सोलन: हिमाचल प्रदेश में मौसम खराब होने या सूखा पड़ने से फसलें नष्ट होने पर किसानों को फसलों का बीमा करवाने पर उसका मुआवजा दिया जा रहा है. ये मुआवजा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत दिया जा रहा है. जिसके तहत रबी और खरीफ फसलों का बीमा किया जाता है. इसी कड़ी में सोलन जिले में खरीफ और रबी फसल मक्की, धान, रबी फसल गेहूं व जौ के बीमे किए जा रहे थे, लेकिन अब मौसम पर आधारित फसलें जिनमें टमाटर, अदरक, शिमला मिर्च, मटर आती हैं, उनका भी बीमा किया जा रहा है.
19 नवंबर तक मटर की फसल का बीमा: मटर की फसल का बीमा जिला सोलन में पहली बार किया जा रहा है. जिसमें किसानों को एक हेक्टेयर भूमि पर फसल खराब हो जाने पर 2 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा. जिला सोलन में पहली बार मटर को लेकर यह बीमा किया जा रहा है, जिसकी अंतिम तिथि 19 नवंबर है. कृषि विभाग सोलन के उपनिदेशक डॉ. डीपी गौतम ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में मौसम खराब होने की वजह से कई बार फसलों को नुकसान पहुंचता है. इस बार भी बरसात सीजन के दौरान इसी तरह का नुकसान हिमाचल प्रदेश में देखने को मिला, लेकिन इस बार किसानों को फसल के नुकसान से बचाने के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा करवाया जा रहा है.
सोलन में 1650 हेक्टेयर भूमि पर मटर की खेती: डॉ. डीपी गौतम ने बताया कि इस योजना के तहत रबी और खरीफ फसलों को लेकर बीमा किया जा रहा हैं. अभी तक जिले में मक्की धान, गेहूं, जौ, टमाटर, शिमला मिर्च, अदरक को लेकर बीमा किया जा रहा था, लेकिन पहली बार अब मटर का बीमा भी सोलन में किया जाएगा, क्योंकि जिले में टमाटर के बाद अब मटर की फसल को भी कैश क्रॉप के रूप में किसानों द्वारा अपनाया जा रहा है. सोलन जिले में 1650 हेक्टेयर भूमि पर मटर की खेती की जाती है. जिनमें धर्मपुर, कंडाघाट, सोलन, नालागढ़ का कुछ क्षेत्र शामिल है.
एक हेक्टेयर भूमि पर 2 लाख का मुआवजा: डॉ. डीपी गौतम ने बताया कि किसान 19 नवंबर तक मटर की फसल का बीमा करवा सकते हैं. इसके लिए किसान अपने नजदीकी लोक मित्र केंद्र या साइबर कैफे में वेदर बेस्ट स्कीम साइट में जाकर उसमें अपनी फसल के बीमा को लेकर जानकारी भर सकते हैं. एक हेक्टेयर भूमि पर 2 लाख तक का मुआवजा सरकार की ओर से दिया जाता है. इसकी फीस एक बीघा भूमि पर ₹800 रहती है, वहीं, 1 हेक्टेयर यानी साढ़े बारह बीघा भूमि पर इसकी फीस 10 हजार रुपए रहती है. उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वह अपनी मटर का फसल बीमा जरूरत करवाएं. अगर किसी कारणवश उनकी फसल खराब हो जाती है तो उस स्थिति में उनको उनकी फसल का मुआवजा मिल सकेगा.
15 दिसंबर तक गेहूं की फसल का बीमा: डॉ. डीपी गौतम ने कहा कि इस बीमा योजना का लाभ उठाकर किसान अपनी मटर की फसल को सुरक्षित कर सकते हैं. इस के साथ उन्होंने जिले में गेहूं की फसल को भी सुरक्षित रखने के लिए किसानों से फसल बीमा करवाने का आग्रह किया. जिला सोलन में गेहूं की फसल का बीमा करवाने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर तक रखी गई है. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में सरकार द्वारा मक्की, धान, गेहूं, जौ सहित आलू, टमाटर, अदरक, मटर, फूलगोभी और बंद गोभी की फसलों का बीमा करवाया जा रहा है.
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