सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी बागवानों के लिए फलदार पौधों की बिक्री 4 जनवरी से पहले आओ पहले पाओ के आधार पर शुरू होने वाली है. इस वर्ष विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर और क्षेत्रीय स्टेशनों द्वारा फलों की विभिन्न किस्मों के 2 लाख से ज्यादा पौधे तैयार किए गए हैं. जिन फलदार पौधों की बिक्री होगी उनमें सेब, कीवी, पलम, खुरमानी, आड़ू, अखरोट, चेरी, आनर, नेक्टरिन, परसिमन, पेकननट, अंगूर, नाशपती आदि शामिल रहेंगे. (plants sale in Nauni University)
सोमवार को विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में फल विज्ञान विभाग, बीज विज्ञान और अनुसंधान निदेशालय के अंतर्गत मॉडल फार्म में करीब 1,15,000 पौधे तैयार किए गए हैं. इसके अलावा हिमाचल के विभिन्न हिस्सों में स्थित विश्वविद्यालय के कृषि विकास केन्द्रों (केवीके) और क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्रों में भी करीब 92,000 पौधे बागवानों के लिए तैयार किए हैं.
नौणी विवि के अंतर्गत आने वाले सोलन के कृषि विकास केन्द्र कंडाघाट, किन्नौर के केवीके शारबो, लाहौल स्पीति के केवीके ताबो, औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नेरी (हमीरपुर), शिमला के केवीके रोहडू, केवीके चंबा और क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र बजौरा और मशोबरा में भी उपलब्ध पौधों की बिक्री की जाएगी. (nauni university fruit plants distribution) (fruit plants sale in Solan)
बजौरा के क्षेत्रीय स्टेशन को छोड़कर जहां 15 दिसंबर से बिक्री शुरू हो गई है, अन्य सभी स्टेशनों पर भी पौधे 4 जनवरी से उपलब्ध होंगे. यह निर्णय लिया गया है कि प्रति व्यक्ति 200 पौधों की अधिकतम सीमा के साथ प्रति सेब किस्म के 50 पौधे और कीवी फ्रूट के 10 पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि सभी किसानों को पौधे उपलब्ध करवाए जा सकें. अन्य फलदार पौधों की उपलब्धता के अनुसार बिक्री होगी.
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