शिमला : हिमाचल में अडानी समूह की सीमेंट कंपनियां एसीसी और अंबुजा प्लांट में उत्पादन ठप हो गया है. सोलन जिले के दाड़लाघाट स्थित अंबुजा सीमेंट प्लांट और बिलासपुर जिले के बरमाणा स्थित सीमेंट प्लांट में फिलहाल ताले लटके हैं और अगले आदेश तक उत्पादन बंद रखने और कर्मचारियों को काम पर ना आने के आदेश दिए गए हैं. सीमेंट फैक्ट्रियों का ये फैसला प्रदेश की नई सरकार के लिए पहली चुनौती साबित होने वाला है. (two cement plants shutdown in himachal) (adani group cement plants shutdown in Himachal)
सख्ती के मूड में सुक्खू सरकार- हिमाचल प्रदेश में सीमेंट के दाम बढ़ने और कंपनियों को मनमाने रवैये पर सुखविंदर सिंह सरकार सख्ती दिखाने के मूड में हैं. हिमाचल की धरती, हिमाचल सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाएं और हिमाचल के ही पर्यावरण की कीमत पर सीमेंट कंपनियां मनमानी कर रही हैं. ऐसा हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार का मानना है. मुख्यमंत्री ने कार्यभार संभालने के बाद ही अफसरों के साथ बैठकों का दौर शुरू किया था. दिल्ली जाने से पूर्व सीएम सुखविंदर सिंह ने अफसरों से सीमेंट के दाम बढऩे के कारणों पर रिपोर्ट ली. बताया जा रहा है कि सीएम सुखविंदर सिंह सीमेंट के दाम बढऩे से नाखुश थे. उन्होंने अफसरों से कहा कि सीमेंट कंपनियों को दाम घटाने ही होंगे. (ACC Cement Plant Shut Down in Himachal) (Ambuja Cement Plant Shutdown in Himachal) (Sukhu Govt on Cement Company)
लोगों को मिले सस्ता सीमेंट- बताया जा रहा है कि सीएम सुखविंदर सिंह चाहते हैं कि सरकार को अपने कार्य यानी सरकारी कार्य के लिए सिविल सप्लाई कारपोरेशन के माध्यम से 350 रुपए प्रति बैग सीमेंट मिल सकता है तो आम जनता को क्यों नहीं. सीएम के रुख से लग रहा है कि कांग्रेस सरकार सीमेंट कंपनियों की मनमानी पर अंकुश लगाने की तैयारी में है. सीएम सुखविंदर सिंह फिलहाल 18 दिसंबर तक राज्य से बाहर हैं. सोमवार 19 तारीख को शिमला पहुंचते ही वे अफसरों से फीडबैक लेकर आगामी फैसला लेंगे. (Sukhu Govt on Cement Price)
रणनीति बनाने में जुटी सरकार- सीएम के निर्देश के बाद से ही मुख्य सचिव, उद्योग विभाग और सिविस सप्लाई कारपोरेशन के अफसर आगामी रणनीति बनाने में जुट गए हैं. हिमाचल में इस समय चार बड़े सीमेंट प्लांट हैं. जिनमें से दो पर ताला लटका है जो अडानी समूह के पास है. अडानी समूह का मानना है कि राज्य में सीमेंट की ढुलाई महंगी पड़ती है, लिहाजा दाम बढ़ाना जरूरी है. राज्य सरकार की सख्ती के बाद सीमेंट कंपनियों ने अपने प्लांट में काम बंद करने का फैसला लिया है. इस समय डीसी बिलासपुर और डीसी सोलन के साथ कंपनी प्रतिनिधियों के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट प्रतिनिधियों की बैठकों का दौर जारी है. हिमाचल प्रदेश में हर सरकार के दौर में सीमेंट कंपनियों की मनमानी सुर्खियों में रहती है. कंपनियां जब चाहे तब दाम बढ़ा देती है. हर बार सीमेंट कंपनियों का यही तर्क रहता है कि हिमाचल में पहाड़ी राज्य होने के कारण ढुलाई महंगी है. तेल और डीजल के दाम बढऩे को लेकर ट्रांसपोर्टर भी मुखर रहते हैं. यदि हिमाचल में सीमेंट कंपनियों व सरकार के बीच टकराव बढ़ा तो राज्य का सीमेंट और ट्रांसपोर्ट सेक्टर प्रभावित होगा. सीमेंट कंपनियों वाले इलाकों में लोगों ने बड़ी संख्या में ट्रक लेकर अपना कारोबार चलाया हुआ है. मुख्य सचिव आरडी धीमान का कहना है कि इस बारे में दोनों उपायुक्तों से रिपोर्ट मांगी गई है. (Himachal Govt on Cement Price)
हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव आरडी धीमान ने कहा कि ये कंपनी मैनेजमेंट और ट्रक यूनियन के बीच का मामला है. कई दिनों से ये मामला चल रहा है, कंपनी की मांग है कि परिवहन लागत कम हो लेकिन ट्रक यूनियन बढ़ाना चाहते हैं. जिला प्रशासन को मामला सुलझाने के आदेश दिए गए हैं. सरकार प्लांट को बंद नहीं होने देगी और मामले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा
कंपनी की दलील- दोनों प्लांट बंद करने के पीछे कंपनी ने कच्चे माल की कीमतों के साथ परिवहन लागत में बढ़ोतरी का हवाला दिया गया है. कंपनी की ओर से बकायदा लिखित में नोटिस जारी कर बताया है कि इससे कंपनी को नुकसान हो रहा है, जिसका सीधा असर कंपनी के मार्केट शेयर पर असर पड़ रहा है. कंपनियों के मुताबिक मैदानी इलाकों में सीमेंट की सप्लाई के मुकाबले पहाड़ी क्षेत्रों में सप्लाई करना महंगा होता है. इसकी वजह है परिवहन लागत, जो दिल्ली या पंजाब जैसे मैदानी राज्यों के मुकाबले हिमाचल में अधिक हो जाती है. जिससे बाद विपक्ष और जनता महंगे सीमेंट को लेकर कंपनियों पर सवाल उठाती है क्योंकि हिमाचल में उत्पादन के बावजूद प्रदेश में सीमेंट महंगाा मिलता है जबकि पंजाब, दिल्ली या हरियाणा जैसे राज्यों में वही सीमेंट सस्ता है. (ACC Cement Plant Shut Down in Bilaspur) (Ambuja Cement Plant Shutdown in Solan)
ट्रक ऑपरेटर्स से ढुलाई दाम कम करने को कहा था- दरअसल सीमेंट कंपनियां लंबे वक्त से ट्रक ऑपरेटर्स से ढुलाई के दाम कम करने की मांग कर रही थी. लेकिन ट्रक ऑपरेटर्स ये मांग मानने को तैयार नहीं है. दरअसल अंबुजा सीमेंट प्लांट दालड़ाघाट की ओर से ट्रक ऑपरेटर्स को लिखित में माल ढुलाई के दाम करने के लिए कहा गया था. मौजूदा समय में प्रति किलोमीटर की ढुलाई का दाम 10 रुपये प्रति टन है. कंपनी की ओर से इसे 6 रुपये करने के लिए कहा गया था. लेकिन ट्रक ऑपरेटर्स के ना मानने के बाद कंपनी ने प्लांट में उत्पादन रोक दिया है और तमाम कर्मचारियों को काम पर ना आने के लिए कह दिया है. (Cement Company vs Transporters) (Cement Company vs Truck Operators)
सोलन डिस्ट्रिक्ट ट्रक ऑपरेटर के प्रधान जयदेव कौंडल के मुताबिक कंपनी ने माल ढुलाई का किराया कम करने की बात कही गई थी. जयदेव के मुताबिक साल 2019 से पुराने दाम पर काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अडाणी समूह द्वारा कंपनी को खरीदने से पहले भी 10 रुपये प्रति किलोमीटर पर ढुलवाई करवा रही थी, लेकिन अब कंपनी प्रति किलोमीटर 6 रुपए में माल ढुलवाई की बात कह रही है.
सोलन से लेकर बिलासपुर तक बैठकों का दौर- दोनों सीमेंट प्लांट में उत्पादन बंद होने के बाद हजारों परिवारों के सामने फिलहाल रोजी-रोटी का संकट भी है. दोनों सीमेंट प्लांट में उत्पादन बंद होने के बाद सोलन और बिलासपुर जिले के उपायुक्त ट्रक ऑपरेटर्स से लेकर कंपनी प्रबंधन के साथ भी बातचीत में जुटे हैं. 16 दिसंबर को सोलन में ट्रक ऑपरेटर्स ने भी बैठक बुलाई है. इन बैठकों के बाद भी अगर कोई फैसला नहीं निकल पाया तो फिर 18 दिसंबर के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस मामले को देखेंगे.