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हजारों ऑन ड्यूटी सैनिक लोकसभा चुनाव में करेंगे मतदान, निर्वाचन आयोग देगा ये सुविधा

सेना व अर्धसैनिक बलों में कार्यरत ऊना जिला के 6662 ऑन ड्यूटी जवान लोकसभा चुनाव में करेंगे मतदान. इलेक्ट्रा लॉक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट पेपर के माध्यम से करेंगे सैनिक करेंगे वोट.

ऑन ड्यूटी जवान लोस चुनाव में करेंगे वोट
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Published : Apr 19, 2019, 10:31 AM IST

ऊना: लोकसभा चुनाव में ऊना जिला के 6662 सर्विस वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. सेना व अर्धसैनिक बलों में कार्यरत जिला के इन मतदाताओं तक बैलेट पेपर पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

निर्वाचन विभाग ने सर्विस वोटर्स को अपना बैलेट पेपर वापस भेजने के लिए खाली लिफाफे सेना व अर्धसैनिक बलों के रिकॉर्ड ऑफिस को भेज दिए हैं. सर्विस वोटर इन खाली लिफाफों में अपना डिजिटल मत पत्र भरकर रिटर्निंग अधिकारी को वापस भेजेंगे.मतगणना के दिन इनकी भी गिनती की जाएगी. रिकॉर्ड ऑफिस में ये लिफाफे मिलने के बाद इन्हें सर्विस वोटर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी संबंधित कमांडिंग ऑफीसर की होती है, जो इन लिफाफों को मतदान गणना केंद्र तक पहुंचाता है.

चुनाव में भाग लेने वाले उम्मीदवारों के नाम तय होने के बाद 29 अप्रैल के बाद कमांडिंग ऑफिसर को लॉग-इन उपलब्ध करावाया जाएगा, जिसके बाद सर्विस मतदाता के पास एक ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आएगा. इस ओटीपी की मदद से वह अपना खाली इलेक्ट्रा लॉक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट पेपर डाउनलोड कर सकता है.सर्विस मतदाता को ई-बैलेट पेपर को भरने के दिशा-निर्देश भी साथ ही उपलब्ध होंगे. इन दिशा-निर्देशों की मदद से वह अपना ई-बैलेट पेपर चिन्हित कर खाली लिफाफों में बंद करके बिना किसी शुल्क के रिटर्निंग अधिकारी को वापस भेजेगा. डाक खर्च पूरी तरह से निर्वाचन विभाग उठाता है.

जिला निर्वाचन अधिकारी व उपायुक्त राकेश कुमार प्रजापति ने बताया कि पोस्टल बैलेट की व्यवस्था कुछ विशेष परिस्थितियों में ही मिलती है. निर्वाचन आयोग ने सीमा की रक्षा करने वाले सैनिकों को वोट डालने का अधिकार दिया है और इलेक्ट्रा लॉक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट पेपर के माध्यम से इस बात को सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी वोट न छूटे. उन्होंने कहा कि ई-बैलेट पेपर से जहां पैसे की बचत होती है. वहीं, समय भी बचता है और इसमें गोपनीयता भंग होने का भी कोई सवाल नहीं है.

पढ़ेंः वीरभद्र बोले- मानसिक संतुलन खो चुके हैं सत्ती, मजबूरी में CM कर रहे BJP प्रदेशाध्यक्ष का बचाव

ऊना: लोकसभा चुनाव में ऊना जिला के 6662 सर्विस वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. सेना व अर्धसैनिक बलों में कार्यरत जिला के इन मतदाताओं तक बैलेट पेपर पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

निर्वाचन विभाग ने सर्विस वोटर्स को अपना बैलेट पेपर वापस भेजने के लिए खाली लिफाफे सेना व अर्धसैनिक बलों के रिकॉर्ड ऑफिस को भेज दिए हैं. सर्विस वोटर इन खाली लिफाफों में अपना डिजिटल मत पत्र भरकर रिटर्निंग अधिकारी को वापस भेजेंगे.मतगणना के दिन इनकी भी गिनती की जाएगी. रिकॉर्ड ऑफिस में ये लिफाफे मिलने के बाद इन्हें सर्विस वोटर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी संबंधित कमांडिंग ऑफीसर की होती है, जो इन लिफाफों को मतदान गणना केंद्र तक पहुंचाता है.

