ऊनाः प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता चिंतपूर्णी मंदिर में एक और जहां सुरक्षा व्यवस्थाओं को और पुख्ता बनाने के लिए तीसरी आंख के पहरे को कड़ा किया जाएगा. वहीं, दूसरी ओर बैक डोर से एंट्री करके माता के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं पर भी जल्द लगाम कसी जाएगी. श्रद्धालुओं को गलत रास्तों से मंदिर तक पहुंचाने वाले बिचौलियों के गोरखधंधे को भी बंद करने के लिए पुलिस ने प्रशासन के साथ मिलकर एक प्लान तैयार किया गया है जिसे जल्द ही अमलीजामा पहनाया जाएगा.
शक्तिपीठ चिंतपूर्णी में श्रद्धालुओं द्वारा बैक डोर एंट्री के कई मामले सामने आने के बाद कुछ लोगों ने जिला प्रशासन को भी इसकी शिकायत की गई थी जिसके बाद प्रशासन और पुलिस ने मिलकर इस मामले की जांच और ऐसी घटनाओं पर लगाम कसने की तैयारी शुरू कर दी है.
जल्द ही बंद होगा बिचौलियों का गोरखधंधा
एसपी ऊना अर्जित सेन ठाकुर ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर इस संदर्भ में एक खाका तैयार कर रही है जिसे जल्द ही अमलीजामा पहना दिया जाएगा. प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता चिंतपूर्णी के मंदिर में श्रद्धालुओं को बैक डोर से एंट्री करवा कर दर्शन करवाने वाले बिचौलियों का गोरखधंधा जल्द ही बंद कर दिया जाएगा. जिला पुलिस और प्रशासन ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए एक सिक्योरिटी प्लान तैयार किया है.
कई मामलों की शिकायतें आने के बाद उठाया पहला कदम
इस बारे पुलिस अधीक्षक ऊना अर्जित सेन ठाकुर ने बताया कि चिंतपूर्णी मंदिर में बैक डोर से एंट्री करने के कई मामलों की शिकायतें उनके पास पहुंची हैं. ऐसी घटनाओं पर लगाम कसने के लिए पहला कदम यह उठाया जा रहा है कि समूचे शक्तिपीठ क्षेत्र में जगह-जगह पर बोर्ड लगाए जाएंगे कि यदि कोई बिचौलिया पैसे लेकर बैक डोर से माता के दर्शन कराने की बात कहता है तो उसके बारे में फौरन पुलिस को सूचित करें.
योजना को धरातल पर उतारने के लिए किया कमेटी का गठन
इसके अलावा मंदिर क्षेत्र में 166 कैमरा स्थापित करने का एक प्लान तैयार किया गया है. इसके अलावा एक टोकन सिस्टम को भी तैयार किया जाएगा जिसके जरिए लिफ्ट के रास्ते किसी भी अपात्र व्यक्ति को न भेजा जा सके. यदि कोई श्रद्धालु पैसे खर्च करके माता के दर्शन करना चाहता है तो वह सरकारी सिस्टम के तहत ही इस योजना का लाभ उठाएं न कि बिचौलियों के हाथों अपने पैसे का दुरुपयोग करें.
योजना को धरातल पर उतारने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें अतिरिक्त उपायुक्त, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, संबंधित एसडीएम, डीएसपी, मंदिर अधिकारी और अन्य अधिकारियों को शामिल किया गया है. इस कमेटी की दो बैठकें अभी तक हो चुकी है. जबकि 75 कैमरे जल्द ही स्थापित किए जा रहे हैं.
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