सोलन: हिमाचल प्रदेश के नगर निगम सोलन में मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव में हो रही देरी को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने सुक्खू सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. डॉ बिंदल ने कहा कांग्रेस सोलन नगर निगम को हाईजैक करना चाहती है और सरकार शक्तियों का दुरुपयोग कर रही है. उन्होंने कहा विधायक को वोट देने का अधिकार दिया गया है. ऐसे में अब विधायक को मेयर और चेयरमैन का चुनाव भी लड़ लेना चाहिए. साथ ही बीडीसी, जिला परिषद और जरूरत पड़ी तो पंचायत में भी विधायक को वोट डाल देना चाहिए. इसके साथ ही सांसद को विधानसभा में भी वोटिंग राइट दे दें.
उन्होंने कहा धर्मशाला निगम को भी सरकार की इसी प्रकार की नीति ने कांग्रेस ने छीन लिया. वहीं, सोलन नगर निगम में तिथि को बदलने पर उन्होंने कहा कि सोलन निगम में कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत है. बावजूद इसके यहां पर विधायक को वोट का अधिकार दे दिया है. उन्होंने कहा सोलन में जब 4 दिसंबर को चुनाव की तारीख घोषित की गई थी और कहा गया था कि अगर कोरम पूरा नहीं हुआ तो 5 दिसंबर को चुनाव होगा, लेकिन अब क्या मामला हुआ. जब 5 दिसंबर की नोटिफिकेशन की जगह तारीख 7 दिसंबर कर दी गई.
राजीव बिंदल ने कहा इससे साफ जाहिर है कि कांग्रेस सरकार सोलन नगर निगम को हाईजैक करना चाहती है. उन्होंने कहा भाजपा ने तो अपना महापौर और उपमहापौर के लिए दावेदारी ही नहीं दी, फिर एडीसी ने किस दबाव में अपनी ही अधिसूचना को बदलकर नई अधिसूचना जारी कर दी. उनके एक पार्षद की 7 दिसंबर को घर में शादी है और वह राजस्थान जा रहे हैं, इसलिए यह जानबूझकर तिथि बदली गई है. उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया की अधिकारी दबाव में काम कर रहे हैं. अभी उनके पास इतना समय नहीं है कि वह तिथि बदलने के मामले में हाईकोर्ट जाएं.
1997 में हुआ था संशोधन: डॉ. बिंदल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के भाजपा के विधायकों को वोट देने के बिल जाने के मामले में कहा कि 1994 में यह बिल लाया गया था और 1997 में इसमें संशोधन किया गया लेकिन इसमें कहीं यह नहीं लिखा गया है कि इसमें विधायक कोरम का पार्ट होंगे और उन्हें वोट डालने का अधिकार होगा. गौर रहे कि सोलन दौरे में मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि यह बिल भाजपा ही लेकर आई थी, कांग्रेस ने इसे लागू किया है.