कसौली: कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर बारिश में वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, डर के साये में लोगों को हाईवे पर पैदल चलना पड़ रहा है. बुधवार को भी हाईवे पर स्थित दत्यार में पहाड़ी से भारी मात्रा में पत्थर और मलबा सड़क आ गिरा. बड़े-बड़े पत्थर गिर जाने से 45 मिनट तक हाईवे पर आवाजाही थमी रही. गनीमत यह रही कि जिस दौरान सड़क पर भूस्खलन हुआ उस समय कोई भी वाहन नहीं गुजर रहा था. इससे एक बड़ा हादसा होने से भी टला गया.
हालांकि भूस्खलन होने से हाईवे के दोनों और तीन किलोमीटर लंबी कतारें लग गई. इसके बाद लोगों ने फोरलेन निर्माता कंपनी को बताया गया. बारिश में ही फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी ने सड़क को सुचारू करने का कार्य किया. इसके बाद हाईवे पर पहाड़ी वाली लेन को बंद कर दूसरी ओर से वाहनों की आवाजाही शुरू की. इसके बाद वाहन चालकों ने राहत की सांस ली. वहीं, कई जगहों पर पहाड़ियों से पत्थर और मलबा गिरा गया. ऐसे में बारिश के दौरान वाहन चालकों को खतरे की जद्द में निकलना पड़ रहा है.
गौर रहे कि हाईवे पर परवाणू से सोलन के बीच सड़क को फोरलेन में बदल दिया गया है. लेकिन अभी भी लगातार पहाड़ियों के दरकने के मामले आ रहे हैं. बीते दिनों हुई बारिश के बाद हाईवे पर कई जगह भूस्खलन हुआ. वहीं, बुधवार को दोपहर करीब 01:00 बजे लगी मूसलाधार बारिश के बाद भी हाईवे पर कई जगह पत्थर और मलबा सड़क पर गिरा. वहीं, दत्यार के समीप भारी मात्रा में भूस्खलन हो गया. दोनों लेन में पत्थर गिर जाने से वाहनों की आवाजाही न हो सकी और वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा. फोरलेन निर्माता कंपनी की जेसीबी ने मौके पर आकर सड़क को सुचारू करने का कार्य किया. इसके अलावा चक्की मोड, सनवारा, कुमारहट्टी, बड़ोग बाइपास में भी कई जगह पत्थर गिरे. जिसके बाद फोरलेन निर्माता कंपनी ने पत्थरों को हटाने का कार्य किया.
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