ऊना: जिला ऊना के जिला मुख्यालय में इंदिरा गांधी खेल परिसर में हॉकी के लिए एस्ट्रोटर्फ मैदान बनाया गया है, ताकि जिले में हॉकी के खेल को बढ़ावा मिले और युवा भी खेलों के लिए प्रोत्साहित हो. जहां एक ओर खिलाड़ियों को खूबसूरत एस्ट्रोटर्फ मैदान दिया गया है. वहीं, दूसरी ओर यहां पर खिलाड़ियों को मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी परेशान होना पड़ रहा है. एस्ट्रोटर्फ मैदान के साथ जहां खिलाड़ियों को मूलभूत सुविधाओं के रूप में वॉशरूम और चेंजिंग रूम की व्यवस्था होनी चाहिए थी, वह आज दिन तक नहीं हो पाई है. जिसके चलते खिलाड़ियों को कपड़े बदलने के लिए खेल मैदान से करीब 1 किलोमीटर दूर जाना और आना पड़ता है.
वॉशरूम और चेंजिंग रूम न होने से खिलाड़ी परेशान: हालात ये हैं कि खिलाड़ी भी इससे खासा परेशान हैं. खिलाड़ियों ने सरकार का इस और ध्यान खींचने का प्रयास किया और कहा कि यह बेहद ही शानदार मैदान है, लेकिन इसके साथ यदि उन्हें वॉशरूम और चेंजिंग रूम जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी तो उनका समय भी बचेगा. वह खेल में अपना और ज्यादा बेहतर प्रर्दशन कर सकेंगे. हॉकी हिमाचल भी इन सुविधाओं के लिए सरकार की तरफ आस लगाए बैठी है, जबकि खेल विभाग द्वारा इस मसले को पहले ही उच्च अधिकारियों के समक्ष उठाया जा चुका है.
करोड़ों रुपये के एस्ट्रोटर्फ मैदान में इसलिए नहीं हो रही राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं: ऊना में करोड़ों रुपये खर्च कर बनाया गया खूबसूरत एस्ट्रोटर्फ मैदान अभी तक वॉशरूम और चेंजिंग रूम जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है जिसके कारण खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा समस्याएं पेश आती हैं. वहीं, राष्ट्रीय स्तर की बड़ी प्रतियोगिताओं की मेजबानी करने का माद्दा रखता ऊना का ये एस्ट्रोटर्फ मैदान केवल वॉशरूम, चेंजिंग रूम सहित मंच और बैठने की व्यवस्था नहीं होने जैसी समस्याओं के कारण राष्ट्रीय पटल पर अपनी छाप नहीं छोड़ सका. जिसके कारण जब तक इन समस्याओं का यहां कोई हल नहीं निकलता, यहां पर कोई भी राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता नहीं करवाई जा सकती है.
खिलाड़ियों की सरकार से गुहार: इस मैदान पर नियमित रूप से अभ्यास करने और कैंप में हिस्सा लेने आने वाले खिलाड़ियों का कहना है कि यह एक शानदार मैदान है. वह नियमित रूप से यहां पर हॉकी का अभ्यास करने के साथ-साथ फेडरेशन द्वारा आयोजित किए जाने वाले प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविरों में भाग लेने के लिए भी आते हैं, लेकिन उन्हें वॉशरूम की व्यवस्था के साथ-साथ चेंजिंग रूम की व्यवस्था से भी वंचित होना पड़ रहा है. उनका कहना है कि महिला खिलाड़ियों के लिए ज्यादा दिक्कत है पेश आती है, जिन्हें मैदान के साथ बने पंप हाउस को ही चेंजिंग रूम के रूप में इस्तेमाल करने को मजबूर होना पड़ रहा है. खिलाड़ियों ने सरकार से गुहार लगाई है कि इस मूलभूत सुविधा को उपलब्ध करवाया जाए.
वॉशरूम और चेंजिंग रूम मैदान से 1 किमी दूर: हॉकी हिमाचल के महासचिव रोमेश पठानिया ने कहा कि चेंजिंग रूम और वॉशरूम नहीं होने के कारण खिलाड़ियों को दिक्कत होती है. उन्हें करीब 1 किलोमीटर दूर जाकर वॉशरूम और चेंजिंग रूम में जाना पड़ता है. मैदान के पास पर्याप्त जगह मौजूद है. यदि इस जगह का इस्तेमाल करते हुए खिलाड़ियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं तो उनके लिए यह काफी बेहतर रहेगा. उन्होंने कहा कि अगर एस्ट्रोटर्फ पर मूलभूत सुविधाएं मिल जाएंगी तो राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का भी आयोजन इस एस्ट्रोटर्फ पर हो सकता है. वहीं, जिला युवा सेवाएं एवं खेल अधिकारी चंद्रमोहन शर्मा ने बताया कि इस मामले को पहले ही विभाग के ध्यान में लाया जा चुका है. हॉकी खिलाड़ियों की यह समस्या काफी अरसा पुरानी है और इसे हल करवाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
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