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क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में अब नहीं होगी Oxygen की वेस्टेज, अस्पताल प्रशासन ने बनाई टीम - himachal pradesh news

क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में ऑक्सीजन की वेस्टेज को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने कदम उठाया है और एक टीम का गठन किया है. जो ऑक्सीजन वेस्टेज पर नजर रखेगी. (regional hospital solan) (wastage of oxygen in regional hospital solan)

क्षेत्रीय अस्पताल सोलन
क्षेत्रीय अस्पताल सोलन
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Published : Mar 20, 2023, 1:10 PM IST

क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में अब नहीं होगी Oxygen की वेस्टेज

सोलन: क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में अब ऑक्सीजन की वेस्टेज नहीं होगी. इसको लेकर अस्पताल प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं. खास बात यह है कि अस्पताल के सभी वार्डों के बेड ऑक्सीजन सुविधा से जुड़ चुके हैं. लेकिन जब ऑक्सीजन प्लांट बंद रहता है तो ऑक्सीजन सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन सुविधा मरीजों को दी जाती है. ऐसे में कई बार मरीज ऑक्सीजन मास्क खोलकर साइड में रख देते हैं. कई बार इस तरह मामले अस्पताल प्रशासन के ध्यान में भी सामने आए. जिसको लेकर अब अस्पताल प्रशासन ने अलर्ट मो पर आकर एक कमेटी का गठन किया है जो अस्पताल में ऑक्सीजन की वेस्टेज पर नजर रखेगी.

क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के एमएस डॉ. एसएल वर्मा ने बताया कि अस्पताल के सभी बेड ऑक्सीजन सुविधा से जुड़ चुके हैं. ऑक्सीजन प्लांट भी अस्पताल में स्थापित है. क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले इसके लिए अस्पताल प्रशासन कार्य कर रहा है. इसी कड़ी में अस्पताल के सभी वार्ड के सभी बेड तक ऑक्सीजन सुविधा पहुंचाई गई है ताकि अस्पताल में मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजार न करना पड़े.

उन्होंने कहा कि लेकिन कई बार देखने में आ रहा था कि ऑक्सीजन की वेस्टेज अस्पताल में हो रही है. कई बार मरीज सो जाते हैं तो अपना ऑक्सीजन मास्क साइड में रख देते हैं. लेकिन ऑक्सीजन की सप्लाई लगातार चलती रहती है. ऐसे में इसको लेकर अस्पताल प्रशासन ने अब एक कमेटी का गठन किया है जो ऑक्सीजन की वेस्टेज पर नजर रखेगी. उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं अस्पताल में आने वाले लोगों को देने के लिए वचनबद्ध है.

बता दें कि क्षेत्रीय अस्पताल में 200 बेड पर मरीजों को पीएसए प्लांट से ऑक्सीजन मिल रही है. इससे अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडरों की खपत कम हुई है. मरीजों के लिए भारी-भरकम सिलेंडर उठाने से भी छुटकारा मिल गया है. ऑक्सीजन प्लांट को सुबह 9:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक ही चलाया जा रहा है. इसके बाद उपचाराधीन मरीजों को सिलेंडर और कंसंट्रेटर से ऑक्सीजन दी जा रही है. यह प्लांट एक मिनट में 1,000 लीटर ऑक्सीजन तैयार करने में सक्षम है.

ये भी पढ़ें: आज से खुल गए शिकारी माता मंदिर के कपाट, बर्फ के नजारों के बीच सफर करने से पहले जान लें मंदिर का इतिहास

क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में अब नहीं होगी Oxygen की वेस्टेज

सोलन: क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में अब ऑक्सीजन की वेस्टेज नहीं होगी. इसको लेकर अस्पताल प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं. खास बात यह है कि अस्पताल के सभी वार्डों के बेड ऑक्सीजन सुविधा से जुड़ चुके हैं. लेकिन जब ऑक्सीजन प्लांट बंद रहता है तो ऑक्सीजन सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन सुविधा मरीजों को दी जाती है. ऐसे में कई बार मरीज ऑक्सीजन मास्क खोलकर साइड में रख देते हैं. कई बार इस तरह मामले अस्पताल प्रशासन के ध्यान में भी सामने आए. जिसको लेकर अब अस्पताल प्रशासन ने अलर्ट मो पर आकर एक कमेटी का गठन किया है जो अस्पताल में ऑक्सीजन की वेस्टेज पर नजर रखेगी.

क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के एमएस डॉ. एसएल वर्मा ने बताया कि अस्पताल के सभी बेड ऑक्सीजन सुविधा से जुड़ चुके हैं. ऑक्सीजन प्लांट भी अस्पताल में स्थापित है. क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले इसके लिए अस्पताल प्रशासन कार्य कर रहा है. इसी कड़ी में अस्पताल के सभी वार्ड के सभी बेड तक ऑक्सीजन सुविधा पहुंचाई गई है ताकि अस्पताल में मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजार न करना पड़े.

उन्होंने कहा कि लेकिन कई बार देखने में आ रहा था कि ऑक्सीजन की वेस्टेज अस्पताल में हो रही है. कई बार मरीज सो जाते हैं तो अपना ऑक्सीजन मास्क साइड में रख देते हैं. लेकिन ऑक्सीजन की सप्लाई लगातार चलती रहती है. ऐसे में इसको लेकर अस्पताल प्रशासन ने अब एक कमेटी का गठन किया है जो ऑक्सीजन की वेस्टेज पर नजर रखेगी. उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं अस्पताल में आने वाले लोगों को देने के लिए वचनबद्ध है.

बता दें कि क्षेत्रीय अस्पताल में 200 बेड पर मरीजों को पीएसए प्लांट से ऑक्सीजन मिल रही है. इससे अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडरों की खपत कम हुई है. मरीजों के लिए भारी-भरकम सिलेंडर उठाने से भी छुटकारा मिल गया है. ऑक्सीजन प्लांट को सुबह 9:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक ही चलाया जा रहा है. इसके बाद उपचाराधीन मरीजों को सिलेंडर और कंसंट्रेटर से ऑक्सीजन दी जा रही है. यह प्लांट एक मिनट में 1,000 लीटर ऑक्सीजन तैयार करने में सक्षम है.

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