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Kalka Shimla NH 5: फोरलेन के पहले वायाडक्ट ब्रिज पर वाहनों की आवाजाही शुरू, 16 करोड़ से बना है ब्रिज - कालका शिमला नेशनल हाईवे पांच

कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर फोरलेन का पहला वायाडक्ट ब्रिज वाहनों की आवाजाही के लिए ओपन कर दिया गया है. ब्रिज को लगभग 16 करोड़ रुपये की लागत से करीब डेढ़ वर्ष में तैयार किया गया. वायाडक्ट ब्रिज निर्माण के लिए हाईटेक पुश टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है.(Four lane viaduct bridge on Kalka Shimla NH) (Kalka Shimla NH 5)

Four lane viaduct bridge on Kalka Shimla NH
Four lane viaduct bridge on Kalka Shimla NH
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Published : Feb 20, 2023, 6:19 PM IST

Updated : Feb 20, 2023, 6:53 PM IST

कसौली/सोलन: कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर फोरलेन का पहला वायाडक्ट ब्रिज सोमवार से वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया. यह ब्रिज टीटीआर में बनाया गया है. ब्रिज से वाहनों की आवाजाही को डायवर्ट करने के लिए फोरलेन निर्माता कंपनी की ओर से सुंदरकांड पाठ आयोजित करवाया गया. इसके बाद वायाडक्ट ब्रिज से गुजरने वाली पहली गाड़ी की पूजा की गई और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण शिमला के प्रोजेक्ट मैनेजर ई. राम आसरा खुरल ने नारियल फोड़ा. जिसके बाद यहां से वाहनों की आवाजाही शुरू हुई.

इस ब्रिज के बनने से वाहन चालकों को काफी फायदा होगा और जाम से भी छुटकारा मिलेगा. ब्रिज को लगभग 16 करोड़ रुपये की लागत से करीब डेढ़ वर्ष में तैयार किया गया. इस ब्रिज की अपनी ही खासियत है. इस ब्रिज का निर्माण उस जगह पर होता है जहां पर खाई होती है. ब्रिज बनाने के लिए जमीन से ऊपर आरसीसी के पिल्लर खड़े किए गए हैं. टीटीआर में भी इसी तरह की भूमि फोरलेन निर्माण के लिए मिली थी. जहां पर फोरलेन निर्माता कंपनी ने वायाडक्ट ब्रिज का निर्माण करने में सफलता हासिल की. खास बात यह है कि ब्रिज बनाने के लिए केवल एक पिल्लर बनाया गया है.

स्टील के गार्डर पर डाला गया है स्लैब- वायाडक्ट ब्रिज निर्माण करने के लिए लोहे और स्टील का इस्तेमाल किया गया है. दोनों छोर को स्टील गार्डर से मिलाया गया और उस पर सीमेंट कंक्रीट का स्लैब डाला गया है. वहीं, अब इस ब्रिज पर से वाहनों को डायवर्ट कर दिया गया है. हालांकि यह ब्रिज केवल शिमला से चंडीगढ़ जाने वाले वाहनों के लिए बनाया गया है. लेकिन शुरुआत में पुल के विपरीत ओर सड़क को टू-लेन में बदलने को लेकर आने व जाने वाले वाहनों की आवाजाही इसी ब्रिज से होगी. वहीं, भूस्खलन के दौरान भी किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी.

25 मीटर ऊंचाई पर टिका है 1000 टन वजन- वायाडक्ट ब्रिज निर्माण के लिए हाईटेक पुश टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है. यह ब्रिज 160 मीटर लंबा, 12 मीटर चौड़ा और 1000 टन से भी अधिक वजनी है. वायाडक्ट ब्रिज बेसमेंट से 25 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है. इस ब्रिज से जहां पंचकूला के चंडी मंदिर के आसपास का नजारा दिखेगा. वहीं, कौशल्या डैम की झलक लोगों को देखने को मिलेगी. इसी के साथ हिमाचल की मनोरम पहाड़ियों की सुंदरता भी पर्यटक निहार सकेंगे.

जल्द चौड़ी होगी सड़क- राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण शिमला के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राम आसरा खुरल ने कहा कि वायाडक्ट का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इस पर से वाहनों की आवाजाही को डायवर्ट कर दिया गया है. इसके विपरीत ओर अब सड़क का निर्माण कार्य शुरू होगा. उस सड़क को कंपनी की ओर से लगभग एक माह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा. जिसके बाद शिमला जाने वाले वाहन दूसरी सड़क से और शिमला से चंडीगढ़ की ओर आने वाले वाहनों को ब्रिज पर से आना होगा.

