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परवाणू में बिल्डिंग जमींदोज मामला: लगातार दूसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

औद्योगिक क्षेत्र परवाणू (Industrial Area Parwanoo) के सेक्टर दो में पुरानी बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर मशीन लगाकर खुदाई करना महंगा पड़ गया. नींव कमजोर होने के कारण चार मंजिला भवन भर-भराकर गिर गया (Building collapse in Parwanoo). लगातार दूसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. वहीं, एसडीएम डॉ. संजीव कुुमार धीमान ने बताया कि एनडीआरएफ के 42 जवानों की टीम बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. अभी तक नरेश का कोई सुराग नहीं मिला है.

Building collapse in Parwanoo
परवाणू में बिल्डिंग जमींदोज
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Published : Nov 24, 2021, 11:01 PM IST

कसौली/सोलन: हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार परवाणू में हुए हादसे में दूसरे दिन भी मलबे में दबे कामकार का पता नहीं चल पाया है. वहीं, भवन के अंतिम छोर पर सुरंग बनाने के बाद भी मलबे में दबे एक व्यक्ति का कोई सुराग नहीं लगा है. हालांकि एनडीआरएफ समेत जिला प्रशासन, पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मौके पर तैनात हैं और कामगार की तलाश जारी है. देर रात भी एक मजदूर के निकालने के बाद भी दूसरे की तलाश जारी रही. देर रात स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल (Health Minister Dr. Rajiv Saizal on spot) ने मौके पर पहुंच आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

जानकारी के अनुसार उपमंडलाधिकारी कसौली की देखरेख में रातभर बचाव कार्य के बाद बुधवार को भी व्यक्ति की तलाश जारी रही. इसके लिए एनडीआरएफ की टीम ने भवन के अंतिम हिस्से पर व्यक्ति का पता लगाने के लिए सुरंग बनाई गई. इस सुरंग के माध्यम से धरातल पर पहुंचने का प्रयास किया गया, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते सुरंग से सफलता नहीं मिल पाई. जिसके बाद इसके विपरीत एक और सुरंग बनाई जा रही है जिससे सफलता मिलने की उम्मीद है.

बता दें कि, मंगलवार करीब डेढ़ बजे परवाणू के सेक्टर दो स्थित पुराने उद्योग का चार मंजिला भवन गिर गया. इस दौरान भवन के भीतर पांच मजदूर कार्य कर रहे थे इसी दौरान अचानक बिल्डिंग ताश के पत्तों की तरह ढह गई. जिसके बाद जिला प्रशासन, पुलिस व दमकल विभाग की टीम ने राहत बचाव कार्य शुरू किया. इस हादसे में तीन मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया, जबकि देर रात एक मजदूर सुरमान को निकाला गया. वहीं, अभी नरेश का कुछ पता नहीं चल पा रहा है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल करेगा कोरोना की रिकॉर्ड वैक्सीनेशन, दूसरी डोज के तहत 10 दिन में लगेंगे 8.75 लाख टीके

डीएसपी योगेश रोल्टा ने बताया कि जेसीबी से मलबा हटाने से उसके भीतर गिरने की संभावना है. बचाव दल की ओर से लेंटर काट कर नीचे जाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बचाव दल अंदर फंसे कैंटर तक तो पहुंच गया, लेकिन व्यक्ति नहीं मिला. एसडीएम डॉ. संजीव कुुमार धीमान ने बताया कि एनडीआरएफ के 42 जवानों की टीम बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. अभी तक नरेश का कोई सुराग नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि मृतक के परिवार को फौरी राहत के तौर पर 20 हजार रुपये की राशि दी गई है, जबकि घायलों को 2500 रुपये की राशि फौरी राहत के तौर पर दी गई है.

बता दें कि जानकारी के अनुसार विजय कुमार निवासी गांव टिपरा, कालका, हरियाणा (Haryana) ने पुलिस को बताया कि बीते दो माह पहले हिमाचल होलसेल कंपनी (Himachal Whole Sale Company) सेक्टर एक परवाणू विनय सिंगला ने खरीदा था और यहां पर पिछले करीब दो सप्ताह से रिपेयर का काम काम किया जा रहा था.

