ऊना: 27 जनवरी को खड़े टिप्पर से बाइक टकराने के कारण हुई स्थानीय युवक की मौत मामले में एसपी दिवाकर शर्मा ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई अमल में लाते हुए गगरेट के कार्यकारी एसएचओ, थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर और ट्रैफिक इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया है.
एसपी ने तीनों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी करते हुए डीएसपी हैडक्वार्टर अशोक वर्मा को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. वहीं, गगरेट के ट्रैफिक इंचार्ज को पहले ही लाईन हाजिर किया जा चुका है.
बता दें कि 27 जनवरी को जिस टिप्पर से टकराकर बाईक सवार संजय कुमार की मौत हुई थी. वह 22 जनवरी से घटनास्थल पर खड़ा था, इतना ही नहीं टिप्पर ने सड़क का करीब 3 से 4 फुट एरिया भी कवर कर रखा था. जिससे हादसों को न्यौता भी मिल रहा था.
संजय की मौत के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने चक्का जाम करते हुए खड़े टिप्पर का मामला पुलिस और प्रशासन के ध्यान में लाया था. जिसके बाद हरकत में आए एसपी ऊना ने पुलिस टीम के साथ मौके का मुआयना करते हुए डीएसपी हरोली को मामले की जांच का जिम्मा सौंपते हुए हफ्ते भर में रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे.
एसपी दिवाकर शर्मा को सौंपी रिपोर्ट में डीएसपी हरोली अनिल मैहता ने बताया कि यह टिप्पर 22 से 27 जनवरी तक घटनास्थल पर खड़ा रहा. यदि यह यहां से हटा लिया गया होता तो हादसा नहीं होता. रिपोर्ट में कहा गया है कि गगरेट के ट्रैफिक इंचार्ज ने 22 जनवरी को ही इस टिप्पर को देख लिया था.
इतना ही नहीं वह 22 से 27 जनवरी तक नियमित रूप से इस स्थान पर आता-जाता था, लेकिन टिप्पर को हटाने का कोई प्रयास नहीं किया. केवल 2 जनवरी को इस टिप्पर का चालान किया गया था. जांच रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि 22 जनवरी और उसके बाद थाना गगरेट के कार्यकारी एसएचओ और एक अन्य सब इंस्पेक्टर भी इस जगह से गुजरते रहे, लेकिन उन्होंने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया.
इससे भी बड़ी हैरानी का तथ्य जांच में सामने आया कि इतने दिन तक खड़े टिप्पर को संजय कुमार की मौत के मात्र 24 घंटे के भीतर घटनास्थल से हटवा दिया गया. एसपी दिवाकर शर्मा ने कहा कि पुलिस का यह कर्तव्य बनता था कि सड़क पर खड़े टिप्पर से हादसों के बचाव के लिए पुलिस को नाइट रिफ्लेक्टर्स या बैरिकेट्स लगाने चाहिए थे.
जिससे आने-जाने वालों को आसानी से टिप्पर के खड़े होने का एहसास होता, लेकिन पुलिस के अधिकारियों ने लापरवाही और संवेदनहीनता का परिचय दिया है. जिसके चलते तीनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है. वहीं, तीनों के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश जारी कर दिए गए हैं. जिसका जिम्मा डीएसपी हैडक्वार्टर अशोक वर्मा को सौंपा गया है.
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