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देवभूमि के लाल कुलदीप सिंह द्रास में शहीद, कल शाम तक गांव पहुंच सकती है पार्थिव देह

देवभूमि के लाल कुलदीप सिंह ने 'ऑपरेशन स्नो लेपर्ड' के दौरान शहादत पाई है. शहीद की पार्थिव देह कल शाम तक गांव पहुंच सकती है. 41वर्षीय शहीद कुलदीप सिंह नालागढ़ के जोंगो गांव के रहने वाले थे. बता दें कि दुनिया के दूसरे सबसे ठंडे क्षेत्र द्रास में देश सेवा करते हुए कुलदीप ने शहादत पाई. शहीद अपने पीछे दो बेटियों को छोड़ गए हैं, जिनकी उम्र 14 साल और 9 साल है.

Kuldeep Singh
कुलदीप सिंह
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Published : Jan 8, 2021, 8:13 PM IST

Updated : Jan 8, 2021, 8:41 PM IST

सोलनः हिमाचल का जवान दुनिया के दूसरे सबसे ठंडे क्षेत्र द्रास में देश सेवा करते हुए शहीद हो गए हैं. शहीद जवान स्वतंत्रता सेनानी के पोता थे. शहीद हिमाचल के सोलन जिला के नालागढ़ उपमंडल के जोंगो गांव के रहने वाले थे. 41 वर्षीय जवान कुलदीप सिंह 79 मीडियम आर्टिलरी रेजीमेंट में तैनात थे और इन दिनों द्रास में डयूटी दे रहे थे. जवान की पार्थिव देह शनिवार को उनके पैतृक गांव में पहुंचने की उम्मीद है.

पोते की शहादत पर परिवार गमगीन
6 अप्रैल, 1979 को जन्मे शहीद कुलदीप सिंह ने 'ऑपरेशन स्नो लेपर्ड' में बीते रोज शहादत पाई. बता दें कि ठंड के दौरान सेना इस ऑपरेशन के तहत सीमाओं पर चौकसी रखती है. स्वतंत्रता सेनानी दोला सिंह के पोते की शहादत पर परिवार सहित पूरा इलाका गमगीन हो गया है.

वीडियो.

दादा से मिला था देश सेवा का जज्बा
बता दें कि कुलदीप सिंह 10 जुलाई, 1999 को सेना में भर्ती हुए थे. देश सेवा का जज्बा उन्हें दादा से विरासत में मिला था. वहीं, भाई सुरिंदर सिंह भी बीएसएफ से रिटायर हुए हैं. इसके इलावा चचरे भाई भी सेना में सेवाएं दे रहे हैं. कुलदीप सिंह की 18 नवंबर, 2005 को रेणु देवी से शादी हुई थी. उनकी दो बेटियां 14 साल और 9 साल की हैं.

कल पहुंच सकती है पार्थिव देह
बता दें कि कारगिल युद्ध के बाद से द्रास सेक्टर में भारतीय सेना की सुरक्षा व्यवस्था हाई अलर्ट पर रहती है. देश रक्षा में आर्टिलरी रेजिमेंट की एक अहम भूमिका होती है. वहीं, सैनिक कल्याण बोर्ड के उपनिदेशक मेजर दीपक धवन ने कहा कि 7 जनवरी, 2021 की सुबह शहीद कुलदीप सिंह शहीद हुए हैं. उन्होंने कहा कि शनिवार शाम तक पार्थिव देह को पैतृक गांव तक लाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

सोलनः हिमाचल का जवान दुनिया के दूसरे सबसे ठंडे क्षेत्र द्रास में देश सेवा करते हुए शहीद हो गए हैं. शहीद जवान स्वतंत्रता सेनानी के पोता थे. शहीद हिमाचल के सोलन जिला के नालागढ़ उपमंडल के जोंगो गांव के रहने वाले थे. 41 वर्षीय जवान कुलदीप सिंह 79 मीडियम आर्टिलरी रेजीमेंट में तैनात थे और इन दिनों द्रास में डयूटी दे रहे थे. जवान की पार्थिव देह शनिवार को उनके पैतृक गांव में पहुंचने की उम्मीद है.

पोते की शहादत पर परिवार गमगीन
6 अप्रैल, 1979 को जन्मे शहीद कुलदीप सिंह ने 'ऑपरेशन स्नो लेपर्ड' में बीते रोज शहादत पाई. बता दें कि ठंड के दौरान सेना इस ऑपरेशन के तहत सीमाओं पर चौकसी रखती है. स्वतंत्रता सेनानी दोला सिंह के पोते की शहादत पर परिवार सहित पूरा इलाका गमगीन हो गया है.

वीडियो.

दादा से मिला था देश सेवा का जज्बा
बता दें कि कुलदीप सिंह 10 जुलाई, 1999 को सेना में भर्ती हुए थे. देश सेवा का जज्बा उन्हें दादा से विरासत में मिला था. वहीं, भाई सुरिंदर सिंह भी बीएसएफ से रिटायर हुए हैं. इसके इलावा चचरे भाई भी सेना में सेवाएं दे रहे हैं. कुलदीप सिंह की 18 नवंबर, 2005 को रेणु देवी से शादी हुई थी. उनकी दो बेटियां 14 साल और 9 साल की हैं.

कल पहुंच सकती है पार्थिव देह
बता दें कि कारगिल युद्ध के बाद से द्रास सेक्टर में भारतीय सेना की सुरक्षा व्यवस्था हाई अलर्ट पर रहती है. देश रक्षा में आर्टिलरी रेजिमेंट की एक अहम भूमिका होती है. वहीं, सैनिक कल्याण बोर्ड के उपनिदेशक मेजर दीपक धवन ने कहा कि 7 जनवरी, 2021 की सुबह शहीद कुलदीप सिंह शहीद हुए हैं. उन्होंने कहा कि शनिवार शाम तक पार्थिव देह को पैतृक गांव तक लाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

Last Updated : Jan 8, 2021, 8:41 PM IST
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