सोलन: सोमवार को एक आदेश सोलन में चर्चा का विषय बना हुआ है और सोशल मीडिया पर भी यह आदेश खूब वायरल हो रहा है. आदेश यह है कि अब शूलिनी मंदिर परिसर में कीर्तन नहीं होगा. इन आदेशों को लेकर लोगों ने रोष जाहिर भी किया है. आदेशों को एक बोर्ड पर लिखा गया है. जिसमें लिखा है कि मंदिर परिसर में कीर्तन करना वर्जित है. यह आदेश मंदिर परिसर में जिला दंडाधिकारी एवं आयुक्त (शूलिनी माता मंदिर न्यास सोलन) की ओर से जारी किए गए हैं.
वहीं, जब इसको लेकर डीसी सोलन मनमोहन शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में किसी भी तरह का कीर्तन वर्जित नहीं किया गया है, लेकिन मंदिर प्रांगण में कीर्तन ना किया जाए इसको लेकर कहा गया है. उनका कि यह आदेश जिला प्रशासन ने मंदिर ट्रस्ट के साथ मिलकर लिया है. डीसी सोलन मनमोहन शर्मा ने कहा कि मंदिर प्रांगण में जब कीर्तन होता है ऐसे में अन्य श्रद्धालुओं को माता के दर्शन करने में दिक्कत आती है. ऐसे में अधिकारियों ने स्वयं भी जाकर वहां का निरीक्षण किया है. जिसके बाद यह कहा गया है कि मंदिर प्रांगण में कीर्तन ना करके मंदिर के साथ जो हॉल बना है उसमें कीर्तन किया जाए, ताकि अन्य श्रद्धालुओं को भी माता के दर्शन आसानी से हो सकें.
उन्होंने कहा कि यदि कुछ ही मात्रा में महिलाएं वहां पर जाकर कीर्तन करती है तो मंदिर प्रांगण में ही कर सकती, लेकिन अभी यदि अधिक मात्रा में कीर्तन करने के लिए श्रद्धालु मंदिर में आए तो उन्हें मंदिर हॉल में ही कीर्तन करना होगा, ताकि अन्य लोगों को भी माता के दर्शन करने में परेशानी न झेलनी पड़े.
बता दें कि शूलिनी मंदिर परिसर में रविवार और मंगलवार के दिन महिलाओं द्वारा कीर्तन का आयोजन किया जाता है. जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भाग लेती हैं. शूलिनी माता सोलन शहर की अधिष्ठात्री देवी हैं. ऐसे में लोगों की आस्था भी इस मंदिर के साथ जुड़ी हुई है. वहीं, इन आदेशों के बाद लोगों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से साफ कहा गया है कि कीर्तन मंदिर में हो सकता है, लेकिन उसे मंदिर परिसर में ना करके मंदिर के साथ बने हॉल में किया जाए.
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