सोलन: आशा वर्कर का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों को लेकर एसडीएम विवेक चन्देल से मिला. एडीएम के माध्यम से आशा वर्कर ने मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा. आशा वर्कर ने कहा कि उनसे जितना काम लिए जा रहे है उस हिसाब से उन्हें मानदेय नहीं मिलता.
आशा वर्कर्स ने कहा कि काफी समय से उनका शोषण किया जा रहा है. आशा वर्कर्स ने कहा कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन पूरे देश में संचालित योजना में लगभग 12 लाख आशा वर्कर कार्यरत हैं. आशा वर्कर कर्मियों को ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में लोगों को उनके स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं की जानकारी, प्राथमिकता चिकित्सा प्रदान करना और आवश्यक सेवाओं के उपयोग के लिए परामर्श देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन इन कार्यों की एवज में उन्हें मानदेय नहीं दिया जाता है बल्कि उक्त कार्य के लिए संचालित योजनाओं के अनुसार प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाता है.
आशा वर्कर संघ खण्ड सोलन की प्रधान मंजू देवी की अध्यक्षता में अपनी मांगों को लेकर एसडीएम सोलन को ज्ञापन सौंपा और कहा कि आशा वर्कर कार्यकर्ताओं से जितने काम लिए जा रहे है उस तरह से उन्हें मानदेय नहीं मिलता और काफी समय से उनका शोषण किया जा रहा है. साथ ही साथ आशा वर्करों ने राज्य कर्मचारी घोषित करने की मांग की है.