शिलाई: हिमाचल में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवार मतदाताओं को रिझाने में लगे हुए हैं. प्रदेश की कई पंचायतें ऐसी भी हैं जहां प्रधान या उप-प्रधान पद के लिए उम्मीदवारों की संख्या दहाई के पार है. वहीं, हिमाचल के कई हिस्सों में प्रधान, उप प्रधान या फिर पूरी पंचायत ही निर्विरोध चुनी जा रही हैं.
दिसंबर के महीने में पड़ रही कड़ाके की सर्दी के बीच चुनावी माहौल गर्म बना हुआ है. आम आदमी से लेकर भगवान तक की भूमिका इस चुनाव में देखने को मिल रही है. सिरमौर जिले के पांवटा साहिब उपमंडल के अंतर्गत आने वाली टटियाना पंचायत में भी देवता और स्थानीय लोगों की सहमति से पूरी पंचायत का गठन किया गया.
यहां ग्रामीणों ने महासू देवता के प्रांगण में इकट्ठा हो, वार्ड के पंच से लेकर पंचायत समिति सदस्य (बीडीसी) तक को निर्विरोध चुना. पूरी पंचायत निर्विरोध चुने जाने के बाद यहां विकास कार्यों के लिए 15 लाख रुपये, 10 लाख प्रधान पद और पांच लाख पंचायत समिति सदस्य चुने जाने पर मिलेंगे.
महासू देवता के प्रांगण में आयोजित हुई ग्रामीणों की बैठक में पंचायत चुनाव में अपनी दावेदारी जताने वाले सभी उम्मीदवारों के नामों की पर्चियां एक लोटे में डाली गई. इस दौरान सभी लोगों ने महासू देवता के सामने ये प्रण लिया कि जिस भी व्यक्ति के नाम की पर्ची निकलेगी उसे प्रतिनिधि चुना जाएगा. यह सब आपसी भाईचारे को बनाए रखने के लिए किया गया.
पर्ची सिस्टम में इन लोगों की चमकी किस्मत
सभी लोगों के नामों की पर्चियों को एक लोटे में डालने के बाद गांव की एक बच्ची से पर्चियां निकलवाई गईं, जिसमें प्रधान पद पार्वती देवी, उप-प्रधान पद पर कपिल देव शर्मा और बीडीसी के लिए रजो देवी शर्मा का नाम निकला. पूरी पंचायत ने सर्व सहमति से इन लोगों के नाम पर मुहर लगाई.
ग्रामीणों का कहना है कि देवता की कृपा से जिन लोगों का चयन हुआ है उनमें प्रधान स्नातक है, उप-प्रधान इंजीनियर है, जबकि पंचायत समिति सदस्य भी उच्च शिक्षा प्राप्त है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि उनके गांव में अच्छा विकास होगा.
इस तरह के चयन के पीछे ग्रामीणों ने बताई वजह
पंचायत वासियों का कहना है कि पर्ची सिस्टम से प्रतिनिधियों को चुनने की तरकीब इसलिए निकली गई ताकि यहां आपसी भाईचारा कायम रहे और शांती बनी रहे. पंचायत चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ लड़कर लोग एक-दूसरे के दुश्मन हो जाते हैं, इससे पंचायत में सही विकास भी नहीं हो पाता. अब निर्विरोध चुने जाने के बाद अतिरिक्त पैसा भी सरकार की ओर से पंचायत को मिलेगा.
बीडीसी के लिए दो पंचायतों के लोगों में बनी सहमति
पंचायत समिति सदस्य के पद के लिए यहां दो पंचायतें टटियाना और ठोठा जखाल आती हैं. इन दोनों पंचायतों से एक ही बीडीसी सदस्य चुना जाता है. यहां हर बार चुनाव में एक-एक पंचायत से सदस्य बनता है तो इस बार बारी टटियाना पंचायत की थी. ऐसे में सर्वसम्मति के साथ टटियाना पंचायत की रजो शर्मा का चयन हुआ.
ग्रामीणों का कहना है कि यह सब गांव के पढ़े-लिखे, बुद्धिजीवी वर्ग एवं उनके कुल इष्ट देवता महासू देवता की कृपा से संभव हो पाया है. ग्रामीणों ने सभी नवनिर्वाचित प्रधान, उप प्रधान और बीडीसी मेंबर तथा वार्ड सदस्यों को बधाई दी.
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