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बैंबू से ट्री गार्ड बनाकर इस पंचायत की महिलाएं बनीं आत्मनिर्भर, रोजाना कर रहीं इतनी कमाई - Self dependent women

कोरोना महामारी ने जहां बहुत से लोगों का रोजगार छिन लिया है. वहीं आर्थिक स्थिति को भी बिगाड़ कर रख दिया है. बहुत से लोग काम धंधे छीनने से परेशान हो रहे हैं, लेकिन ऐसे ही लोगों के बीच आम्बवाला-सैनवाला पंचायत की महिलाएं आशा की किरण लेकर एक शानदार उदाहरण पेश कर रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल के बीच समाज को जो आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का मंत्र दिया. उसी मंत्र से प्रेरणा लेकर पंचायत प्रधान के सुझाव पर इन महिलाओं ने अपनी पंचायत में काफी संख्या में पाए जाने वाले बांस को ही रोजगार का साधन बना डाला है.

Self dependent women
आत्मनिर्भर महिलाएं
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Published : Sep 6, 2020, 8:39 PM IST

नाहन: कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने वाले मंत्र से आम्बवाला-सैनवाला पंचायत की महिलाओं ने काम करना शुरू किया है. इन महिलाओं ने घर के पास ही रोजाना 500 रुपये के हिसाब से कमाना शुरू कर दिया है. आने वाले दिनों में रोजाना की यह कमाई बढ़ने की भी उम्मीद है.

दरअसल, कोरोना महामारी ने जहां बहुत से लोगों का रोजगार छीन लिया है. वहीं आर्थिक स्थिति को भी बिगाड़ कर रख दिया है. बहुत से लोग काम धंधे छीनने से परेशान हो रहे हैं, लेकिन ऐसे ही लोगों के बीच आम्बवाला-सैनवाला पंचायत की महिलाएं आशा की किरण लेकर एक शानदार उदाहरण पेश कर रही हैं.

Women make tree guards from bamboo
बांस से ट्री गार्ड बनाती महिलाएं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल के बीच समाज को जो आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का मंत्र दिया. उसी मंत्र से प्रेरणा लेकर पंचायत प्रधान के सुझाव पर इन महिलाओं ने अपनी पंचायत में काफी संख्या में पाए जाने वाले बांस को ही रोजगार का साधन बना डाला है.

Tree guard
ट्री गार्ड के साथ महिलाएं.

नाहन विकासखंड के तहत आम्बवाला-सैनवाला पंचायत में ग्रामीण महिलाओं के स्वयं सहायता समूह आस्था ने इस दिशा में जंगलों में लगे बेशूमार बांस से ही ट्री गार्ड बनाने का काम शुरू किया. एक ट्री गार्ड को महिलाएं 250 रुपये में बेच रही है. इससे इन्हें अच्छी आमदनी घर के पास ही होनी शुरू हो गई है.

Tree guard
ट्री गार्ड.

एक महिला औसतन 1 दिन में 2 ट्री गार्ड बना लेती है. इस पंचायत के जंगलों में भारी मात्रा में बांस के पौधे पाए जाते हैं, जिनका यह महिलाएं सदुपयोग कर रही हैं. अब इन्हें सरकारी विभागों एवं निजी लोगों से भी ऑर्डर मिलने शुरू हो गए हैं. महिलाएं इस कोरोना काल में आर्थिक मंदी से गुजर रही थी, लेकिन अब इनके हौसलों को पंख लग गए हैं, जिससे इनका मनोबल भी बहुत बढ़ गया है.

आम्बवाला-सैनवाला पंचायत के प्रधान संदीपक तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के आत्म निर्भरता मंत्र को ध्यान में रखते हुए महिलाओं को मात्र 10 दिन पहले यहां जंगल में उपलब्ध होने वाले बांस से ट्री गार्ड बनाने बारे प्रेरित किया गया था. 10 दिनों के भीतर ही 50 के करीब ट्री गार्ड यह महिलाएं बना चुकी हैं. 250 रुपये प्रत्येक ट्री गार्ड के हिसाब से महिलाएं इन्हें बेच बेच चुकी है. साथ ही कई ऑर्डर भी मिल रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

पंचायत प्रधान के अनुसार जहां क्षेत्र की महिलाएं मनरेगा में दिहाड़ी लगाकर 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से दिहाड़ी ले रही थी. वहीं, आज एक महिला एक दिन में 2 ट्री गार्ड बनाकर 500 रुपये प्रतिदिन अपनी आजीविका के लिए कमा रही है. आने वाले दिनों में महिलाओं की आमदनी और अधिक बढ़ने की उम्मीद है.

पंचायत प्रधान संदीपक तोमर ने प्रशासन से भी अनुरोध किया है कि इस तरह के कार्यों के लिए संबंधित महिलाओं को और अच्छा प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि बांस से बनने वाले अन्य फर्नीचर के काम को भी यह महिलाएं कर सकें.

वहीं, ट्री गार्ड के कार्य में जुटी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि कोरोना के कारण काफी हालत खराब हो गई थी, लेकिन अब इस काम से जुड़कर अच्छी आमदनी होनी शुरू हो गई है. बांस से ट्री गार्ड बनाकर वह लोग बेच रहे हैं. एक ओर जहां लोहे से बने ट्री गार्ड महंगे मिलते हैं. वहीं, बांस से तैयार किए जा रहे यह ट्री गार्ड सस्ते और टिकाऊ है. पंचायत के सहयोग से उन्होंने यह कार्य शुरू किया है और अच्छी आमदनी होने लगी है.