ये भी पढ़ें: ऊना में बोले अनुराग ठाकुर- कम जानकारी होने के शिकार हैं राहुल गांधी, जनता को ठगने वाली पार्टी है कांग्रेस

कसौली/सोलन: कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर फोरलेन का पहला वायाडक्ट ब्रिज सोमवार से वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया. यह ब्रिज टीटीआर में बनाया गया है. ब्रिज से वाहनों की आवाजाही को डायवर्ट करने के लिए फोरलेन निर्माता कंपनी की ओर से सुंदरकांड पाठ आयोजित करवाया गया. इसके बाद वायाडक्ट ब्रिज से गुजरने वाली पहली गाड़ी की पूजा की गई और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण शिमला के प्रोजेक्ट मैनेजर ई. राम आसरा खुरल ने नारियल फोड़ा. जिसके बाद यहां से वाहनों की आवाजाही शुरू हुई.

इस ब्रिज के बनने से वाहन चालकों को काफी फायदा होगा और जाम से भी छुटकारा मिलेगा. ब्रिज को लगभग 16 करोड़ रुपये की लागत से करीब डेढ़ वर्ष में तैयार किया गया. इस ब्रिज की अपनी ही खासियत है. इस ब्रिज का निर्माण उस जगह पर होता है जहां पर खाई होती है. ब्रिज बनाने के लिए जमीन से ऊपर आरसीसी के पिल्लर खड़े किए गए हैं. टीटीआर में भी इसी तरह की भूमि फोरलेन निर्माण के लिए मिली थी. जहां पर फोरलेन निर्माता कंपनी ने वायाडक्ट ब्रिज का निर्माण करने में सफलता हासिल की. खास बात यह है कि ब्रिज बनाने के लिए केवल एक पिल्लर बनाया गया है.

स्टील के गार्डर पर डाला गया है स्लैब- वायाडक्ट ब्रिज निर्माण करने के लिए लोहे और स्टील का इस्तेमाल किया गया है. दोनों छोर को स्टील गार्डर से मिलाया गया और उस पर सीमेंट कंक्रीट का स्लैब डाला गया है. वहीं, अब इस ब्रिज पर से वाहनों को डायवर्ट कर दिया गया है. हालांकि यह ब्रिज केवल शिमला से चंडीगढ़ जाने वाले वाहनों के लिए बनाया गया है. लेकिन शुरुआत में पुल के विपरीत ओर सड़क को टू-लेन में बदलने को लेकर आने व जाने वाले वाहनों की आवाजाही इसी ब्रिज से होगी. वहीं, भूस्खलन के दौरान भी किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी.

25 मीटर ऊंचाई पर टिका है 1000 टन वजन- वायाडक्ट ब्रिज निर्माण के लिए हाईटेक पुश टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है. यह ब्रिज 160 मीटर लंबा, 12 मीटर चौड़ा और 1000 टन से भी अधिक वजनी है. वायाडक्ट ब्रिज बेसमेंट से 25 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है. इस ब्रिज से जहां पंचकूला के चंडी मंदिर के आसपास का नजारा दिखेगा. वहीं, कौशल्या डैम की झलक लोगों को देखने को मिलेगी. इसी के साथ हिमाचल की मनोरम पहाड़ियों की सुंदरता भी पर्यटक निहार सकेंगे.

जल्द चौड़ी होगी सड़क- राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण शिमला के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राम आसरा खुरल ने कहा कि वायाडक्ट का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इस पर से वाहनों की आवाजाही को डायवर्ट कर दिया गया है. इसके विपरीत ओर अब सड़क का निर्माण कार्य शुरू होगा. उस सड़क को कंपनी की ओर से लगभग एक माह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा. जिसके बाद शिमला जाने वाले वाहन दूसरी सड़क से और शिमला से चंडीगढ़ की ओर आने वाले वाहनों को ब्रिज पर से आना होगा.

ये भी पढ़ें: ऊना में बोले अनुराग ठाकुर- कम जानकारी होने के शिकार हैं राहुल गांधी, जनता को ठगने वाली पार्टी है कांग्रेस

Last Updated : Feb 20, 2023, 6:53 PM IST
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