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आईजीएमसी में शुरू हुआ एंटी बॉडी सर्वे, 2 हजार बच्चों की जांच का है लक्ष्य

आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डॉक्टर राहुल गुप्ता ने बताया की कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर 2 हजार बच्चों पर सर्वे होना शुरू हो गया है. अब तक 130 बच्चों के एंटी बॉडी के सैंपल लिए जा चुके हैं. यदि 60 प्रतिशत इसकी संख्या रहती है तो संक्रमण कम होने का खतरा होगा.

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Published : Jul 7, 2021, 8:14 PM IST

शिमला: कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर आईजीएमसी अस्पताल में बच्चों को लेकर सर्वे शुरू हो गया है. कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए हानिकारक बताई जा रही है इसलिए बच्चों में एंटी बॉडी को लेकर सर्वे किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार अब तक आईजीएमसी अस्पताल में 130 बच्चों के एंटी बॉडी के सैंपल लिए जा चुके हैं. हालांकि अभी इसका लक्ष्य 2 हजार रखा गया है. दो हजार बच्चे जो कि शून्य से 18 साल के हैं, उनपर सर्वे किया जाना है.

सर्वे से यह पता चल पाएगा कि कोविड-19 की तीसरी लहर में कितने बच्चे प्रभावित हो सकते हैं और कितनी संख्या में अस्पताल पहुंचेंगे. गौर रहे कि इसको लेकर सरकार द्वारा दिशा-निर्देश दिए गए थे. इन सैंपलों से यह जांचा जाएगा कि कितने बच्चों में एंटी बॉडी पहले से ही बन चुकी है. गौर रहे कि यह एंटी बॉडी कोविड-19 के विरुद्ध बनती है. आईजीएमसी अस्पताल में पीडियाट्रिक विभाग शुरू हो चुका है. अब बच्चों को कोविड से बचाने के लिए रैंडम सैंपल लिए जा रहे हैं. इस सर्वे में यदि 60 प्रतिशत से ज्यादा संख्या एंटी बॉडी की निकलती है तो कम्यूनिटी स्प्रेड का खतरा कम हो जाता है.

सैंपल की जांच किट से नहीं बल्कि मशीन के जरिए की जाती है. अस्पताल में विभिन्न बीमारियों का इलाज करवाने पहुंचने वाले बच्चे जिनका किसी वजह से वजन कम है या अन्य किसी बीमारी का उपचार किया जाना है, तो ऐसे बच्चों के कोविड एंटीबॉडी टेस्ट अस्पताल में ही होंगे. प्रशासनिक अधिकारी डॉक्टर राहुल गुप्ता ने बताया की कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर 2 हजार बच्चों पर सर्वे होना शुरू हो गया है. अब तक 130 बच्चों के एंटी बॉडी के सैंपल लिए जा चुके हैं. यदि 60 प्रतिशत इसकी संख्या रहती है तो संक्रमण कम होने का खतरा होगा.

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ये भी पढ़ें: कैप्टन विक्रम बत्रा की पुण्यतिथि: पिता ने कहा- किताबों में ही जिक्र नहीं, बल्कि हिमाचल में बने स्मृति स्थल

शिमला: कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर आईजीएमसी अस्पताल में बच्चों को लेकर सर्वे शुरू हो गया है. कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए हानिकारक बताई जा रही है इसलिए बच्चों में एंटी बॉडी को लेकर सर्वे किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार अब तक आईजीएमसी अस्पताल में 130 बच्चों के एंटी बॉडी के सैंपल लिए जा चुके हैं. हालांकि अभी इसका लक्ष्य 2 हजार रखा गया है. दो हजार बच्चे जो कि शून्य से 18 साल के हैं, उनपर सर्वे किया जाना है.

सर्वे से यह पता चल पाएगा कि कोविड-19 की तीसरी लहर में कितने बच्चे प्रभावित हो सकते हैं और कितनी संख्या में अस्पताल पहुंचेंगे. गौर रहे कि इसको लेकर सरकार द्वारा दिशा-निर्देश दिए गए थे. इन सैंपलों से यह जांचा जाएगा कि कितने बच्चों में एंटी बॉडी पहले से ही बन चुकी है. गौर रहे कि यह एंटी बॉडी कोविड-19 के विरुद्ध बनती है. आईजीएमसी अस्पताल में पीडियाट्रिक विभाग शुरू हो चुका है. अब बच्चों को कोविड से बचाने के लिए रैंडम सैंपल लिए जा रहे हैं. इस सर्वे में यदि 60 प्रतिशत से ज्यादा संख्या एंटी बॉडी की निकलती है तो कम्यूनिटी स्प्रेड का खतरा कम हो जाता है.

सैंपल की जांच किट से नहीं बल्कि मशीन के जरिए की जाती है. अस्पताल में विभिन्न बीमारियों का इलाज करवाने पहुंचने वाले बच्चे जिनका किसी वजह से वजन कम है या अन्य किसी बीमारी का उपचार किया जाना है, तो ऐसे बच्चों के कोविड एंटीबॉडी टेस्ट अस्पताल में ही होंगे. प्रशासनिक अधिकारी डॉक्टर राहुल गुप्ता ने बताया की कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर 2 हजार बच्चों पर सर्वे होना शुरू हो गया है. अब तक 130 बच्चों के एंटी बॉडी के सैंपल लिए जा चुके हैं. यदि 60 प्रतिशत इसकी संख्या रहती है तो संक्रमण कम होने का खतरा होगा.

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