ऊना: हिमाचल सरकार अब होटलों और ढाबों से गर्म किया हुआ तेल खरीदेगी. इसके लिए 30 रुपये प्रति लीटर दाम तय किये गए हैं. सरकार इस गर्म किये हुए तेल से बायो डीजल तैयार करेगी. योजना के शुरू होने से लोगों और सरकार को काफी फायदा होगा.
होटलों, ढाबों व रेस्त्रां में बार-बार तेल को गर्म कर प्रयोग करने से इंसानी शरीर को होने वाले नुकसान को देखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है. इस योजना को रुको नाम दिया गया है, जिसके तहत खाद्य एवं सुरक्षा विभाग बचे हुए तेल को 30 रुपये प्रति लीटर के भाव पर दुकानदारों से खरीदेगा.
अधिकतर होटलों, रेस्त्रां और मिठाई की दुकानों में एक ही तेल से बार-बार मिठाई बनाने व अन्य खाद्य वस्तुओं को तलने में इस्तेमाल किया जाता है. बार-बार गर्म करके तेल के इस्तेमाल से बनी खाद्य वस्तुओं के सेवन से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है.
इससे मोटापे की समस्या बढ़ रही है, जो कई बीमारियों का कारण बनता है. ऐसे में प्रदेश सरकार की रुको योजना के तहत इस्तेमाल तेल के बार-बार उपयोग पर भी रोक लगेगी. खाद्य एवं सुरक्षा विभाग ने प्रदेश में 3 कंपनियों को दुकानदारों से तेल की खरीद के लिए अधिकृत किया है.
ये कंपनियां दो हफ्ते में एक बार तहसील स्तर पर बचे हुए तेल की खरीद करेंगी. इस संबंध में खाद्य एवं सुरक्षा विभाग ढाबा, होटल और रेस्त्रां संचालकों को जागरूक करेगा और उन्हें जला हुआ तेल विभाग को बेचने के लिए प्रोत्साहित करेगा.
खाद्य एवं सुरक्षा विभाग ऊना के सहायक आयुक्त जगदीश धीमान ने कहा कि विभाग इस योजना को लागू करने के लिए दुकानदारों को जागरूक करने के साथ-साथ नियमित निरीक्षण भी करेगा. उन्होंने कहा कि सुरक्षा मानकों के मुताबिक तेल को दो से अधिक बार गर्म करना खतरनाक है. जब एक ही तेल को बार-बार गर्म किया जाता है तो उसमें फ्री रेडिकल्स का निर्माण हो जाता है, जो इंसानी शरीर में बीमारियों का कारण बन सकता है. जगदीश धीमान ने कहा कि जो दुकानदार अपना बचा हुए तेल बेचना चाहते हैं. वह विभाग के साथ संपर्क कर सकते हैं.