कसौली: सोलन जिले के तंबूमोड़ पर कालका-शिमला एनएच-5 से मलबा हटाने के लिए दो घंटे बंद किया गया हाईवे 11 घंटे बाद पूरी तरह से खुल गया है. इसके बाद अब हाईवे से छोटी-बड़ी सभी गाड़ियों को निकाला गया. हालांकि हाईवे खुलने से पहले कई छोटे वाहनों को एनएच से डायवर्ट भी किया गया, लेकिन इस दौरान कई ट्रक, बसें और अन्य गाड़ियां धर्मपुर और परवाणू में फंसी रही. हाईवे बंद होने से लोगों को भूखे-प्यासे एनएच पर ही वाहनों में रात बितानी पड़ी.
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हाईवे पर लैंडस्लाइड से थमें वाहनों के पहिए: वीरवार सुबह हाईवे पर आवाजाही खुलने के बाद वाहनों को एक तरफा निकाला गया. दो दिन बाद बड़े ट्रकों और भारी वाहनों की आवाजाही कालका-शिमला हाईवे पर शुरू हो पाई है. इससे ट्रक चालकों ने राहत की सांस ली है. अब दैनिक उपभोग की वस्तुओं का सामान लेकर ट्रक हिमाचल आ रहे हैं. बुधवार रात तंबूमोड़ से ट्रकों की आवाजाही शुरू करवाने के लिए एनएचएआई कंपनी की ओर से मलबा हटाने का काम किया गया. इसके चलते बुधवार रात 9 से 11 बजे तक वाहनों की आवाजाही थमी रही, लेकिन इसी बीच तंबूमोड़ पर फिर से लैंडस्लाइड हो गया. जिससे हाईवे सुबह तक बाधित रहा.
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वीरवार सुबह हुआ हाईवे बहाल: हालांकि हाईवे से मलबा हटाने के काम को सुचारू किया गया. इसके बाद रात 12 बजे तक कुछ छोटे वाहनों को निकाला गया. इसके बाद जोरदार बारिश शुरू हो गई और रात 12:15 बजे हाईवे पर पूरी तरह से वाहनों की ब्रेक लग गई. वीरवार को सुबह 8 बजे हाईवे को वाहनों की आवाजाही के लिए सुचारू किया गया. वहीं, तीसरे दिन सड़क खुलने के बाद दूध, ब्रेड की सप्लाई शिमला तक पहुंच सकी है.
एनएच-5 पर मंडरा रहा खतरा: गौरतलब है कि तीन दिन हुई मूसलाधार बारिश के कालका-शिमला एनएच-5 पर परवाणू से सोलन के बीच बने फोरलेन पर खतरा मंडरा रहा है. हाईवे पर चलना खतरे से खाली नहीं है. लोग डर के साए में यहां से निकल रहे हैं. हालांकि खतरे को देखते हुए कई बार वाहनों के पहिए यहां पर थमे हैं.
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ट्रकों को भेजा चंडीगढ़: नेशनल हाईवे-5 पर चंडीगढ़ की ओर जाने वाले 200 ट्रक रात में निकाले गए. इसके बाद यहां पर रात को कोई ट्रक नहीं था. यह सभी ट्रक सुरक्षित चंडीगढ़ पहुंच गए हैं. दैनिक उपभोग का सामान लाने वाले 100 ट्रक पहले चरण में रात को सड़क खोलने के बाद शिमला की ओर भेजे गए. इनमें अधिकतर वाहन दैनिक उपभोग का सामान ले जाने वाले थे.
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