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नालागढ़ में बारिश ने खोली प्रबंधन की पोल, अस्पताल बन गया 'स्वीमिंग पूल' - heavy rain in nalagarh

मॉनसून ने अभी दस्तक नहीं दी, लेकिन पहली बारिश ने नालागढ़ में अस्पताल प्रबंधन की पोल खोल दी है. बारिश से अस्पताल तालाब बन गया मरीज और उनके परिजनों को समझ नहीं आया की वह अस्पताल आए हैं या स्वीमिंग पूल. जिनके ऊपर जिम्मेदारी जवाबदार अपना-पुराना राग अलापते रहे.

First rains in Nalagarh opened the pole hospital became a pond
बारिश ने खोली पोल
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Published : Jun 25, 2020, 10:29 PM IST

नालागढ़: बारिश का दौर अभी पूरी तरह शुरू नहीं हुआ, लेकिन प्रशासन के मातहत कीतनी लापरवाही से काम करते है. इसकी पोल पहली बारिश ने खोल दी. बुधवार को हुई बारिश से अस्पताल तालाब बन गया. इस दौरान लोगों को कुर्सियों पर भी पैर उठाकर बैठना पड़ा. मरीज और उनके परिजन अस्पताल की ओपीडी, वेटिंग एरिया सब पानी से लबालब भरा हुआ था. जब लोग अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे तो पहले यह समझ नहीं आया कि अस्पताल पहुंचे हैं या स्वीमिंग पूल. मरीजों को यह समझ नहीं आ रहा था की डॉक्टर के पास गोते लगाकर पहुंचे या चलकर. क्योंकि फर्श तो पानी से भरा हुआ था.

नालियां छोटी होने का बहाना

अस्पताल में पानी इतना भर गया कि मरीजों और उनके परिजनों को बाहर निकलने के लिए भी परेशानी का सामना करना पड़ा. जानकारी के मुताबिक यहां के बीते साल भी पानी इस तरह अस्पताल में भरा था, लेकिन जिम्मेदारों ने कुछ नहीं किया. वहीं, जब इस बारे में जवाबदारों से बात की गई तो उन्होंने कहा यहां बारिश में परेशानी रहती है. यहां की नालियां छोटी है. मरीजों और उनके परिजनों ने बताया बारिश के कारण परेशानी का का सामना करना पड़ रहा. पहले ही कोरोना का डर बना हुआ.

वीडियो

हमेशा की समस्या

साथ ही अस्पताल में बारिश का पानी भरने के चलते चलना-फिरना मुश्किल हो गया. प्रशासन को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए. यह हमेशा की समस्या बन गई है.इसका उचित समाधान किया जाना चाहिए.अस्पताल में तैनात डॉक्टर दीक्षित ने कहा परेशानियों का निदान करने की कोशिश की जा रही. यहां हर साल इसी तरह की समस्या छोटी नालियां होने के कारण होती है.

ये भी पढ़ें : आपातकाल के 45 साल : 25 जून 1975 आपातकाल की कहानी, मोहिंद्र नाथ सोफत की जुबानी....

नालागढ़: बारिश का दौर अभी पूरी तरह शुरू नहीं हुआ, लेकिन प्रशासन के मातहत कीतनी लापरवाही से काम करते है. इसकी पोल पहली बारिश ने खोल दी. बुधवार को हुई बारिश से अस्पताल तालाब बन गया. इस दौरान लोगों को कुर्सियों पर भी पैर उठाकर बैठना पड़ा. मरीज और उनके परिजन अस्पताल की ओपीडी, वेटिंग एरिया सब पानी से लबालब भरा हुआ था. जब लोग अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे तो पहले यह समझ नहीं आया कि अस्पताल पहुंचे हैं या स्वीमिंग पूल. मरीजों को यह समझ नहीं आ रहा था की डॉक्टर के पास गोते लगाकर पहुंचे या चलकर. क्योंकि फर्श तो पानी से भरा हुआ था.

नालियां छोटी होने का बहाना

अस्पताल में पानी इतना भर गया कि मरीजों और उनके परिजनों को बाहर निकलने के लिए भी परेशानी का सामना करना पड़ा. जानकारी के मुताबिक यहां के बीते साल भी पानी इस तरह अस्पताल में भरा था, लेकिन जिम्मेदारों ने कुछ नहीं किया. वहीं, जब इस बारे में जवाबदारों से बात की गई तो उन्होंने कहा यहां बारिश में परेशानी रहती है. यहां की नालियां छोटी है. मरीजों और उनके परिजनों ने बताया बारिश के कारण परेशानी का का सामना करना पड़ रहा. पहले ही कोरोना का डर बना हुआ.

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हमेशा की समस्या

साथ ही अस्पताल में बारिश का पानी भरने के चलते चलना-फिरना मुश्किल हो गया. प्रशासन को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए. यह हमेशा की समस्या बन गई है.इसका उचित समाधान किया जाना चाहिए.अस्पताल में तैनात डॉक्टर दीक्षित ने कहा परेशानियों का निदान करने की कोशिश की जा रही. यहां हर साल इसी तरह की समस्या छोटी नालियां होने के कारण होती है.

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