सोलनः उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने बीबीएन क्षेत्र के बागबानियां में शुक्रवार को लघु उद्योग भारती के प्रांतीय सम्मेलन में शिरकत की. उद्योग मंत्री ने उपस्थित उद्यमियों को संबोधित करते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश में गत दो वर्षों के कार्यकाल में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं. उद्योग मंत्री ने लघु उद्योग भारती संगठन की मांग पर बद्दी और शिमला में कार्यालय स्थापना के लिए भवन उपलब्ध करवाने की घोषणा की.
बिक्रम सिंह ठाकुर ने बताया कि बीबीएन क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के माध्यम से सड़कों, रास्तों और स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव के लिए 66 लाख रुपए खर्च हो रहा है. उन्होंने बताया कि बीबीएन क्षेत्र में आने वाले समय में विभिन्न रूटों पर 16 मिनी बसों को चलाया जाएगा, जिससे विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत श्रमिकों को उनके गंतव्य तक आने जाने में सुविधा होगी.
नवंबर 2019 में धर्मशाला में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में प्रदेश में 93 हजार करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित हुए हैं. उन्होंने कहा कि इनमें से तेरह हजार पांच सौ करोड रुपये के निवेश का कार्य आरंभ हो गया है.
उद्योग मंत्री ने कहा कि धर्मशाला में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के आने वाले समय में सकारात्मक परिणाम आएंगे और न केवल प्रदेश के लोगों को प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रूप में हजारों की संख्या में रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि इससे प्रदेश में लघु उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा.
उन्होंने बताया कि प्रदेश में उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है और उसे ऑनलाइन किया गया है. हिमाचल प्रदेश में लगने वाले नए उद्योगों को प्रथम तीन वर्षों तक किसी भी प्रकार की एनओसी लेने की आवश्यकता नहीं है.
औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन को रेल लाइन से जोड़ने और नालागढ़ के खानपुर में पहले से मौजूद रेल लाइन का काम न होने पर उद्योग मंत्री ने कहा कि नालागढ़ के खानपुर में बिछी रेल लाइन के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. नालागढ़ में अगर पहले से रेल लाइन है तो उस पर विचार किया जाएगा.
लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष बलदेव भाई प्रजापति ने कहा कि देश के औद्योगिकरण में स्वदेशी लघु उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान है. अतीत की कुछ गलत नीतियों के कारण आज लघु उद्योगों की दशा बेहतर नहीं है. जिसके लिए प्रदेश व केंद्र की सरकारों के साथ साथ लघु उद्योग से जुड़े हुए संगठनों को भी अपनी भूमिका निभानी चाहिए.