ETV Bharat / state

2021 तक हिमाचल होगा टीबी मुक्त, सोलन में क्षय रोग प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

जिला सोलन के आयुर्वेदिक अस्पताल में जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. राजेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में फार्मासिस्टों के लिए क्षय रोग प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई. मौजूदा समय में हिमाचल में लगभग 1500 टीबी के मरीज हैं. सरकार का लक्ष्य है कि 2021 तक हिमाचल टीबी मुक्त किया जाएगा.

TB awareness workshop in solan
author img

By

Published : Oct 5, 2019, 2:15 PM IST

सोलनः प्रदेश सरकार के क्षय रोग मुक्त हिमाचल अभियान के अंतर्गत शनिवार को जिला आयुर्वेदिक अस्पताल सोलन में फार्मासिस्टों के लिए क्षय रोग प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई. कार्यशाला की अध्यक्षता जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. राजेंद्र शर्मा ने की.

कार्यशाला में सोलन जिला के अर्की, कंडाघाट तथा सोलन उपमंडलों के 50 आयुर्वेदिक औषधि योजकों को क्षय रोग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया. डॉ. राजेंद्र शर्मा ने कहा कि क्षय रोग अर्थात टीबी का इलाज संभव है. सक्रिय क्षय रोग संक्रमण के लक्षणों में दो सप्ताह तक चलने वाली खांसी, शरीर में गांठे पड़ना, बलगम (म्युकस) या रक्त के साथ खांसी, बुखार, रात को पसीना आना और सीने में दर्द शामिल हैं.

जिला आयुर्वेदिक अधिकारी ने कहा कि कुछ लोग क्षय रोग के जीवाणु से संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन उनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई देते इसे सुप्त क्षय रोग कहते हैं. सुप्त क्षय रोग के कारण भविष्य में सक्रिय रोग होने की संभावना होती है. क्षय रोग से ग्रसित रोगियों को दवा का पूरा कोर्स करने के लिए प्रेरित कर, समय पर परीक्षण कर दवा शुरू करके क्षय रोग से मुक्ति पाई जा सकती है.

TB awareness workshop in solan
सोलन में फार्मासिस्टों के लिए क्षय रोग प्रशिक्षण कार्यशाला

सक्रिय क्षय रोग से ग्रसित लोगों का इलाज एंटीबायोटिक्स और अन्य दवाओं से किया जाता है. जो क्षय रोग के जीवाणु को नष्ट कर देती हैं. इसके लिए यह आवश्यक है कि रोगी नियमित समय पर निर्धारित अवधि के लिए दवा का सेवन करे. औषधी योजक क्षय रोगियों की काउंसिलिंग करने के साथ-साथ रोगियों का रिकॉर्ड रखना भी सुनिश्चित करें ताकि शत-प्रतिशत क्षय रोगी मुक्त समाज का निर्माण किया जा सके.

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. मुक्ता रस्तोगी ने इस अवसर पर कहा कि जिले में क्षय रोग से पीड़ित लगभग 1500 रोगी हैं. इनमें से 500 रोगी नालागढ़ क्षेत्र में हैं. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर 02 अक्टूबर को जिलाभर में आयोजित ग्राम सभाओं में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने क्षय रोग के बारे में लोगों को जागरूक किया गया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2021 तक हिमाचल को क्षय रोग मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

सोलनः प्रदेश सरकार के क्षय रोग मुक्त हिमाचल अभियान के अंतर्गत शनिवार को जिला आयुर्वेदिक अस्पताल सोलन में फार्मासिस्टों के लिए क्षय रोग प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई. कार्यशाला की अध्यक्षता जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. राजेंद्र शर्मा ने की.

कार्यशाला में सोलन जिला के अर्की, कंडाघाट तथा सोलन उपमंडलों के 50 आयुर्वेदिक औषधि योजकों को क्षय रोग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया. डॉ. राजेंद्र शर्मा ने कहा कि क्षय रोग अर्थात टीबी का इलाज संभव है. सक्रिय क्षय रोग संक्रमण के लक्षणों में दो सप्ताह तक चलने वाली खांसी, शरीर में गांठे पड़ना, बलगम (म्युकस) या रक्त के साथ खांसी, बुखार, रात को पसीना आना और सीने में दर्द शामिल हैं.

जिला आयुर्वेदिक अधिकारी ने कहा कि कुछ लोग क्षय रोग के जीवाणु से संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन उनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई देते इसे सुप्त क्षय रोग कहते हैं. सुप्त क्षय रोग के कारण भविष्य में सक्रिय रोग होने की संभावना होती है. क्षय रोग से ग्रसित रोगियों को दवा का पूरा कोर्स करने के लिए प्रेरित कर, समय पर परीक्षण कर दवा शुरू करके क्षय रोग से मुक्ति पाई जा सकती है.

