ऊना: हिमाचल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के दावे विफल होते नजर आ रहे हैं. जिला ऊना में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां देश की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले एक जवान की पार्थिव देह को ले जाने के लिए विभाग 108 एंबुलेंस नहीं दे पाया.
बता दें कि शून्य से माईनस 50 डिग्री तापमान वाले सियाचिन ग्लेशियर में देश की रक्षा को तैनात जिला हमीरपुर के सपूत वरुण कुमार की ठंड में ब्रेन स्ट्रोक होने के कारण मौत हो गई थी. दस दिन तक अस्पताल में रहने के बाद रविवार को वरुण ने कमांड अस्पताल चंडीमंदिर में दम तोड़ दिया.
मंगलवार को उनके शव को चंडीगढ़ से हमीरपुर ले जा रही एंबुलेंस ऊना के मैहतपुर में खराब हो गई, लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा 108 एंबुलेंस सेवा पर बार-बार फोन करने के बावजूद भी जवान के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस सेवा मुहैया नहीं करवाई गई.
मैहतपुर में सड़क किनारे सेना के जवानों को खड़े देख स्थानीय लोगों ने उनसे पूरा मामला जाना और 108 एंबुलेंस सेवा पर फोन करके जवान की पार्थिव देह को पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की मांग की.
बार-बार फोन करने के बावजूद 108 एंबुलेंस सेवा ने एंबुलेंस भेजने से इंकार कर दिया, जिस कारण पार्थिव देह ले जा रहे सेना के जवानों को भी सड़क किनारे मुश्किलों से जूझना पड़ा. स्थानीय निवासी मलकियत ने बताया कि 108 एंबुलेंस पर फोन करने के बाबजूद भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवाई गई.
मीडिया द्वारा जिला प्रशासन के साथ मामला उठाने के बाद प्रशासन हरकत में आया और एंबुलेंस उपलब्ध करवाकर जवान के पार्थिव शव को हमीरपुर के लिए रवाना किया गया. पार्थिव देह को ले जा रहे फौजियों को भी करीब ढाई घंटे सड़क पर खड़े होकर परेशानी झेलनी पड़ी.
अब सवाल यह उठता है कि आखिर देश की सेवा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले जवान के शव के लिए एंबुलेंस उपलब्ध क्यों नहीं करवाई गई. अगर नियमानुसार 108 एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती थी तो इस बारे प्रशासन को अवगत क्यों नहीं करवाया गया.
वहीं, एडीसी ऊना अरिंदम चौधरी ने माना कि मीडिया द्वारा ही उनके ध्यान में यह मामला आया था जिसके बाद तुरंत एंबुलेंस सेवा उपलब्ध करवाकर जवान की पार्थिव देह को रवाना कर दिया गया.
आपको बता दें कि प्रदेश के कई हिस्सों में 108 एंबुलेंस के खराब होने की शिकायतें लगातार आती रहती हैं. प्रदेश में चल रही अधिकतर एंबुलेंस वाहनों की दशा खराब है. बावजूद इसके ना तो सरकार और ना ही स्वास्थ्य विभाग इस ओर कोई ध्यान दे रहे हैं. एंबुलेंस सेवा उपलब्ध करवाने वाली कंपनी के खिलाफ भी कई बार शिकायत हो चुकी हैं, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही.
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