सोलन: सर्दियों का मौसम शुरू होते ही प्रवासी पक्षियों का आगमन हिमाचल प्रदेश में होने लगता है. जिसे देखते हुए इस मौसम में बर्ड फ्लू का खतरा भी बढ़ने लगा है. यही वजह है कि इस मौसम में बर्ड फ्लू के मामले भी हर साल बढ़ने लगते हैं. बर्ड फ्लू के मामलों की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और पशुपालन विभाग ने अलर्ट जारी किया है. खासकर पॉल्ट्री फार्म पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. (Solan Bird Flu Alert) (Bird Flu Alert in Himachal) (Migratory birds in Himachal)
सोलन-सिरमौर में आते हैं प्रवासी पक्षी- पशुपालन विभाग सोलन के उपनिदेशक डॉ. बीबी गुप्ता ने बताया कि सर्दियों का मौसम शुरू होते ही हिमाचल प्रदेश में साइबेरिया और अन्य देशों से प्रवासी पक्षी काफी तादाद में पहुंचते हैं और फिर गर्मी होने पर वापस लौटते हैं. खास बात ये है कि ये पक्षी एक निश्चित रूट फॉलो करते हैं और इसमें हिमाचल के सोलन और सिरमौर जिले का बॉर्डर भी शामिल है. सर्दियों के मौसम में ये पक्षी एक लंबा सफर तय करके यहां पहुंचते हैं और सर्दियों में बर्ड फ्लू की वजह भी बनते हैं. (Migratory birds and bird flu alert in himachal)
हिमाचल में बर्ड फ्लू को लेकर एडवाइजरी जारी- बीबी गुप्ता ने बताया कि प्रवासी पक्षियों के आने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग और पशुपालन विभाग ने एडवाइजरी जारी कर इन पक्षियों पर नजर रखने के निर्देश जारी किए गए हैं. एक साथ प्रवासी या पालतू पक्षियों की मौत होने पर अलर्ट रहने के लिए कहा गया है. सैंपल लेने के आदेश दे दिए गए हैं और पॉल्ट्री फार्म पर विशेष रूप से नजर रखने के आदेश हैं. उन्होंने बताया कि वैसे तो विभाग सालभर हर 15 दिन में रूटीन सैंपल लेता है लेकिन सर्दियों के मौसम में प्रवासी पक्षियों के आने के साथ ही सैंपलिंग को बढ़ाया जाता है और इन्हें जांच के लिए भोपाल और जालंधर लैब भेजा जाता है.
उन्होंने कहा कि कहीं भी 10 पक्षियों की एक साथ असामान्य मौत होती है तो सतर्क रहें क्योंकि ये बर्ड फ्लू की वजह से हो सकता है. ऐसा होने पर तुरंत विभाग को जानकारी दें ताकि समय पर सैंपल लेकर इसकी जांच हो और इसे फैलने से रोका जाए. पशुपालन विभाग की ओर से बर्ड फ्लू से निपटने के लिए सभी मुर्गी पालकों को जरूरी दिशा निर्देश दे दिए गए है और उन्हें सावधानी बरतने की लिए कहा गया है.
बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian Influenza) एक वायरल इंफेक्शन है. ये एक पक्षी से दूसरे पक्षियों में फैलता है. बर्ड फ्लू का सबसे जानलेवा स्ट्रेन H5N1 होता है जिससे संक्रमित पक्षियों की मौत भी हो सकती है. ये वायरस संक्रमित पक्षियों से अन्य जानवरों और इंसानों में भी फैल सकता है और इनमें भी ये वायरस इतना ही खतरनाक है. इंसानों में बर्ड फ्लू का पहला मामला 1997 में सामने आया था जब हॉन्ग कॉन्ग में एक शख्स में इसके लक्षण पाए गए. इसकी वजह पॉल्ट्री फार्म में संक्रमित मुर्गियों को माना गया. शुरुआत में बर्ड फ्लू से संक्रमित करीब 60% लोगों की मौत हो गई. (What is Bird Flu)
बर्ड फ्लू संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव, मुंह की लार या आंखों से निकलने वाली पानी के संपर्क में आने से होता है. स्वाइन फ्लू एक इंसान से दूसरे इंसान में भी फैल सकता है. कफ, डायरिया, बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सांस से जुड़ी दिक्कत, गले में खराश, नाक बहना इस बीमारी के लक्षण हैं. इस मौसम में इस तरह के लक्षणों को बिल्कुल भी अनदेखा ना करें और तुरंत डॉक्टरी सलाह लें. (Bird Flu Symptoms)
पक्षियों से फैलने वाली ये बीमारी इंसान द्वारा पक्षियों के संपर्क में आने से फैलती है. पॉल्ट्री फार्म या बत्तख फार्म में मुर्गों या बत्तखों के संक्रमित होने के बाद ये इंसानों तक पहुंच सकती है. इसलिये संक्रमित पक्षियों को तुरंत ही जला दिया जाता है.
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