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फोरलेन निर्माण के चलते सब्जी मंडी को लगा लाखों का चूना, सोलन APMC ने खरीदा 7 लाख का पानी

सोलन सब्जी मंडी में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए एपीएमसी सोलन ने 7 लाख रुपये पानी की खरीद पर खर्च किए.

सोलन APMC ने खरीदा 7 लाख का पानी
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Published : Nov 5, 2019, 12:51 PM IST

सोलन: फोरलेन निर्माण में जुटी कंपनी की लापरवाही का खामियाजा सोलन की सब्जी मंडी को भुगतना पड़ रहा है. करीबन 1 साल पहले फोरलेन निर्माण के लिए सब्जी मंडी के बाहर खुदाई के दौरान पीने के पानी की पाइपें पूरी तरह टूट गई.

पाइपें टूटने के कारण पानी की सप्लाई बाधित हो गई थी. मंडी में आने वाले किसानों और आढ़तियों के गले सूखने लग गए. टमाटर और सेब सीजन समय चरम सीमा पर था, इसलिए आनन-फानन में उच्च अधिकारियों ने पानी खरीदने के लिए दिशा निर्देश दे दिए. एपीएमसी अधिकारियों ने पानी खरीदना शुरू कर दी. दूसरी ओर फॉरलेन कंपनी और अधिकारियों को इस बारे में अवगत भी करवाया गया था. कंपनी ने पाइप ठीक करवाने का आश्वासन भी दिया था.

वीडियो.

एपीएमसी के सचिव डॉ. आरके शर्मा से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पिछले काफी समय से जिला प्रशासन और राज्य मार्ग निदेशक को स्थिति के बारे में अवगत करा चुके हैं. आरके शर्मा ने बताया कि वह अभी तक पानी के लिए ₹7 लाख खर्च कर चुके हैं. पाइप को ठीक कराने के लिए उन्होंने मजबूरन नगर परिषद को आग्रह किया. उन्होंने इसे ठीक करने के लिए अब ₹25 लाख से अधिक का खर्चा बताया है इसलिए वह चाहते हैं कि फोरलेन निर्माण कंपनी खर्च का पैसा और पाइप कीमत का खर्चा वहन करे.

ये भी पढ़ें- वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर शुद्ध किया ड्रेनेज और रसोई घर का पानी, 90 प्रतिशत पानी को फिर से किया इस्तेमाल

सोलन: फोरलेन निर्माण में जुटी कंपनी की लापरवाही का खामियाजा सोलन की सब्जी मंडी को भुगतना पड़ रहा है. करीबन 1 साल पहले फोरलेन निर्माण के लिए सब्जी मंडी के बाहर खुदाई के दौरान पीने के पानी की पाइपें पूरी तरह टूट गई.

पाइपें टूटने के कारण पानी की सप्लाई बाधित हो गई थी. मंडी में आने वाले किसानों और आढ़तियों के गले सूखने लग गए. टमाटर और सेब सीजन समय चरम सीमा पर था, इसलिए आनन-फानन में उच्च अधिकारियों ने पानी खरीदने के लिए दिशा निर्देश दे दिए. एपीएमसी अधिकारियों ने पानी खरीदना शुरू कर दी. दूसरी ओर फॉरलेन कंपनी और अधिकारियों को इस बारे में अवगत भी करवाया गया था. कंपनी ने पाइप ठीक करवाने का आश्वासन भी दिया था.

वीडियो.

एपीएमसी के सचिव डॉ. आरके शर्मा से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पिछले काफी समय से जिला प्रशासन और राज्य मार्ग निदेशक को स्थिति के बारे में अवगत करा चुके हैं. आरके शर्मा ने बताया कि वह अभी तक पानी के लिए ₹7 लाख खर्च कर चुके हैं. पाइप को ठीक कराने के लिए उन्होंने मजबूरन नगर परिषद को आग्रह किया. उन्होंने इसे ठीक करने के लिए अब ₹25 लाख से अधिक का खर्चा बताया है इसलिए वह चाहते हैं कि फोरलेन निर्माण कंपनी खर्च का पैसा और पाइप कीमत का खर्चा वहन करे.

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Intro:फोरलेन निर्माण के चलते सब्जी मंडी को लगा 9 लाख का चूना
:- सोलन एपीएमसी ने खरीदा 7 लाख का पानी
:-सरकार और एपीएमसी को लगा बड़ा झटका




फोरलेन निर्माण में जुटी कंपनी की लापरवाही का खामियाजा सोलन की सब्जी मंडी को भुगतना पड़ रहा है। क्योंकि करीबन 1 वर्ष पहले जब फोरलेन निर्माण के लिए सब्जी मंडी के बाहर खुदाई की गई,तो उनके पीने के पानी की पाइप पूरी तरह टूट गई।





Body:यहां आने वाले किसानों और आढ़तियों के हलक सूखने लग गए। टमाटर और सेब सीजन समय चरम सीमा पर था, इसलिए आनन-फानन में उच्च अधिकारियों ने पानी खरीदने के लिए दिशा निर्देश दे दिए।

एपीएमसी अधिकारियों ने पानी खरीदना आरंभ कर दिया वहीं दूसरी ओर फॉरलेन कंपनी और अधिकारियों को इस बारे में अवगत भी करवाया गया जिस पर उन्हें पाइप ठीक करवाने का आश्वासन भी दिया गया लेकिन उसके बाद सब भूल गए।

लेकिन बीते इस वर्ष में एपीएमसी पानी खरीदने के लिए लाखों रुपए खर्च कर चुकी है,स्थिति जस की तस बनी हुई है पानी खरीदने का सिलसिला जारी है।




Conclusion:जब इस बारे में एपीएमसी के सचिव डॉ आर के शर्मा से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पिछले काफी समय से जिला प्रशासन और राज्य मार्ग निदेशक को स्थिति के बारे में अवगत करा चुके हैं।

उन्होंने बताया कि वह अभी तक पानी के लिए ₹700000 खर्च कर चुके हैं इस और कोई ध्यान नहीं दे रहे थे,तो उन्होंने मजबूरन इसे ठीक करने के लिए नगर परिषद को आग्रह किया उन्होंने इसे ठीक करने के लिए अब ₹254000 का खर्चा बताया है इसलिए वह चाहते हैं कि निर्माण कंपनी के खर्च का पैसा और पाइप कीमत का खर्चा बहन करें।


फोरलेन निर्माण में जुटी कंपनी किस तरह मनमानी कर रही है उसका नमूना आप खुद देख रहे हैं।
जिला प्रशासन के आदेशों व निर्देशों के बाद भी फोरलेन निर्माण में जुटी कंपनी और ना ही कुछ राज्य मार्ग परियोजना निदेशक इस बात को गंभीरता से ले रहे हैं, अगर यह हाल प्रदेश के सरकारी तंत्र के साथ हो रहा है तो आम आदमी की क्या सुनवाई हो रही होगी उसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।

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