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ऊना में One Rank One Pension Part-2 को लेकर दहाड़े पूर्व सैनिक, पेंशन विसंगति को लेकर कही ये बात - ex servicemen meeting

शनिवार को ऊना जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस में पूर्व सैनिक संघर्ष संगठन की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 को लेकर चल रहे आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने के साथ-साथ आगामी रणनीतियां तय की गई हैं. पूर्व सैनिकों का आरोप है कि सरकार और सेना के अफसरों द्वारा सैनिक से लेकर जेसीओ स्तर के पूर्व सैनिकों के साथ पेंशन मामले में बेहद अन्याय किया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

ex servicemen meeting in una
ऊना में वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 को लेकर पूर्व सैनिकों की बैठक.
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Published : Mar 18, 2023, 4:06 PM IST

कैप्टन शक्ति चंद (अध्यक्ष, पूर्व सैनिक संघर्ष संगठन)

ऊना: वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 को लेकर चल रहे संघर्ष के बीच पूर्व सैनिकों ने आंदोलन को धार देने का काम शुरू कर दिया है. शनिवार को जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस में पूर्व सैनिक संघर्ष संगठन की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 को लेकर चल रहे आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने के साथ-साथ आगामी रणनीतियां तय की गई हैं. संघर्ष संगठन के अध्यक्ष कैप्टन शक्ति चंद की अगुवाई में एकत्रित हुए पूर्व सैनिकों ने पेंशन विसंगति दूर करने के लिए आवाज बुलंद की.

पूर्व सैनिकों का आरोप है कि सरकार और सेना के अफसरों द्वारा सैनिक से लेकर जेसीओ स्तर के पूर्व सैनिकों के साथ पेंशन मामले में बेहद अन्याय किया गया है. हालत यह है कि यदि युद्ध के दौरान किसी सैनिक और अफसर का अंग कट जाता है तब भी सामान्य सैनिक को मुआवजे में भारी-भरकम अन्याय पूर्ण फैसला सुनाया जाता है. पूर्व सैनिकों ने ऐलान किया कि वर्ष 2024 तक एक बड़ा आंदोलन देश में खड़ा किया जाएगा. जिसमें सभी पूर्व सैनिकों को शामिल करते हुए सरकार की कुंभकरणी नींद को खोला जाएगा.

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ऊना में वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 को लेकर पूर्व सैनिकों की बैठक.

वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 मामले को लेकर चल रहे आंदोलन को पूर्व सैनिकों द्वारा और धार दी जाएगी. शनिवार को जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस में पहुंचे पूर्व सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 आंदोलन के लिए रणनीति बनाई. इस मौके पर पूर्व सैनिक संघर्ष संगठन के अध्यक्ष कैप्टन शक्ति चंद ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि दिल्ली के जंतर मंतर में चल रहे पूर्व सैनिकों के संघर्ष में करीब 2000 हिमाचली पूर्व सैनिक पहुंचे थे. इस मामले में आगे भी आंदोलन जारी रखा जाएगा और हिमाचल प्रदेश से वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जाएगी.

कैप्टन शक्ति चंद ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन मुद्दे को लेकर जो विसंगतियां पैदा की गई है वह सेना के अफसरों द्वारा ही की गई है जबकि सरकार इस मामले पर आंखें मूंदकर बैठी है. उन्होंने कहा कि यदि किसी सैन्य ऑपरेशन में सामान्य सिपाही और एक अधिकारी की टांग कट जाए तो सैनिक की टांग को मिट्टी की और अफसर की टांग को सोने की टांग के बराबर तोला जाता है. मुआवजे के रूप में जहां सैनिक के साथ लीपापोती की जाती है जबकि अधिकारी को लाखों रुपए प्रदान किए जाते हैं.

उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अन्याय के कारण पूर्व सैनिकों का मनोबल तो टूटा ही है साथ ही साथ सेनाओं में भर्ती होने को लालायित युवा भी इस अन्याय को देखकर पैर पीछे खींचने में लगे हैं. कैप्टन शक्ति चंद ने ऐलान किया कि 3 अप्रैल को इस मामले को लेकर प्रत्येक जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन होंगे और उपायुक्तों के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजे जाएंगे. उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि यदि अब भी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 की विसंगतियों को दूर करने की दिशा में कदम नहीं बढ़ाया तो 6 अगस्त को देशभर के पूर्व सैनिक दिल्ली कूच करते हुए रामलीला मैदान में देशव्यापी आंदोलन खड़ा करेंगे.

