सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्रदान करने के लिए 22 वैज्ञानिकों को अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों और विश्वविद्यालयों में भेजेंगे. युवा वैज्ञानिकों के साथ-साथ सीनियर प्रोफेसर भी इन 22 वैज्ञानिकों में शामिल हैं. इन 22 वैज्ञानिकों को यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, थाईलैंड और इजराइल के प्रतिष्ठित संस्थानों और विश्वविद्यालयों में 15 दिन से लेकर 3 महीने तक के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए चुना गया है. यह अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम विश्वविद्यालय में कार्यान्वित की जा रही आईसीएआर एनएएचईपी संस्थागत विकास परियोजना के तहत प्रायोजित है.
नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने बताया कि चयनित किए गए 22 वैज्ञानिक संबंधित संस्थानों और विश्वविद्यालयों के सलाहकारों के साथ अंतरराष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में कार्य करेंगे. सभी अपने पेशेवर क्षेत्रों में अनुसंधान के नए आयामों के बारे में जानेंगे. प्रो. ने कहा कि वैज्ञानिकों के अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रतिभाशाली वैज्ञानिक जनशक्ति के निर्माण के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का उन्नयन करना है. जो हिमालय क्षेत्र में विकास के नए अवसर पैदा करेंगे.
नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति ने आईसीएआर का धन्यवाद करते हुए कहा कि आईडीपी परियोजना अपनी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से उद्यमशीलता कौशल के साथ बागवानी और वानिकी में शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि करेगा. विश्वविद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और अच्छे रैंक वाले शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों और उद्योगों के साथ संबंध मजबूत होंगे. इसके साथ ही विश्वविद्यालय बागवानी और वानिकी के क्षेत्र में सक्षम मानव संसाधन विकसित करने का भी प्रयास कर रहा है.
अंतरराष्ट्रीय विनिमय कार्यक्रम के लिए चयनित वैज्ञानिक- डॉ. अनिल कुमार हांडा, डॉ. राजेश कौशल, डॉ. डीआर भारद्वाज, डॉ. राकेश शर्मा, डॉ. सविता जंडैक, डॉ. सुमित वशिष्ठ, डॉ. सुनीता चंदेल, डॉ. अशोक कुमार ठाकुर, डॉ. मोनिका शर्मा, डॉ. विपन गुलेरिया, डॉ. एसके भारद्वाज, डॉ. दिनेश ठाकुर, डॉ. विशाल राणा, डॉ. मनीष कुमार, डॉ. नारायण सिंह, डॉ. केके रैना, डॉ. मनीषा ठाकुर, डॉ. अंजलि चौहान, डॉ. अनुपमा सिंह और डॉ. नरेंद्र भरत. डॉ. अनिल सूद और डॉ. मीनू सूद पहले ही एआईटी, थाईलैंड में दो सप्ताह का अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम कर चुके हैं और वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में डॉ. राकेश शर्मा अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं.
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