ETV Bharat / state

फौजी की पार्थिव देह ले जा रही एंबुलेंस खराब, इंतजार और गुहार के बाद जागे अधिकारी

author img

By

Published : Jan 1, 2020, 12:23 PM IST

हिमाचल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के दावे विफल होते नजर आ रहे हैं. जिला ऊना में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां देश की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले एक जवान की पार्थिव देह को ले जाने के लिए विभाग 108 एंबुलेंस नहीं दे पाया.

ambulance carrying army jawan body broke down in una
ambulance carrying army jawan body broke down in una

ऊना: हिमाचल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के दावे विफल होते नजर आ रहे हैं. जिला ऊना में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां देश की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले एक जवान की पार्थिव देह को ले जाने के लिए विभाग 108 एंबुलेंस नहीं दे पाया.

बता दें कि शून्य से माईनस 50 डिग्री तापमान वाले सियाचिन ग्लेशियर में देश की रक्षा को तैनात जिला हमीरपुर के सपूत वरुण कुमार की ठंड में ब्रेन स्ट्रोक होने के कारण मौत हो गई थी. दस दिन तक अस्पताल में रहने के बाद रविवार को वरुण ने कमांड अस्पताल चंडीमंदिर में दम तोड़ दिया.

मंगलवार को उनके शव को चंडीगढ़ से हमीरपुर ले जा रही एंबुलेंस ऊना के मैहतपुर में खराब हो गई, लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा 108 एंबुलेंस सेवा पर बार-बार फोन करने के बावजूद भी जवान के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस सेवा मुहैया नहीं करवाई गई.

वीडियो रिपोर्ट.

मैहतपुर में सड़क किनारे सेना के जवानों को खड़े देख स्थानीय लोगों ने उनसे पूरा मामला जाना और 108 एंबुलेंस सेवा पर फोन करके जवान की पार्थिव देह को पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की मांग की.

बार-बार फोन करने के बावजूद 108 एंबुलेंस सेवा ने एंबुलेंस भेजने से इंकार कर दिया, जिस कारण पार्थिव देह ले जा रहे सेना के जवानों को भी सड़क किनारे मुश्किलों से जूझना पड़ा. स्थानीय निवासी मलकियत ने बताया कि 108 एंबुलेंस पर फोन करने के बाबजूद भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवाई गई.

ambulance carrying army jawan body broke down in una
फौजी की पार्थिव देह ले जा रही एंबुलेंस खराब.

मीडिया द्वारा जिला प्रशासन के साथ मामला उठाने के बाद प्रशासन हरकत में आया और एंबुलेंस उपलब्ध करवाकर जवान के पार्थिव शव को हमीरपुर के लिए रवाना किया गया. पार्थिव देह को ले जा रहे फौजियों को भी करीब ढाई घंटे सड़क पर खड़े होकर परेशानी झेलनी पड़ी.

अब सवाल यह उठता है कि आखिर देश की सेवा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले जवान के शव के लिए एंबुलेंस उपलब्ध क्यों नहीं करवाई गई. अगर नियमानुसार 108 एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती थी तो इस बारे प्रशासन को अवगत क्यों नहीं करवाया गया.

वहीं, एडीसी ऊना अरिंदम चौधरी ने माना कि मीडिया द्वारा ही उनके ध्यान में यह मामला आया था जिसके बाद तुरंत एंबुलेंस सेवा उपलब्ध करवाकर जवान की पार्थिव देह को रवाना कर दिया गया.

आपको बता दें कि प्रदेश के कई हिस्सों में 108 एंबुलेंस के खराब होने की शिकायतें लगातार आती रहती हैं. प्रदेश में चल रही अधिकतर एंबुलेंस वाहनों की दशा खराब है. बावजूद इसके ना तो सरकार और ना ही स्वास्थ्य विभाग इस ओर कोई ध्यान दे रहे हैं. एंबुलेंस सेवा उपलब्ध करवाने वाली कंपनी के खिलाफ भी कई बार शिकायत हो चुकी हैं, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही.

ये भी पढ़ेंः सियाचिन में तैनात हिमाचल का जवान शहीद, सैनिक सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

ऊना: हिमाचल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के दावे विफल होते नजर आ रहे हैं. जिला ऊना में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां देश की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले एक जवान की पार्थिव देह को ले जाने के लिए विभाग 108 एंबुलेंस नहीं दे पाया.

बता दें कि शून्य से माईनस 50 डिग्री तापमान वाले सियाचिन ग्लेशियर में देश की रक्षा को तैनात जिला हमीरपुर के सपूत वरुण कुमार की ठंड में ब्रेन स्ट्रोक होने के कारण मौत हो गई थी. दस दिन तक अस्पताल में रहने के बाद रविवार को वरुण ने कमांड अस्पताल चंडीमंदिर में दम तोड़ दिया.

मंगलवार को उनके शव को चंडीगढ़ से हमीरपुर ले जा रही एंबुलेंस ऊना के मैहतपुर में खराब हो गई, लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा 108 एंबुलेंस सेवा पर बार-बार फोन करने के बावजूद भी जवान के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस सेवा मुहैया नहीं करवाई गई.

वीडियो रिपोर्ट.

मैहतपुर में सड़क किनारे सेना के जवानों को खड़े देख स्थानीय लोगों ने उनसे पूरा मामला जाना और 108 एंबुलेंस सेवा पर फोन करके जवान की पार्थिव देह को पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की मांग की.