चुनाव में भाग लेने वाले उम्मीदवारों के नाम तय होने के बाद 29 अप्रैल के बाद कमांडिंग ऑफिसर को लॉग-इन उपलब्ध करावाया जाएगा, जिसके बाद सर्विस मतदाता के पास एक ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आएगा. इस ओटीपी की मदद से वह अपना खाली इलेक्ट्रा लॉक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट पेपर डाउनलोड कर सकता है.सर्विस मतदाता को ई-बैलेट पेपर को भरने के दिशा-निर्देश भी साथ ही उपलब्ध होंगे. इन दिशा-निर्देशों की मदद से वह अपना ई-बैलेट पेपर चिन्हित कर खाली लिफाफों में बंद करके बिना किसी शुल्क के रिटर्निंग अधिकारी को वापस भेजेगा. डाक खर्च पूरी तरह से निर्वाचन विभाग उठाता है.

जिला निर्वाचन अधिकारी व उपायुक्त राकेश कुमार प्रजापति ने बताया कि पोस्टल बैलेट की व्यवस्था कुछ विशेष परिस्थितियों में ही मिलती है. निर्वाचन आयोग ने सीमा की रक्षा करने वाले सैनिकों को वोट डालने का अधिकार दिया है और इलेक्ट्रा लॉक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट पेपर के माध्यम से इस बात को सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी वोट न छूटे. उन्होंने कहा कि ई-बैलेट पेपर से जहां पैसे की बचत होती है. वहीं, समय भी बचता है और इसमें गोपनीयता भंग होने का भी कोई सवाल नहीं है.

पढ़ेंः वीरभद्र बोले- मानसिक संतुलन खो चुके हैं सत्ती, मजबूरी में CM कर रहे BJP प्रदेशाध्यक्ष का बचाव

ऊना

लोकसभा चुनाव-2019 में ऊना जिला के 6,662 सर्विस वोटर मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। सेना व अर्धसैनिक बलों में कार्यरत जिला के इन मतदाताओं तक बैलेट पेपर पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। निर्वाचन विभाग ने सर्विस वोटरों को अपना बैलेट पेपर वापस भेजने के लिए खाली लिफाफे सेना व अर्धसैनिक बलों के रिकॉर्ड ऑफिस को भेज दिए हैं। सर्विस वोटर इन खाली लिफाफों में अपना डिजिटल मत पत्र भरकर रिटर्निंग अधिकारी को वापस भेजेंगे और मतगणना के दिन इनकी भी गिनती की जाएगी। रिकॉर्ड ऑफिस में यह लिफाफे मिलने के बाद  इन्हें सर्विस वोटर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी संबंधित कंमांडिंग अफसर की होती है, जो इन लिफाफों को इन्हें कर्मचारियों को उनकी तैनाती वाली जगह तक पहुंचाता है। 

ओटीपी की मदद से आएगा इलैक्ट्रॉनिकली बैलेट पेपर

चुनाव में भाग लेने वाले उम्मीदवारों के नाम तय होने यानी 29 अप्रैल के बाद कंमांडिंग अफसर को लॉग-इन उपलब्ध कराया जाएगा। जिसके बाद सर्विस मतदाता के पास एक ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आएगा और इस ओटीपी की मदद से वह अपना खाली इलेक्ट्रालॉकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट पेपर अपने नियुक्ति स्थल पर डाउनलोड कर सकता है। सर्विस मतदाता को ई-बैलेट पेपर को भरने के दिशा-निर्देश भी साथ ही उपलब्ध होंगे। इन दिशा-निर्देशों की मदद से वह अपना ई-बैलेट पेपर चिन्हित कर इन खाली लिफाफों में बंद करके बिना किसी शुल्क के रिटर्निंग अधिकारी को वापस भेजेंगे। इसका डाक खर्च पूरी तरह से निर्वाचन विभाग उठाता है।

क्या कहते हैं जिला अधिकारी

जिला निर्वाचन अधिकारी व उपायुक्त राकेश कुमार प्रजापति ने बताया कि पोस्टल बैलेट की व्यवस्था कुछ विशेष परिस्थितियों में ही मिलती है। निर्वाचन आयोग ने सीमा की रक्षा करने वाले सैनिकों को भी वोट डालने का अधिकार दिया है और इलेक्ट्रालॉकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट पेपर के माध्यम से इस बात को सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी वोट न छूटे। उन्होंने कहा कि ई-बैलेट पेपर से जहां पैसे की बचत होती है वहीं समय भी बचता है और इसमें गोपनीयता भंग होने का भी कोई सवाल नहीं है।

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