सोलनः देश में बच्चों की शिक्षा की स्थिति को लेकर निरंतर सर्वे करवाए जाते हैं ताकि देश के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की बुनियादी शिक्षा का आकलन किया जा सके. इसी कड़ी में वर्ष 2017 में एनसीईआरटी दिल्ली की ओर से राज्य में स्थापित एससीईआरटी के माध्यम से नेशनल अचीवमेंट सर्वे कंडक्ट करवाया गया था. इसके बाद वर्ष 2021 में भी सर्वे कंडक्ट करवाया जा रहा है. इसमें यह पता लगाया जा रहा है कि देश के स्कूलों में बच्चों की शिक्षा का स्तर कैसा है. इसमें किसी तरह का सुधार हुआ है या फिर शिक्षा के स्तर में गिरावट आई है. यह कार्य यूनेस्को इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्टेटिस्टिक्स ( यूआईएस ) के सहयोग से देश के 9 राज्यों में किया जा रहा है जिसमें हिमाचल प्रदेश भी शामिल है.
नीति लिंकिंग कार्यशाला का किया आयोजन
एनसीईआरटी यूनेस्को ग्लोबल मिनिमम प्रोफेशियंसी लेबल की आवश्यकता वाले देश में सीखने वाले के प्रतिशत की रिपोर्टिंग के लिए बेंच मार्क निर्धारित करने के लिए एक नीति लिंकिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया. यह कार्यशाला देश के चयनित 9 एससीईआरटी में कंडक्टर की गई, जिसमें एससीईआरटी सोलन भी शामिल था. 19 मार्च तक चली इस कार्यशाला में एससीईआरटी हेड कोऑर्डिनेटर, 2-2 गणित व हिंदी के अध्यापकों ने भाग लिया. यह कार्यशाला ब्रांडेड मोड पर आयोजित की गई. इसमें यूनेस्को की टीम एनसीईआरटी की टीम और एससीईआरटी की टीम ने भाग लिया. इसमें बताया गया कि लिंकिंग में किस प्रकार से डेटाबेस फीड करना है.
वहीं, इस कार्यशाला में बतौर पैनलिस्ट अध्यापक संजीव कुमार और खुशवंत कुमार ने यह जानकारी हासिल की नेशनल अचीवमेंट सर्वे नवंबर माह में आयोजित होने वाला है. उसके लिए हिमाचल किस स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहा है.
नेशनल अचीवमेंट सर्वे को ध्यान में रखकर कार्यशाला का किया आयोजित
वहीं, एससीईआरटी सोलन की प्रिंसिपल डॉ. नीलम कौशिक ने बताया कि हिमाचल में शिक्षा के स्तर को लेकर किस तरह से सुधार किया जाना है. इसको लेकर यह कार्यशाला आयोजित की गई है. वहीं, यह कार्यक्रम नवंबर माह में होने वाले नेशनल अचीवमेंट सर्वे को ध्यान में रखकर आयोजित किया गया है.
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