सोलन: जिला सोलन में सोमवार को डीसी कार्यालय सोलन में खनन विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. जिसकी अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और सोलन विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. धनीराम शांडिल ने की. इस दौरान बैठक में दून विधानसभा क्षेत्र के विधायक, सीपीएस रामकुमार चौधरी और नालागढ़ के एमएलए केएल ठाकुर भी मौजूद रहे. बैठक में उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में खनन विभाग और खनन समस्या से संबंधित मुद्दों को कैबिनेट मंत्री के समक्ष रखा.
'जिले में कम मात्रा में किया जाए खनन': वहीं, बैठक की अध्यक्षता के दौरान डॉ. धनीराम शांडिल ने सोलन जिले में खनन विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों को लेकर अधिकारियों से जानकारी हासिल की. इस दौरान मंत्री ने जिले में अवैध खनन की रोकथाम लिए खनन विभाग को उचित दिशा निर्देश भी दिए. डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि सोलन जिले में विकास और प्रगति आवश्यक है, लेकिन खनन को कम मात्रा में किया जाए ये भी जरूरी है, क्योंकि खनन से केवल नदियां ही नहीं बल्कि आस-पास की भूमि भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है. जिसके कारण बाढ़ जैसी समस्याएं उभर कर सामने आती हैं. मंत्री ने कहा कि जहां-जहां भी खनन किया जा रहा है, वहां पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण किया जाना भी बहुत जरुरी है.
'माइनिंग रॉयल्टी का 30 प्रतिशत होगा विकास कार्यों पर खर्च': डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि नीति बनाकर कम से कम मात्रा में खनन किया जाए इसको लेकर संबंधित विभागों को भी ध्यान देना होगा. मंत्री ने बताया कि माइनिंग रॉयल्टी का 30 प्रतिशत जो पंचायत स्तर पर खर्च किया जा सकता है, उसको लेकर भी आज बैठक में चर्चा की गई है. उन्होंने बताया कि अब माइनिंग रॉयल्टी का 30 प्रतिशत जिले में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़कों और पानी के स्त्रोतों को बनाने, पानी की स्कीमों को बनाने के लिए, स्कूलों में सुधारीकरण और स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर खर्च किया जाएगा.
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