ऊनाः मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज शिमला से वर्चुअल माध्यम से जिला ऊना के बाथड़ी, पोलियां, पंडोगा, मैहतपुर और गगरेट में खनन पड़ताल चैकियों का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में अवैध खनन को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि इन खनन पड़ताल चैकियों और अन्य आवश्यक उपकरणों के निर्माण के लिए 1.01 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं.
नए उद्योगों की स्थापना जरुरी
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विभिन्न विकासात्मक कार्यों जैसे नए उद्योगों की स्थापना, सड़क निर्माण और अन्य घरेलू जरूरतों के लिए रेत, बजरी और पत्थर की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है. इसलिए यह आवश्यक है कि नए संसाधनों का वैज्ञानिक और समुचित तरीके से दोहन किया जाए और अवैध खनन पर अंकुश लगाया जाएं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाथड़ी, पोलियां, पंडोगा, मैहतपुर और गगरेट में स्थापित पांच खनन पड़ताल चैकियां इस क्षेत्र में अवैध खनन को रोकने में सहायक सिद्ध होंगी. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के एक कांग्रेस के नेता ने वर्तमान सरकार पर अवैध खनन को रोकने के लिए कुछ नहीं किए जाने का आरोप लगाया, लेकिन तथ्य यह है कि पिछली राज्य सरकार द्वारा 57 खनन परमिट प्रदान किए गए थे, जो चिंता का विषय है.
कांग्रेस के कार्यकाल में फल-फूला खनन
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नेता को यह समझना चाहिए कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में क्षेत्र में अवैध खनन फल-फूल रहा था. जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में लघु खनिज जैसे रेत, बजरी व पत्थर की कमी के कारण विकासात्मक कार्य प्रभावित न हों, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न नदी व नालों में उपलब्ध लघु खनिजों की नीलामी पारदर्शी रूप से खुली बोली से करने का निर्णय लिया है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अवैध खनन को रोकने के लिए अवैध खनन, यातायात और भंडारण करने वाले व्यक्तियों को दो साल की कैद और पांच लाख तक का जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान किया गया है. पट्टे पर खनन के लिए प्रार्थना पत्रों की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल आरम्भ किया गया है. इससे पट्टे पर खनन उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से सुनिश्चित होगी.
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