रिपेयर कार्य के चलते इस बिल्डिंग के फर्श को चार दिन पहले तोड़ा गया था. फर्श तोड़ने के बाद मंगलवार को भी टिप्पर की सहायता से मिट्टी को हटाया जा रहा था. करीब डेढ़ बजे यहां पांच व्यक्ति जिनमें दो लेबर वाले संतोष, सुरमान और बिजली का काम (Electrical Work) देखने के लिए नरेश कार्य कर रहे थे.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में गिरा बिजली उत्पादन, पड़ोसी राज्यों पर बढ़ी निर्भरता

कसौली/सोलन: हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार परवाणू में हुए हादसे में दूसरे दिन भी मलबे में दबे कामकार का पता नहीं चल पाया है. वहीं, भवन के अंतिम छोर पर सुरंग बनाने के बाद भी मलबे में दबे एक व्यक्ति का कोई सुराग नहीं लगा है. हालांकि एनडीआरएफ समेत जिला प्रशासन, पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मौके पर तैनात हैं और कामगार की तलाश जारी है. देर रात भी एक मजदूर के निकालने के बाद भी दूसरे की तलाश जारी रही. देर रात स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल (Health Minister Dr. Rajiv Saizal on spot) ने मौके पर पहुंच आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

जानकारी के अनुसार उपमंडलाधिकारी कसौली की देखरेख में रातभर बचाव कार्य के बाद बुधवार को भी व्यक्ति की तलाश जारी रही. इसके लिए एनडीआरएफ की टीम ने भवन के अंतिम हिस्से पर व्यक्ति का पता लगाने के लिए सुरंग बनाई गई. इस सुरंग के माध्यम से धरातल पर पहुंचने का प्रयास किया गया, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते सुरंग से सफलता नहीं मिल पाई. जिसके बाद इसके विपरीत एक और सुरंग बनाई जा रही है जिससे सफलता मिलने की उम्मीद है.

बता दें कि, मंगलवार करीब डेढ़ बजे परवाणू के सेक्टर दो स्थित पुराने उद्योग का चार मंजिला भवन गिर गया. इस दौरान भवन के भीतर पांच मजदूर कार्य कर रहे थे इसी दौरान अचानक बिल्डिंग ताश के पत्तों की तरह ढह गई. जिसके बाद जिला प्रशासन, पुलिस व दमकल विभाग की टीम ने राहत बचाव कार्य शुरू किया. इस हादसे में तीन मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया, जबकि देर रात एक मजदूर सुरमान को निकाला गया. वहीं, अभी नरेश का कुछ पता नहीं चल पा रहा है.

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डीएसपी योगेश रोल्टा ने बताया कि जेसीबी से मलबा हटाने से उसके भीतर गिरने की संभावना है. बचाव दल की ओर से लेंटर काट कर नीचे जाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बचाव दल अंदर फंसे कैंटर तक तो पहुंच गया, लेकिन व्यक्ति नहीं मिला. एसडीएम डॉ. संजीव कुुमार धीमान ने बताया कि एनडीआरएफ के 42 जवानों की टीम बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. अभी तक नरेश का कोई सुराग नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि मृतक के परिवार को फौरी राहत के तौर पर 20 हजार रुपये की राशि दी गई है, जबकि घायलों को 2500 रुपये की राशि फौरी राहत के तौर पर दी गई है.

बता दें कि जानकारी के अनुसार विजय कुमार निवासी गांव टिपरा, कालका, हरियाणा (Haryana) ने पुलिस को बताया कि बीते दो माह पहले हिमाचल होलसेल कंपनी (Himachal Whole Sale Company) सेक्टर एक परवाणू विनय सिंगला ने खरीदा था और यहां पर पिछले करीब दो सप्ताह से रिपेयर का काम काम किया जा रहा था.

रिपेयर कार्य के चलते इस बिल्डिंग के फर्श को चार दिन पहले तोड़ा गया था. फर्श तोड़ने के बाद मंगलवार को भी टिप्पर की सहायता से मिट्टी को हटाया जा रहा था. करीब डेढ़ बजे यहां पांच व्यक्ति जिनमें दो लेबर वाले संतोष, सुरमान और बिजली का काम (Electrical Work) देखने के लिए नरेश कार्य कर रहे थे.

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