सोलन: 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने (TB free India) का लक्ष्य सरकार ने रखा है ऐसे में इसको लेकर हिमाचल प्रदेश में भी युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है. वहीं, बात प्रदेश के प्रवेश द्वार जिला सोलन की करें तो यहां पर भी स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर समय समय पर जागरूकता शिविर आयोजित कर रहा है. अब जिले के टीबी मरीजों को जांच रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. बता दें अस्पताल प्रशासन की नई व्यवस्था के तहत अब क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में सीबी नाट मशीन को लगाया जा रहा (cb naat machine installed in solan hospital ) है.
करीब 12 लाख की लागत से लगाई जा रही मशीन: क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के एमएस डॉ. एसएल वर्मा ने बताया कि अस्पताल में अब सीबी नाट मशीन स्थापित होने जा रही है, जिससे बीमारी की पहचान करने में काफी मदद मिलेगी. अब से पहले अमूमन बीमारी की जांच में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. यदि किसी मरीज को टेस्ट किया जाता था तब जांच प्रक्रिया के लिए एक मिली बलगम में कम से कम 10 हजार बैक्टीरिया होना जरूरी होता था, लेकिन सीबी नाट मशीन के द्वारा अब केवल 133 मिली बलगम से जांच प्रक्रिया पूरी की जा सकती है. वहीं, पहले मरीजों को रिपोर्ट का इंतजार 15-20 दिनों तक करना पड़ता था, लेकिन अब केवल 2 घंटे के अंतराल में ही रिपोर्ट लोगों को मिल सकेगा. इस मशीन की कीमत करीब 12 लाख रुपए है.
950 लोग खा रहे हैं टीबी की दवाई: हालांकि जिले में धीरे-धीरे टीबी के मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है. रोजाना नए मामले भी सामने आते हैं. बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण इस बिमारी का फेफड़ों में ज्यादा असर होता है. समय पर इलाज नहीं होने के कारण फेफड़ों से रक्त स्त्राव के साथ यह बीमारी शरीर के अन्य हिस्सों को अपनी चपेट में ले लेता है. सोलन जिले में 950 लोग टीबी की दवाई खा रहे हैं, जिनका समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग ध्यान रख रहा है.
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