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पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती: गुरु का गात्रा पहन पेपर देने गए युवकों को नहीं देने दी परीक्षा - Gullarwala youths

दून के गुल्लरवाला पंचायत से सिख युवकों को पुलिस की लिखित भर्ती परीक्षा नहीं देने का मामला सामने आया है. पुलिस ने युवकों को गात्रा पहनकर परीक्षा हॉल में जाने से मना कर दिया.

Gullarwala youths
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Published : Sep 15, 2019, 10:34 PM IST

सोलन: प्रदेश में 8 सितंबर को पुलिस कॉन्स्टेबल की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी. इस लिखित परीक्षा में हजारों अभ्यर्थियों ने भाग लिया था, लेकिन दून के गुल्लरवाला पंचायत में 2 युवकों ने पुलिस पर परीक्षा केंद्र में नहीं जाने देने का आरोप लगाया है जिस वजह से वो अपनी परीक्षा नहीं दे पाए.

उक्त युवकों का कहना है कि वो परीक्षा केंद्र में जा रहे थे, लेकिन गुरु गात्रा पहने होने की वजह से उन्हें परीक्षा केंद्र में नहीं जाने दिया गया. ये दोनों युवक सिख हैं और उन्हें सुरक्षा कारणों की वजह इसलिए अंदर नहीं जाने दिया गया क्योंकि उन्होंने गात्रा पहन रखा था.

पीड़ित युवक गुरप्रीत सिंह, ईश्वर धीमान निवासी गुल्लरवाला ने बताया कि वो 8 सितंबर को सोलन के एलआर कॉलेज में पुलिस की लिखित परीक्षा देने गए थे. परीक्षा हॉल के पास उनकी तलाशी ली गई और उन्हें गुरु का गात्रा खोलने को कहा गया.

युवकों ने कहा कि वह अमृतधारी सिख हैं और उन्होंने गुरु का गात्रा ग्रहण कर रखा है. वह किसी भी स्थिति में गात्रा को अपने शरीर से अलग नहीं होने दे सकते. इस पर मौजूदा अधिकारी ने युवकों की एक न सुनी और उन्हें बिना परीक्षा दिए ही आना पड़ा.

वीडियो.

पीड़ित युवकों ने शिकायत पत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि मामले की जांच की जाए. साथ ही उनके भविष्य से खिलवाड़ करने वाले अधिकारी और स्टाफ पर कार्रवाई अमल में लाई जाए. वहीं, दलजीत सिंह भिंडर अध्यक्ष शिरोमणि अकाली दल हिमाचल प्रदेश ने कहा कि पुलिस भर्ती में युवकों को गात्रा पहनकर अंदर जाने से रोकना सिखों के मौलिक अधिकारों का हनन है.

उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 25 के तहत हिंदुस्तान के सिखों को गात्रा, कृपाण और कड़ा पहनकर लोकसभा, राज्यसभा, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के साथ-साथ डोमेस्टिक में इंटरनेशनल एयरलाइंस के साथ-साथ कहीं भी जाने की छूट है. भिंडर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि जल्द ही पुलिस भर्ती के एग्जाम को रद्द किया जाए और दोबारा परीक्षा को लिया जाए.

ये भी पढ़ें: इस निरक्षर 'इंजीनियर' ने दिया नायाब तोहफा, जहां नाकाम हुए अंग्रेज इंजीनियर वहां कामयाब हुए बाबा भलखू

सोलन: प्रदेश में 8 सितंबर को पुलिस कॉन्स्टेबल की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी. इस लिखित परीक्षा में हजारों अभ्यर्थियों ने भाग लिया था, लेकिन दून के गुल्लरवाला पंचायत में 2 युवकों ने पुलिस पर परीक्षा केंद्र में नहीं जाने देने का आरोप लगाया है जिस वजह से वो अपनी परीक्षा नहीं दे पाए.

उक्त युवकों का कहना है कि वो परीक्षा केंद्र में जा रहे थे, लेकिन गुरु गात्रा पहने होने की वजह से उन्हें परीक्षा केंद्र में नहीं जाने दिया गया. ये दोनों युवक सिख हैं और उन्हें सुरक्षा कारणों की वजह इसलिए अंदर नहीं जाने दिया गया क्योंकि उन्होंने गात्रा पहन रखा था.

पीड़ित युवक गुरप्रीत सिंह, ईश्वर धीमान निवासी गुल्लरवाला ने बताया कि वो 8 सितंबर को सोलन के एलआर कॉलेज में पुलिस की लिखित परीक्षा देने गए थे. परीक्षा हॉल के पास उनकी तलाशी ली गई और उन्हें गुरु का गात्रा खोलने को कहा गया.

युवकों ने कहा कि वह अमृतधारी सिख हैं और उन्होंने गुरु का गात्रा ग्रहण कर रखा है. वह किसी भी स्थिति में गात्रा को अपने शरीर से अलग नहीं होने दे सकते. इस पर मौजूदा अधिकारी ने युवकों की एक न सुनी और उन्हें बिना परीक्षा दिए ही आना पड़ा.