ये भी पढ़ें- सुक्खू सरकार के बजट से हमीरपुर वासी गदगद, विधायक आशीष और स्थानीय लोगों ने जताया आभार

कैप्टन शक्ति चंद (अध्यक्ष, पूर्व सैनिक संघर्ष संगठन)

ऊना: वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 को लेकर चल रहे संघर्ष के बीच पूर्व सैनिकों ने आंदोलन को धार देने का काम शुरू कर दिया है. शनिवार को जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस में पूर्व सैनिक संघर्ष संगठन की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 को लेकर चल रहे आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने के साथ-साथ आगामी रणनीतियां तय की गई हैं. संघर्ष संगठन के अध्यक्ष कैप्टन शक्ति चंद की अगुवाई में एकत्रित हुए पूर्व सैनिकों ने पेंशन विसंगति दूर करने के लिए आवाज बुलंद की.

पूर्व सैनिकों का आरोप है कि सरकार और सेना के अफसरों द्वारा सैनिक से लेकर जेसीओ स्तर के पूर्व सैनिकों के साथ पेंशन मामले में बेहद अन्याय किया गया है. हालत यह है कि यदि युद्ध के दौरान किसी सैनिक और अफसर का अंग कट जाता है तब भी सामान्य सैनिक को मुआवजे में भारी-भरकम अन्याय पूर्ण फैसला सुनाया जाता है. पूर्व सैनिकों ने ऐलान किया कि वर्ष 2024 तक एक बड़ा आंदोलन देश में खड़ा किया जाएगा. जिसमें सभी पूर्व सैनिकों को शामिल करते हुए सरकार की कुंभकरणी नींद को खोला जाएगा.

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ऊना में वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 को लेकर पूर्व सैनिकों की बैठक.

वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 मामले को लेकर चल रहे आंदोलन को पूर्व सैनिकों द्वारा और धार दी जाएगी. शनिवार को जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस में पहुंचे पूर्व सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 आंदोलन के लिए रणनीति बनाई. इस मौके पर पूर्व सैनिक संघर्ष संगठन के अध्यक्ष कैप्टन शक्ति चंद ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि दिल्ली के जंतर मंतर में चल रहे पूर्व सैनिकों के संघर्ष में करीब 2000 हिमाचली पूर्व सैनिक पहुंचे थे. इस मामले में आगे भी आंदोलन जारी रखा जाएगा और हिमाचल प्रदेश से वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जाएगी.

कैप्टन शक्ति चंद ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन मुद्दे को लेकर जो विसंगतियां पैदा की गई है वह सेना के अफसरों द्वारा ही की गई है जबकि सरकार इस मामले पर आंखें मूंदकर बैठी है. उन्होंने कहा कि यदि किसी सैन्य ऑपरेशन में सामान्य सिपाही और एक अधिकारी की टांग कट जाए तो सैनिक की टांग को मिट्टी की और अफसर की टांग को सोने की टांग के बराबर तोला जाता है. मुआवजे के रूप में जहां सैनिक के साथ लीपापोती की जाती है जबकि अधिकारी को लाखों रुपए प्रदान किए जाते हैं.

उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अन्याय के कारण पूर्व सैनिकों का मनोबल तो टूटा ही है साथ ही साथ सेनाओं में भर्ती होने को लालायित युवा भी इस अन्याय को देखकर पैर पीछे खींचने में लगे हैं. कैप्टन शक्ति चंद ने ऐलान किया कि 3 अप्रैल को इस मामले को लेकर प्रत्येक जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन होंगे और उपायुक्तों के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजे जाएंगे. उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि यदि अब भी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन पार्ट-2 की विसंगतियों को दूर करने की दिशा में कदम नहीं बढ़ाया तो 6 अगस्त को देशभर के पूर्व सैनिक दिल्ली कूच करते हुए रामलीला मैदान में देशव्यापी आंदोलन खड़ा करेंगे.

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