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कालाअंब में बनाया गया वर्टिकल गार्डन, पर्यटकों के लिए बना आकर्षण का केंद्र - Vertical Garden Kala amb

कालाअंब चेक पोस्ट को वर्टिकल गार्डन में तब्दील कर पर्यावरण जागरूकता का बेहतरीन उदाहरण पेश किया गया है. दरअसल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने वन विभाग को निर्देश दिए थे कि प्रदेश की सीमाओं पर 2 वर्टिकल गार्डन बनाए जाए. इसी को देखते हुए ये वर्टिकल गार्डन बनाया गया है.

Vertical garden
वर्टिकल गार्डन
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Published : Jul 11, 2020, 5:19 PM IST

नाहन: देवभूमि हिमाचल में हरियाली के रक्षकों ने हिमाचल की सीमा में स्थित अपनी चेक पोस्ट को ही हरा भरा संसार बना दिया है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों पर वन विभाग ने हिमाचल-हरियाणा की सीमा पर स्थित कालाअंब चेक पोस्ट को वर्टिकल गार्डन में तब्दील कर पर्यावरण जागरूकता का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है. ईटीवी भारत के इस खास रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि कैसे हरियाली के रक्षकों ने अपनी चेकपोस्ट को ही हरा भरा संसार बना डाला है.

दरअसल, हिमाचल प्रदेश को एक वन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, लेकिन कुछ समय से शहरीकरण और औद्योगिक विकास के चलते वन आवरण पर कुछ प्रभाव पड़ा है. इसी को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने वन विभाग को निर्देश दिए थे कि प्रदेश की सीमाओं पर 2 वर्टिकल गार्डन बनाए जाए, जिसमें विभिन्न पौधों की प्रजातियों, उनके रखरखाव, संरक्षण बारे जानकारी भी प्रदान की जाए.

वीडियो.

एनजीटी के इन निर्देशों की पालना करते हुए सिरमौर जिला वन विभाग ने हरियाणा-हिमाचल की सीमा पर कालाअंब में अपनी एक चेक पोस्ट को ही एक वर्टिकल गार्डन में तब्दील कर दिया है. कालाअंब वन चेक पोस्ट में फर्श से लेकर दीवारों पर गमलों में विभिन्न प्रकार के घास व पौधे लगाए गए हैं, जिनमें ड्रिप सिंचाई की जाती है और हिमाचल की सीमा में प्रवेश करते ही पर्यटकों को एक अनोखी चीज देखने को मिलती है.

यहां पर स्पाइडर ग्रास, दोरांटा, ब्लैक ग्रास जैसे पौधों को सजाया गया है. इनकी दिन में दो बार सिंचाई की जाती है. कालाअंब प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में भी शुमार है. बाहर से आने वाले अधिकांश पर्यटक हिमाचल की सीमा में दाखिल होते ही इस आकर्षक वर्टिकल गार्डन को देख बेहद उत्साहित नजर आते हैं. वहीं, पौधों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करते हैं. वर्टिकल गार्डन से पर्यावरण जागरूकता का संदेश भी देने का प्रयास किया गया है.

Vertical garden
वर्टिकल गार्डन

वन परिक्षेत्र अधिकारी योगेश मिश्रा ने बताया कि कालाअंब में इस वर्टिकल गार्डन में लोगों को वन संरक्षण के बारे में जागरूक किया जाता है. साथ ही उन्हें अपने घरों में इस तरह के पौधों को लगाने के बारे में भी बताया जाता है. लोगों के लिए यह वर्टिकल गार्डन आकर्षण का केंद्र बिंदु बना हुआ है.

वहीं, नाहन वन वृत्त के मुख्य अरण्यपाल बीएस राणा ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों के अनुसार यह वर्टिकल गार्डन हिमाचल-हरियाणा की सीमा पर बनाया गया है, ताकि पर्यटकों सहित अन्य लोगों को भी वन संरक्षण के बारे में जागरूक किया जा सके. इसके अलावा यहां पर लोगों को अपने घरों में भी इसी मॉडल पर पौधारोपण के बारे में समझाया जाता है.