वीडियो.

पीड़ित युवकों ने शिकायत पत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि मामले की जांच की जाए. साथ ही उनके भविष्य से खिलवाड़ करने वाले अधिकारी और स्टाफ पर कार्रवाई अमल में लाई जाए. वहीं, दलजीत सिंह भिंडर अध्यक्ष शिरोमणि अकाली दल हिमाचल प्रदेश ने कहा कि पुलिस भर्ती में युवकों को गात्रा पहनकर अंदर जाने से रोकना सिखों के मौलिक अधिकारों का हनन है.

उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 25 के तहत हिंदुस्तान के सिखों को गात्रा, कृपाण और कड़ा पहनकर लोकसभा, राज्यसभा, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के साथ-साथ डोमेस्टिक में इंटरनेशनल एयरलाइंस के साथ-साथ कहीं भी जाने की छूट है. भिंडर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि जल्द ही पुलिस भर्ती के एग्जाम को रद्द किया जाए और दोबारा परीक्षा को लिया जाए.

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Intro:

दून के गांव गुल्लरवाला के दो सिख युवकों को नहीं देने दी पुलिस की लिखित परीक्षा
पुलिस अधिकारियों ने गात्रा पहनकर कर परीक्षा देने को किया इनकार Body:मिली जानकारी के अनुसार 8 सितंबर को पुलिस की लिखित भर्ती परीक्षा के दौरान उपमंडल दून के गुल्लरवाला पंचायत से 2 सिख युवक गात्रा पहनकर परीक्षा देने गए थे मगर उन दोनों युवकों को अधिकारियों द्वारा परीक्षा हाल के अंदर नहीं जाने दिया गया दोनों युवक अधिकारी और स्टाफ के समक्ष अपने भविष्य को लेकर गिड़गिड़ा ते रहे लेकिन अधिकारियों व स्टाफ ने दोनों युवकों को गात्रा उतरने की स्थिति में ही परीक्षा हॉल के अंदर जाने को कहा युवकों ने यहां तक भी कहा कि वह दोनों अमृतधारी सिख है और उन्होंने गुरु का गात्रा ग्रहण कर रखा है वह किसी भी स्थिति में अपने शरीर से अलग नहीं होने दे सकते लेकिन मौजूदा अधिकारी व स्टाफ ने युवकों की एक ना सुनी और मजबूरन दोनों युवकों को परीक्षा दिए बगैर ही वहां से आना पड़ा दोनों युवकों द्वारा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व आला अधिकारियों को भेजी शिकायत में गुरप्रीत सिंह पुत्र मोहन सिंह व ईश्वर धीमान पुत्र गुरचरण सिंह निवासी गुल्लरवाला तहसील बद्दी जिला सोलन ने बताया कि वह 8 सितंबर को एलआर कॉलेज सोलन में पुलिस की लिखित परीक्षा देने गए थे जब परीक्षा हॉल के समीप पहुंचे तो उनकी तलाशी ली गई और उन्हें गुरु का गात्रा खोलने को कहा गया अधिकारी व स्टाफ ने कहा कि तुम्हें गात्रा उतार कर बाहर रखना होगा तो ही परीक्षा दे सकते हो दोनों युवकों ने बताया कि वह दोनों अमृतधारी सीख है और किसी भी हालत में वह गुरु के गात्रा को शरीर से अलग नहीं कर सकते अधिकारी व स्टाफ ने उनकी एक न सुनी युवकों ने शिकायत में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच की जाए और सिख धर्म की आस्था व उनके भविष्य से खिलवाड़ करने वाले अधिकारी व स्टाफ पर कार्रवाई अमल में लाई जाए वहीं इस पूरे मामले की निंदा करते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर हल्का शिमला के मेंबर एवं अध्यक्ष शिरोमणि अकाली दल हिमाचल प्रदेश दलजीत सिंह भिंडर ने कहा कि पुलिस भर्ती में युवकों को गात्रा पहनकर अंदर जाने से रोकना सिखों के मौलिक अधिकारों का हनन है दलजीत सिंह भिंडर ने कहा कि संविधान की धारा 25 के तहत हिंदुस्तान के सिक्कों को गात्रा, कृपाण वह कड़ा पहनकर लोकसभा राज्यसभा सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के साथ-साथ डोमेस्टिक में इंटरनेशनल एयरलाइंस के साथ साथ कहीं भी जाने की छूट है कोई भी सीखो के गात्रा कृपाण व कड़े को उतार नहीं सकता और उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री और पुलिस के उच्च अधिकारियों से मांग की है कि जल्द ही पुलिस भर्ती के एग्जाम को रद्द किया जाए और दोबारा परीक्षा को लिया जाए और जिन अधिकारियों ने सिख धर्म का अपमान किया है उन अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए .Conclusion:BYTE : पीड़ित लड़का
बाइट : माँ (पीड़ित लड़के की माँ )
बाइट : दलजीत सिंह भिंडर ( शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर हल्का शिमला के मेंबर एवं अध्यक्ष शिरोमणि अकाली दल हिमाचल प्रदेश)
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