शिलाई/सिरमौर: विकास खंड शिलाई की झकांडो ग्राम पंचायत में मनरेगा में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. यहां पर मजदूरों ने मनरेगा के मस्ट्रोल पर 15 में से 11 दिन काम किया, लेकिन इन मजदूरों को मजदूरी केवल 4 दिन की ही दी गई है.
पंचायत रिकॉर्ड के अनुसार मस्ट्रोल नंबर 498 के अंतर्गत 5 मजदूरों की ग्यारह दिन हाजरी लगी हैं, लेकिन मजदूरों ने 11 दिन काम किया है. विभागीय कमिशन न पहुंचने के कारण मजदूरों की मजदूरी नहीं दी गई है
मजदूरों में सूरत सिंह, सत्या देवी, बबिता देवी, जमनी देवी और कमला देवी ने विकास अधिकारी को दी शिकायत में बताया कि उन्होंने मस्ट्रोल नंबर 498 के अंदर 15 फरवरी से 25 फरवरी तक निर्माण जोहड गांव कामलग में काम किया था. यहां पू रे 11दिन उनकी हाजरी लगाई गई है, जिस पर सभी मजदूरों के हस्ताक्षर भी करवाए गए हैं. पांच मजदूरों में से केवल पुरुष मजदूर को पूरे 11 दिन की मजदूरी मिली है, जबकि 4 महिला मजदूरों को केवल 4 दिन की मजदूरी दी गई है.
इस मामले पर पंचायत ने बताया कि मस्ट्रोल को तकनीकी सहायक व कनिष्ठ अभियंता फाइनल करते हैं. इसलिए उनसे बात करनी होगी. संबंधित कर्मचारियों से मजदूरी देने की बात कहने पर उन्होंने इतने पैसे ही देने की बात कही. वहीं, पैसे न मिलने पर मजदूरों ने विकास अधिकारी कंवर तनम्य से अपील की है.
हालांकि ऐसा ही इससे पहले शिलाई ग्राम पंचायत सहित अन्य दर्जनों पंचायतों में भी सामने आया है. दूसरी पंचायतों में भी मजदूरों को मजदूरी न मिलने की शिकायतें आ रही हैं. बताया जा रहा है कि कर्मचारियों को कमिशन न मिलने के चक्कर में तकनीकी व कनिष्ट अभियंता मजदूरों के मस्ट्रोल कार्य करने के बाद शून्य कर रहे हैं. बिमला देवी ने बताया कि मजदूरों ने पूरे 11 दिन काम किया है. सबकी हाजरी लगाकर मस्ट्रोल पंचायत में जमा करवाया गया है. अब हाजरी काटने के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
वहीं, विकास खंड अधिकारी कंवर तनम्य ने बताया कि मामले की शिकायत उन्हें मिली है, जिसपर कार्रवाई की जा रही है. मामला कमिशन से जुड़ा नजर आने पर संबंधित कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई अम्ल में लाई जाएगी.
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