धर्मशालाः शीतकालीन सत्र के पांचवें दिन सोलन विधायक कर्नल धनी राम शांडिल ने नगर परिषद सोलन को नगर निगम बनाने के लिए सवाल पुछा था. इस पर शहरी विकास मंत्री सरवीन चौधरी ने सहमति जताई है. साथ सोलन की पंचायतों की रजामंदी न होने के कारण सोलन को नगर निगम दे पाने का हवाला दे दिया.
शहरी विकास मंत्री सरवीन चौधरी ने कहा कि नगर परिषद सोलन को नगर निगम बनाने के लिए मैं भी सहमत हूं. प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने भी वहां से प्रतिनिधित्व किया है. नगर परिषद सोलन का गठन वर्ष 1960 में हुआ, जो कि इससे पूर्व अधिसूचित क्षेत्र (एनएसी) सीमित थी.
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार सोलन नप की जनसंख्या 39526 थी जो कि वर्तमान में 60 हजार है. नियम-62 के तहत विधायक कर्नल धनी राम शांडिल के लाए गए प्रस्ताव पर सदन में जवाब देते हुए शहरी विकास मंत्री ने कहा कि सोलन नप को नगर निगम बनाने के लिए प्रस्ताव चुके हैं.
नगर परिषद की ओर से भी इस बारे में प्रस्ताव आया है. नगर परिषद की साथ लगती पंचायतों से एनओसी को लेकर निवेदन किया गया है, लेकिन पंचायतों ने आपत्ति जताई थी. शहरी विकास मंत्री ने कहा कि जैसे ही साथ लगती 8 पंचायतों से एनओसी आ जाएगी तो उसे आगे भेजकर इस दिशा में प्रयास तेज कर दिए जाएंगे.
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि मैं खुद चाहती हूं कि नगर परिषद सोलन नगर निगम और हम शहरीकरण की ओर बढ़ें. इस पर कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा कि वर्तमान में सोलन की जनसंख्या नगर निगम बनाने के लिए उपयुक्त है.
ऐसे में उसी जनसंख्या के आधार पर आगे बढ़ेंगे तो पंचायतें भी आ जाएंगी. बस पंचायतों के लोगों को यह सुनिश्चित करना होगा कि 2-3 साल तक जो सुविधाएं मिलती हैं, वो विड्रा नहीं होंगी.