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विश्व स्तनपान सप्ताह पर ऊना में जागरूकता शिविर, महिलाओं को दी गई ये जानकारी

ऊना के वार्ड नंबर 10 में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत जिला स्तरीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया. इस दौरान महिलाओं को बच्चों को मां के दूध से होने वाले फायदों के बारे में बताया.

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Published : Aug 8, 2020, 12:33 PM IST

CMO ऊना
CMO Una

ऊना: जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने ऊना के वार्ड नंबर 10 में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत जिला स्तरीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया. इस दौरान महिलाओं को बच्चों को मां के दूध से होने वाले फायदों के बारे में बताया गया. यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमण कुमार शर्मा ने दी.

जागरूकता शिविर में जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी शारदा सारस्वत ने मौजूद महिलाओं को बताया कि इस दिवस को मनाने का इस साल का थीम स्वस्थ विश्व के लिए स्तनपान का समर्थन करना है.

उन्होंने बताया कि स्तनपान बच्चों के जीवन की नींव है. बच्चे के लिए मां के दूध से बढ़कर कुछ भी नहीं है. यह कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है. जन्म के तुरंत बाद बच्चे को मां का पहला पीला गाढ़ा दूध जिसे कोलोस्ट्रोम कहते हैं, जरूर पिलाना चाहिए. उन्होंने बताया कि मां के दूध से वंचित बच्चे किसी न किसी इंफेक्शन से जल्द पीडि़त हो जाते हैं.

जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी शारदा सारस्वत ने बताया कि छ: माह तक स्तनपान, 2 साल तक और उसके बाद भी स्तनपान जारी रखने से शिशु को उच्च गुणवत्ता वाले पोषक तत्व मिलते हैं. स्तनपान हर बच्चे को जीवन की बेहतरीन शुरुआत में मददगार होता है. जन्म के 1 घंटे के भीतर जल्द स्तनपान शुरू करवाने से शिशु मृत्यु दर में कमी होती है.

वहीं, जिला स्वास्थ्य शिक्षक गोपाल कृष्ण ने बताया कि स्तनपान बच्चे की कई संक्रामक रोगों से रक्षा करता है. साथ ही इससे बच्चे की प्रतिरोधी क्षमता मजबूत होती है. नवजात के लिए मां का दूध सबसे बेहतर है. यह आसानी से पच जाता है. स्तनपान से शिशु को संतुलित पोषण, संक्रमण से बचाव और मानसिक व भावनात्मक रूप से संतुष्टि मिलती है.

गोपाल कृष्ण ने बताया कि मां के स्तनपान करवाने पर उन्हें भी इससे काफी लाभ मिलता है. स्तनपान स्तन व गर्भाशय के कैंसर से बचाव, प्रसव के बाद होने वाले रक्तस्राव में कमी आना और परिवार नियोजन में सहायक होता है. स्तनपान मां और बच्चे के बीच स्वस्थ संबंध का निर्माण भी करता है.

उन्होंने यह भी बताया कि मां का पहला पीला गाढ़ा दूध शिशु के लिए प्रथम टीकाकरण है. उन्होंने मौजूद महिलाओं को शिशु को स्तनपान की सही तकनीक के बारे में विस्तृत जानकारी दी.

ये भी पढ़ें: सड़कों पर उतरे मिड-डे मील वर्कर, CM जयराम को भेजा मांग पत्र

ऊना: जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने ऊना के वार्ड नंबर 10 में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत जिला स्तरीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया. इस दौरान महिलाओं को बच्चों को मां के दूध से होने वाले फायदों के बारे में बताया गया. यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमण कुमार शर्मा ने दी.

जागरूकता शिविर में जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी शारदा सारस्वत ने मौजूद महिलाओं को बताया कि इस दिवस को मनाने का इस साल का थीम स्वस्थ विश्व के लिए स्तनपान का समर्थन करना है.

उन्होंने बताया कि स्तनपान बच्चों के जीवन की नींव है. बच्चे के लिए मां के दूध से बढ़कर कुछ भी नहीं है. यह कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है. जन्म के तुरंत बाद बच्चे को मां का पहला पीला गाढ़ा दूध जिसे कोलोस्ट्रोम कहते हैं, जरूर पिलाना चाहिए. उन्होंने बताया कि मां के दूध से वंचित बच्चे किसी न किसी इंफेक्शन से जल्द पीडि़त हो जाते हैं.

जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी शारदा सारस्वत ने बताया कि छ: माह तक स्तनपान, 2 साल तक और उसके बाद भी स्तनपान जारी रखने से शिशु को उच्च गुणवत्ता वाले पोषक तत्व मिलते हैं. स्तनपान हर बच्चे को जीवन की बेहतरीन शुरुआत में मददगार होता है. जन्म के 1 घंटे के भीतर जल्द स्तनपान शुरू करवाने से शिशु मृत्यु दर में कमी होती है.

वहीं, जिला स्वास्थ्य शिक्षक गोपाल कृष्ण ने बताया कि स्तनपान बच्चे की कई संक्रामक रोगों से रक्षा करता है. साथ ही इससे बच्चे की प्रतिरोधी क्षमता मजबूत होती है. नवजात के लिए मां का दूध सबसे बेहतर है. यह आसानी से पच जाता है. स्तनपान से शिशु को संतुलित पोषण, संक्रमण से बचाव और मानसिक व भावनात्मक रूप से संतुष्टि मिलती है.

गोपाल कृष्ण ने बताया कि मां के स्तनपान करवाने पर उन्हें भी इससे काफी लाभ मिलता है. स्तनपान स्तन व गर्भाशय के कैंसर से बचाव, प्रसव के बाद होने वाले रक्तस्राव में कमी आना और परिवार नियोजन में सहायक होता है. स्तनपान मां और बच्चे के बीच स्वस्थ संबंध का निर्माण भी करता है.

उन्होंने यह भी बताया कि मां का पहला पीला गाढ़ा दूध शिशु के लिए प्रथम टीकाकरण है. उन्होंने मौजूद महिलाओं को शिशु को स्तनपान की सही तकनीक के बारे में विस्तृत जानकारी दी.

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