सोलन: प्रदेश में 8 सितंबर को पुलिस कॉन्स्टेबल की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी. इस लिखित परीक्षा में हजारों अभ्यर्थियों ने भाग लिया था, लेकिन दून के गुल्लरवाला पंचायत में 2 युवकों ने पुलिस पर परीक्षा केंद्र में नहीं जाने देने का आरोप लगाया है जिस वजह से वो अपनी परीक्षा नहीं दे पाए.
उक्त युवकों का कहना है कि वो परीक्षा केंद्र में जा रहे थे, लेकिन गुरु गात्रा पहने होने की वजह से उन्हें परीक्षा केंद्र में नहीं जाने दिया गया. ये दोनों युवक सिख हैं और उन्हें सुरक्षा कारणों की वजह इसलिए अंदर नहीं जाने दिया गया क्योंकि उन्होंने गात्रा पहन रखा था.
पीड़ित युवक गुरप्रीत सिंह, ईश्वर धीमान निवासी गुल्लरवाला ने बताया कि वो 8 सितंबर को सोलन के एलआर कॉलेज में पुलिस की लिखित परीक्षा देने गए थे. परीक्षा हॉल के पास उनकी तलाशी ली गई और उन्हें गुरु का गात्रा खोलने को कहा गया.
युवकों ने कहा कि वह अमृतधारी सिख हैं और उन्होंने गुरु का गात्रा ग्रहण कर रखा है. वह किसी भी स्थिति में गात्रा को अपने शरीर से अलग नहीं होने दे सकते. इस पर मौजूदा अधिकारी ने युवकों की एक न सुनी और उन्हें बिना परीक्षा दिए ही आना पड़ा.
पीड़ित युवकों ने शिकायत पत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि मामले की जांच की जाए. साथ ही उनके भविष्य से खिलवाड़ करने वाले अधिकारी और स्टाफ पर कार्रवाई अमल में लाई जाए. वहीं, दलजीत सिंह भिंडर अध्यक्ष शिरोमणि अकाली दल हिमाचल प्रदेश ने कहा कि पुलिस भर्ती में युवकों को गात्रा पहनकर अंदर जाने से रोकना सिखों के मौलिक अधिकारों का हनन है.
उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 25 के तहत हिंदुस्तान के सिखों को गात्रा, कृपाण और कड़ा पहनकर लोकसभा, राज्यसभा, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के साथ-साथ डोमेस्टिक में इंटरनेशनल एयरलाइंस के साथ-साथ कहीं भी जाने की छूट है. भिंडर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि जल्द ही पुलिस भर्ती के एग्जाम को रद्द किया जाए और दोबारा परीक्षा को लिया जाए.