. इस समय युसूफ अपने पॉलीहाउस में हाइड्रोपोनिक तकनीक से कई प्रकार की सब्जियों के उत्पादन पर शोध कर रहे हैं. वहीं, इस विधि से लैटयूस का सफल उत्पादन कर रहे है. इसके साथ ही युसूफ फूलों की खेती भी कर रहे हैं. युसूफ खान किसानों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं और पिछले लंबे समय से प्रशिक्षण केंद्र भी चला रहे हैं, जिसमें सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं.

हाइड्रोपोनिक तकनीक से चारे का उत्पादन करने वाले जिला के अग्रणी किसान युसूफ खान कहते हैं कि इस विधि से हर मौसम में चारा तैयार किया जा सकता है, जिससे किसानों को मौसम के चलते किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आएगी. युसूफ की माने तो एक छोटा सा प्रशिक्षण प्राप्त कर किसान इस विधि को अपना सकते है.
ये भी पढ़ें: हिमाचल में 10वीं के छात्र होंगे प्रमोट, शिक्षा विभाग ने जारी किए निर्देश

ऊना: पशुपालन व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. पशुओं के लिए चारे का उत्पादन पशुपालक अब एक बंद कमरे में भी कर सकेंगे. मशरूम उत्पादन के क्षेत्र से सफर शुरू करने वाले जिला ऊना के अग्रणी किसान युसूफ खान ने हाइड्रोपोनिक तकनीक से पशुपालन व्यवसाय को एक नई राह दिखाने का प्रयास किया है.

कमरे के अंदर उगा सकते हैं पशुओं के लिए चारा

ऊना हिमाचल प्रदेश का एक गर्म इलाका है. ऊना के अग्रीणी किसान युसूफ खान ने हाइड्रोपोनिक तकनीक से सब्जी-मशरूम उत्पादन करने के बाद पशुओं के लिए चारा भी तैयार कर दिया है. इस तकनीक का पशुपालन व्यवसाय से जुड़े लोगों को काफी लाभ भी मिलने वाला है. हाइड्रोपोनिक विधि में मिट्टी के बिना या किसी अन्य मृदा संबंधित तत्व से चारे का उत्पादन किया जा सकता है. हाइड्रोपोनिक विधि में पानी के जरिए उत्पादन किया जाता है. हाइड्रोपोनिक विधि से तैयार चारा खाने से पशु का दूध गाढ़ा होगा और दूध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी. इस चारे को तैयार होने में मात्र 7 से 10 दिन का समय लगता है. इस विधि के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती. कमरे के अंदर ही किसान पशुओं के लिए चारा तैयार कर सकते हैं.

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यूसुफ खान ने हाइड्रोपोनिक तकनीक से तैयार किया चारा

दरअसल युसूफ खान ने सबसे पहले ऊना जिला में मशरूम उत्पादन का काम शुरू किया था. वहीं, युसूफ ने एयरोपोनिक और हाइड्रोपोनिक विधि पर भी काफी काम किया है. इस समय युसूफ अपने पॉलीहाउस में हाइड्रोपोनिक तकनीक से कई प्रकार की सब्जियों के उत्पादन पर शोध कर रहे हैं. वहीं, इस विधि से लैटयूस का सफल उत्पादन कर रहे है. इसके साथ ही युसूफ फूलों की खेती भी कर रहे हैं. युसूफ खान किसानों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं और पिछले लंबे समय से प्रशिक्षण केंद्र भी चला रहे हैं, जिसमें सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं.

हाइड्रोपोनिक तकनीक से चारे का उत्पादन करने वाले जिला के अग्रणी किसान युसूफ खान कहते हैं कि इस विधि से हर मौसम में चारा तैयार किया जा सकता है, जिससे किसानों को मौसम के चलते किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आएगी. युसूफ की माने तो एक छोटा सा प्रशिक्षण प्राप्त कर किसान इस विधि को अपना सकते है.
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