बार-बार फोन करने के बावजूद 108 एंबुलेंस सेवा ने एंबुलेंस भेजने से इंकार कर दिया, जिस कारण पार्थिव देह ले जा रहे सेना के जवानों को भी सड़क किनारे मुश्किलों से जूझना पड़ा. स्थानीय निवासी मलकियत ने बताया कि 108 एंबुलेंस पर फोन करने के बाबजूद भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवाई गई.

ambulance carrying army jawan body broke down in una
फौजी की पार्थिव देह ले जा रही एंबुलेंस खराब.

मीडिया द्वारा जिला प्रशासन के साथ मामला उठाने के बाद प्रशासन हरकत में आया और एंबुलेंस उपलब्ध करवाकर जवान के पार्थिव शव को हमीरपुर के लिए रवाना किया गया. पार्थिव देह को ले जा रहे फौजियों को भी करीब ढाई घंटे सड़क पर खड़े होकर परेशानी झेलनी पड़ी.

अब सवाल यह उठता है कि आखिर देश की सेवा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले जवान के शव के लिए एंबुलेंस उपलब्ध क्यों नहीं करवाई गई. अगर नियमानुसार 108 एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती थी तो इस बारे प्रशासन को अवगत क्यों नहीं करवाया गया.

वहीं, एडीसी ऊना अरिंदम चौधरी ने माना कि मीडिया द्वारा ही उनके ध्यान में यह मामला आया था जिसके बाद तुरंत एंबुलेंस सेवा उपलब्ध करवाकर जवान की पार्थिव देह को रवाना कर दिया गया.

आपको बता दें कि प्रदेश के कई हिस्सों में 108 एंबुलेंस के खराब होने की शिकायतें लगातार आती रहती हैं. प्रदेश में चल रही अधिकतर एंबुलेंस वाहनों की दशा खराब है. बावजूद इसके ना तो सरकार और ना ही स्वास्थ्य विभाग इस ओर कोई ध्यान दे रहे हैं. एंबुलेंस सेवा उपलब्ध करवाने वाली कंपनी के खिलाफ भी कई बार शिकायत हो चुकी हैं, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही.

ये भी पढ़ेंः सियाचिन में तैनात हिमाचल का जवान शहीद, सैनिक सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

Intro:सियाचिन ग्लेशियर में देश की रक्षा करते हुए ब्रेन स्ट्रोक होने के कारण शहीद हुए हमीरपुर के सपूत वरुण के शव को चंडीगढ़ से हमीरपुर ले जा रही एंबुलेंस ऊना के मैहतपुर में खराब हो गई। लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा 108 एंबुलेंस सेवा पर बार-बार फोन करने के बाबजूद भी शहीद के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस सेवा मुहैया नहीं करवाई गई। मीडिया द्वारा जिला प्रशासन के साथ मामला उठाने के बाद प्रशासन हरकत में आया और एंबुलेंस उपलब्ध करवाकर शहीद के शव को हमीरपुर के लिए रवाना किया गया। शहीद की पार्थिव देह को ले जा रहे फौजियों को भी करीब अढ़ाई घंटे सड़क पर खड़े होकर परेशानी झेलनी पड़ी।Body:बता दें कि शून्य से माईनस 50 डिग्री तापमान वाले सियाचिन ग्लेशियर में देश की रक्षा को तैनात जिला हमीरपुर का सपूत वरुण कुमार ठंड में ब्रेन स्ट्रोक होने के कारण शहीद हो गया था। दस दिन तक अस्पताल में रहने के बाद रविवार को वरुण ने कमांड अस्पताल चंडीमंदिर में दम तोड़ दिया। आज शहीद की पार्थिव देह को चंडीगढ़ से उनके पैतृक गांव ले जा जा रहा था कि हिमाचल के प्रवेश द्वार मैहतपुर में शहीद के शव को ले जा रही एंबुलेंस शराब हो गई। मैहतपुर में सड़क किनारे सेना के जवानों को खड़े देख स्थानीय लोगों ने उनसे पूरा मामला जाना और 108 एंबुलेंस सेवा पर फोन करके शहीद के शव को पहुँचाने के लिए एंबुलेंस की मांग की लेकिन 108 एंबुलेंस सेवा ने एंबुलेंस भेजने से इंकार कर दिया जिस कारण शहीद के शव को ले जा रहे सेना के जवानों को भी सड़क किनारे मुश्किलों से जूझना पड़ा। स्थानीय वासी मलकियत ने बताया कि 108 एंबुलेंस पर फोन करने के बाबजूद भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवाई गई। अब सवाल यह उठता है कि आखिर शहीद के शव के लिए एंबुलेंस उपलब्ध क्यों नहीं करवाई गई और अगर नियमानुसार 108 एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती है तो उन्होंने प्रशासन को इस बारे अवगत क्यों नहीं करवाया।

बाइट -- मलकियत (स्थानीय वासी)
SHAHEED AMBULANCE 3

Conclusion:
वहीँ एडीसी ऊना अरिंदम चौधरी ने माना कि मीडिया द्वारा ही उनके ध्यान में यह मामला आया था जिसके बाद तुरंत एंबुलेंस सेवा उपलब्ध करवाकर शहीद के शव को रवाना कर दिया गया है।

बाइट -- अरिंदम चौधरी (एडीसी ऊना)
SHAHEED AMBULANCE 3
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.