गौरतलब है कि काला अंब में वन विभाग का यह वर्टिकल गार्डन लोगों के लिए जहां आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, वहीं लोगों को वन संरक्षण का संदेश भी दे रहा है. साथ ही वन रक्षकों के लिए भी अब यह चेक पोस्ट हरा भरा संसार बन चुकी है, जिसकी नियमित रूप से पूरी देखरेख की जा रही है.

ये भी पढ़ें: नाहन विस क्षेत्र को मिली 190 करोड़ रुपये की सड़कों की स्वीकृति, कांग्रेस ने की अनदेखी: डॉ. बिंदल

नाहन: देवभूमि हिमाचल में हरियाली के रक्षकों ने हिमाचल की सीमा में स्थित अपनी चेक पोस्ट को ही हरा भरा संसार बना दिया है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों पर वन विभाग ने हिमाचल-हरियाणा की सीमा पर स्थित कालाअंब चेक पोस्ट को वर्टिकल गार्डन में तब्दील कर पर्यावरण जागरूकता का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है. ईटीवी भारत के इस खास रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि कैसे हरियाली के रक्षकों ने अपनी चेकपोस्ट को ही हरा भरा संसार बना डाला है.

दरअसल, हिमाचल प्रदेश को एक वन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, लेकिन कुछ समय से शहरीकरण और औद्योगिक विकास के चलते वन आवरण पर कुछ प्रभाव पड़ा है. इसी को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने वन विभाग को निर्देश दिए थे कि प्रदेश की सीमाओं पर 2 वर्टिकल गार्डन बनाए जाए, जिसमें विभिन्न पौधों की प्रजातियों, उनके रखरखाव, संरक्षण बारे जानकारी भी प्रदान की जाए.

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एनजीटी के इन निर्देशों की पालना करते हुए सिरमौर जिला वन विभाग ने हरियाणा-हिमाचल की सीमा पर कालाअंब में अपनी एक चेक पोस्ट को ही एक वर्टिकल गार्डन में तब्दील कर दिया है. कालाअंब वन चेक पोस्ट में फर्श से लेकर दीवारों पर गमलों में विभिन्न प्रकार के घास व पौधे लगाए गए हैं, जिनमें ड्रिप सिंचाई की जाती है और हिमाचल की सीमा में प्रवेश करते ही पर्यटकों को एक अनोखी चीज देखने को मिलती है.

यहां पर स्पाइडर ग्रास, दोरांटा, ब्लैक ग्रास जैसे पौधों को सजाया गया है. इनकी दिन में दो बार सिंचाई की जाती है. कालाअंब प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में भी शुमार है. बाहर से आने वाले अधिकांश पर्यटक हिमाचल की सीमा में दाखिल होते ही इस आकर्षक वर्टिकल गार्डन को देख बेहद उत्साहित नजर आते हैं. वहीं, पौधों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करते हैं. वर्टिकल गार्डन से पर्यावरण जागरूकता का संदेश भी देने का प्रयास किया गया है.

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वर्टिकल गार्डन

वन परिक्षेत्र अधिकारी योगेश मिश्रा ने बताया कि कालाअंब में इस वर्टिकल गार्डन में लोगों को वन संरक्षण के बारे में जागरूक किया जाता है. साथ ही उन्हें अपने घरों में इस तरह के पौधों को लगाने के बारे में भी बताया जाता है. लोगों के लिए यह वर्टिकल गार्डन आकर्षण का केंद्र बिंदु बना हुआ है.

वहीं, नाहन वन वृत्त के मुख्य अरण्यपाल बीएस राणा ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों के अनुसार यह वर्टिकल गार्डन हिमाचल-हरियाणा की सीमा पर बनाया गया है, ताकि पर्यटकों सहित अन्य लोगों को भी वन संरक्षण के बारे में जागरूक किया जा सके. इसके अलावा यहां पर लोगों को अपने घरों में भी इसी मॉडल पर पौधारोपण के बारे में समझाया जाता है.

गौरतलब है कि काला अंब में वन विभाग का यह वर्टिकल गार्डन लोगों के लिए जहां आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, वहीं लोगों को वन संरक्षण का संदेश भी दे रहा है. साथ ही वन रक्षकों के लिए भी अब यह चेक पोस्ट हरा भरा संसार बन चुकी है, जिसकी नियमित रूप से पूरी देखरेख की जा रही है.

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