सोलन: नालागढ़ अस्पताल में वीरवार को उस समय माहौल बिगड़ गया जब एक 65 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई. बता दें कि जगातखाना निवासी राजकुमार जब अपने 65 वर्षीय पिता को देर रात बाजू में दर्द होने की शिकायत को लेकर नालागढ़ सरकारी अस्पताल पहुंचा तो ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों ने उनके पिता को उपचार देना शुरू किया. मगर कुछ ही देर बाद उनके पिता की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और उनकी मृत्यु हो गई.
राजकुमार का कहना है कि उसके पिता को सिर्फ बाजू में दर्द हुआ था. इसके अलावा ना तो उनके पिता को बुखार था और ना ही खांसी जुकाम. युवक ने नालागढ़ स्वास्थ्य कर्मियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब उसने नालागढ़ अस्पताल के कर्मियों से उनके पिता का शव ले जाने को कहा तो उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि उनके पिता कोरोना पॉजिटिव हैं और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
'किसी भी तरह का कोई टेस्ट नहीं किया'
राजकुमार ने बताया कि न तो उनके पिता का डॉक्टरों ने उनके सामने किसी भी तरह का कोई टेस्ट नहीं किया और जब युवक द्वारा डॉक्टर से रिपोर्ट मांगी गई तो डॉक्टर ने कहा कि रिपोर्ट लेने के बाद किट डस्टबिन में फेंक दी है.
वहीं, युवक ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि उनके पिता की मृत्यु की जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. मौके पर पहुंचे मृतक के पड़ोसी हरबंस पटियाल ने भी नालागढ़ स्वास्थ्य विभाग की इस हरकत पर दुख जताते हुए कहा कि सरकार को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए प्रयास करने चाहिए, जबकि हिमाचल का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र होने के चलते यहां पर स्वास्थ्य सुविधाएं नाममात्र हैं.
कोविड टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी
मामले पर जानकारी देखते हुए नालागढ़ अस्पताल के डॉक्टर संजीव ने बताया कि सुबह इनके पास एक मरीज आया था. जिसकी हालत गंभीर थी. कोविड प्रोटोकॉल के चलते जो भी प्राथमिक उपचार दिया जाना चाहिए वह मरीज को दिया गया. मरीज का कोविड टेस्ट किया गया जिसमें वह कोरोना पॉजिटिव निकले थे मगर उनकी तबीयत ज्यादा खराब होने के चलते लगभग उपचार के आधे घंटे बाद उनकी मौत हो गई.
फिलहाल प्रशासन को इसकी सूचना दे दी गई है और कोरोना प्रोटोकॉल के हिसाब से मृतक का अंतिम संस्कार प्रशासन द्वारा किया जाएगा.
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