ऊना: सवर्ण संगठनों द्वारा प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में गठित किए गए सामान्य आयोग को एक्ट के तौर पर लागू करने की मांग को लेकर 16 मार्च को निर्धारित धरने से 2 दिन पहले धरना प्रदर्शन में शामिल होने वालों को नोटिस जारी किए (Notice to Devbhoomi Swarna Sangathan officials) गए. देवभूमि सवर्ण संगठन के पदाधिकारियों में एक को इसी तरह का नोटिस जिला पुलिस द्वारा भेजा गया, जिसमें 16 मार्च को धरना प्रदर्शन में शामिल न होने की हिदायत दी गई.
पुलिस के नोटिस में इस धरना प्रदर्शन से अराजकता फैलने का अंदेशा जताया गया. वहीं ,साथ ही शिमला की भौगोलिक परिस्थितियों का हवाला देते हुए वहां जाम जैसी परिस्थिति होने का भी संदेह जताया गया. सवर्ण समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि इन तमाम चीजों का बहाना बनाकर सवर्ण समाज के मुखिया लोगों को नोटिस जारी करते हुए धरना प्रदर्शन को रद्द करवाने का दबाव बनाया जा रहा.
जिला पुलिस द्वारा शिमला में 16 मार्च को आयोजित होने वाले धरना प्रदर्शन से ठीक पहले देवभूमि सवर्ण संगठन के पदाधिकारियों को नोटिस जारी किए जा रहे. ऊना में देवभूमि सवर्ण संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष विनय राणा को नोटिस मिला है. विनय राणा ने इसे सरकार का तानाशाही रवैया करार दिया.वही देवभूमि सवर्ण संगठन के जिला सचिव अमित शर्मा ने भी इस फरमान को तुगलकी फरमान करार दिया. शर्मा ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में इस तरह के नोटिस को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.
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