कुल मिलाकर कोरोना काल में आम्बवाला-सैनवाला पंचायत की महिलाओं ने सभी के लिए एक उदाहरण पेश किया है. महिलाएं आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रही हैं. साथ ही कोरोना काल में आपसी सहयोग से आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर रही हैं.

ये भी पढ़ें: भोरंज के 3 भाइयों ने नौकरी छोड़ शुरु किया दुग्ध उत्पादन, अब कर रहे इतनी कमाई

नाहन: कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने वाले मंत्र से आम्बवाला-सैनवाला पंचायत की महिलाओं ने काम करना शुरू किया है. इन महिलाओं ने घर के पास ही रोजाना 500 रुपये के हिसाब से कमाना शुरू कर दिया है. आने वाले दिनों में रोजाना की यह कमाई बढ़ने की भी उम्मीद है.

दरअसल, कोरोना महामारी ने जहां बहुत से लोगों का रोजगार छीन लिया है. वहीं आर्थिक स्थिति को भी बिगाड़ कर रख दिया है. बहुत से लोग काम धंधे छीनने से परेशान हो रहे हैं, लेकिन ऐसे ही लोगों के बीच आम्बवाला-सैनवाला पंचायत की महिलाएं आशा की किरण लेकर एक शानदार उदाहरण पेश कर रही हैं.

Women make tree guards from bamboo
बांस से ट्री गार्ड बनाती महिलाएं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल के बीच समाज को जो आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का मंत्र दिया. उसी मंत्र से प्रेरणा लेकर पंचायत प्रधान के सुझाव पर इन महिलाओं ने अपनी पंचायत में काफी संख्या में पाए जाने वाले बांस को ही रोजगार का साधन बना डाला है.

Tree guard
ट्री गार्ड के साथ महिलाएं.

नाहन विकासखंड के तहत आम्बवाला-सैनवाला पंचायत में ग्रामीण महिलाओं के स्वयं सहायता समूह आस्था ने इस दिशा में जंगलों में लगे बेशूमार बांस से ही ट्री गार्ड बनाने का काम शुरू किया. एक ट्री गार्ड को महिलाएं 250 रुपये में बेच रही है. इससे इन्हें अच्छी आमदनी घर के पास ही होनी शुरू हो गई है.

Tree guard
ट्री गार्ड.

एक महिला औसतन 1 दिन में 2 ट्री गार्ड बना लेती है. इस पंचायत के जंगलों में भारी मात्रा में बांस के पौधे पाए जाते हैं, जिनका यह महिलाएं सदुपयोग कर रही हैं. अब इन्हें सरकारी विभागों एवं निजी लोगों से भी ऑर्डर मिलने शुरू हो गए हैं. महिलाएं इस कोरोना काल में आर्थिक मंदी से गुजर रही थी, लेकिन अब इनके हौसलों को पंख लग गए हैं, जिससे इनका मनोबल भी बहुत बढ़ गया है.

आम्बवाला-सैनवाला पंचायत के प्रधान संदीपक तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के आत्म निर्भरता मंत्र को ध्यान में रखते हुए महिलाओं को मात्र 10 दिन पहले यहां जंगल में उपलब्ध होने वाले बांस से ट्री गार्ड बनाने बारे प्रेरित किया गया था. 10 दिनों के भीतर ही 50 के करीब ट्री गार्ड यह महिलाएं बना चुकी हैं. 250 रुपये प्रत्येक ट्री गार्ड के हिसाब से महिलाएं इन्हें बेच बेच चुकी है. साथ ही कई ऑर्डर भी मिल रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

पंचायत प्रधान के अनुसार जहां क्षेत्र की महिलाएं मनरेगा में दिहाड़ी लगाकर 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से दिहाड़ी ले रही थी. वहीं, आज एक महिला एक दिन में 2 ट्री गार्ड बनाकर 500 रुपये प्रतिदिन अपनी आजीविका के लिए कमा रही है. आने वाले दिनों में महिलाओं की आमदनी और अधिक बढ़ने की उम्मीद है.

पंचायत प्रधान संदीपक तोमर ने प्रशासन से भी अनुरोध किया है कि इस तरह के कार्यों के लिए संबंधित महिलाओं को और अच्छा प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि बांस से बनने वाले अन्य फर्नीचर के काम को भी यह महिलाएं कर सकें.

वहीं, ट्री गार्ड के कार्य में जुटी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि कोरोना के कारण काफी हालत खराब हो गई थी, लेकिन अब इस काम से जुड़कर अच्छी आमदनी होनी शुरू हो गई है. बांस से ट्री गार्ड बनाकर वह लोग बेच रहे हैं. एक ओर जहां लोहे से बने ट्री गार्ड महंगे मिलते हैं. वहीं, बांस से तैयार किए जा रहे यह ट्री गार्ड सस्ते और टिकाऊ है. पंचायत के सहयोग से उन्होंने यह कार्य शुरू किया है और अच्छी आमदनी होने लगी है.

कुल मिलाकर कोरोना काल में आम्बवाला-सैनवाला पंचायत की महिलाओं ने सभी के लिए एक उदाहरण पेश किया है. महिलाएं आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रही हैं. साथ ही कोरोना काल में आपसी सहयोग से आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर रही हैं.

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