TB awareness workshop in solan
सोलन में फार्मासिस्टों के लिए क्षय रोग प्रशिक्षण कार्यशाला

सक्रिय क्षय रोग से ग्रसित लोगों का इलाज एंटीबायोटिक्स और अन्य दवाओं से किया जाता है. जो क्षय रोग के जीवाणु को नष्ट कर देती हैं. इसके लिए यह आवश्यक है कि रोगी नियमित समय पर निर्धारित अवधि के लिए दवा का सेवन करे. औषधी योजक क्षय रोगियों की काउंसिलिंग करने के साथ-साथ रोगियों का रिकॉर्ड रखना भी सुनिश्चित करें ताकि शत-प्रतिशत क्षय रोगी मुक्त समाज का निर्माण किया जा सके.

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. मुक्ता रस्तोगी ने इस अवसर पर कहा कि जिले में क्षय रोग से पीड़ित लगभग 1500 रोगी हैं. इनमें से 500 रोगी नालागढ़ क्षेत्र में हैं. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर 02 अक्टूबर को जिलाभर में आयोजित ग्राम सभाओं में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने क्षय रोग के बारे में लोगों को जागरूक किया गया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2021 तक हिमाचल को क्षय रोग मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

Intro:प्रदेश सरकार का लक्ष्य वर्ष 2021 तक हिमाचल होगा क्षय रोग मुक्त

:-क्षय रोग मुक्त हिमाचल अभियान के तहत लगाई गई कार्यशाला
:-दो सप्ताह पुरानी खांसी व बुखार की स्थिति में करवाएं टीबी जांच-डॉ. राजेंद्र शर्मा


प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी क्षय रोग मुक्त हिमाचल अभियान के अंतर्गत आज यहां जिला आयुर्वेदिक अस्पताल सोलन में फार्मासिस्टों के लिए क्षय रोग प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला की अध्यक्षता जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. राजेंद्र शर्मा ने की। कार्यशाला में सोलन जिला के अर्की, कंडाघाट तथा सोलन उपमंडलों के 50 आयुर्वेदिक औषधि योजकों को क्षय रोग के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया गया।


Body:डॉ. राजेंद्र शर्मा ने कहा कि क्षय रोग अर्थात टीबी का इलाज संभव है। सक्रिय क्षय रोग संक्रमण के लक्षणों में दो सप्ताह तक चलने वाली खांसी, शरीर में गांठे पड़ना, बलगम (म्युकस) या रक्त के साथ खांसी, बुखार, रात को पसीना आना और सीने में दर्द शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग क्षय रोग के जीवाणु से संक्रमित हो सकते हैं लेकिन उनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई देते। इसे सुप्त क्षय रोग कहते हैं। सुप्त क्षय रोग के कारण भविष्य में सक्रिय रोग होने की संभावना होती है। उन्होंने कहा कि रोग के लक्षणों का पता चलते ही रोगी तुरंत तपेदिक के के लिए समीप के अस्पताल जाकर जांच करवाएं।

उन्होंने औषधि योजकों का आह्वान किया कि वे क्षय रोग से ग्रसित रोगियों को दवा का पूरा कोर्स करने के लिए प्रेरित करें। समय पर परीक्षण कर दवा आरंभ करके क्षय रोग से मुक्ति पाई जा सकती है। सक्रिय क्षय रोग से ग्रसित लोगों का इलाज एंटीबायोटिक्स और अन्य दवाओं से किया जाता है जो क्षय रोग के जीवाणु को नष्ट कर देती हैं। किन्तु इसके लिए यह आवश्यक है कि रोगी नियमित समय पर निर्धारित अवधि के लिए दवा का सेवन करे। उन्होंने कहा कि औषधी योजक क्षय रोगियों की काउंसिलिंग करने के साथ-साथ रोगियों का रिकॉर्ड रखना भी सुनिश्चित करें ताकि शत-प्रतिशत क्षय रोगी मुक्त समाज का निर्माण किया जा सके।
Conclusion:जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. मुक्ता रस्तोगी ने इस अवसर पर कहा कि जिले में क्षय रोग से पीडि़त लगभग 1500 रोगी हैं। इनमें से 500 रोगी नालागढ़ क्षेत्र में हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री क्षय रोग निवारण योजना के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से सभी चिकित्सा खंडों में कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर 02 अक्तूबर को जिलाभर में आयोजित ग्राम सभाओं में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने क्षय रोग के बारे में लोगों को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि क्षय रोग के अधिकांश मामलों का इलाज सफलतापूर्वक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2021 तक हिमाचल को क्षय रोग मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए आवश्यक है कि जन-जन को क्षय रोग के विषय में जागरूक किया जाए।

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.