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मोगीनन्द स्कूल ने कोरोना के खिलाफ तैयार किया 'हथियार', कम लागत से तैयार किया सैनिटाइजर - कोरोना महामारी

जिला सिरमौर का मोगीनंद स्कूल के छात्रों ने गांव के लोगों को कोरोना के खिलाफ बहुत सस्ता हथियार तैयार करने प्रयास किया है. छात्रों ने साधारण घरेलू सामग्री से सैनिटाइजर बनाया है.

Students of Moginand School
डिजाइन फोटो.
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Published : Jul 9, 2020, 8:49 PM IST

नाहन: कोरोना काल में मास्क और हैंड सेनिटाइजर सबसे अहम चीजें बन चुकी है. महामारी के इस दौर में लोगों की जेब में पैसे से ज्यादा जरूरी चीज सेनिटाइजर और मास्क बन चुके हैं. हालांकि महंगाई को देखते हुए ग्रामीण इलाकों में सेनिटाइजर की खरीद कम हो रही है. गांव के लोगों को कोरोना से बचाने के लिए जिला सिरमौर के मोगीनंद स्कूल के छात्रों ने बहुत सस्ता हथियार तैयार करने का प्रयास किया है. छात्रों ने साधारण घरेलू सामग्री से सैनिटाइजर बनाया है.

सेनिटाइजर को बनाने के लिए ऐसी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जो हरकिसी की रसोई में उपलब्ध होती हैं. इस प्रयोग में बुनियादी जानकारी का इस्तेमाल किया गया. अनाज व गुड़ से एल्कोहलिक कंपाउंड तैयार किया जा सकता है. इसी के तहत प्रवक्ता संजीव ने बासी रोटियों को गुड़ में मिलाकर चार से पांच दिनों तक एक डिब्बे में बंद रखने के बाद इसमें बरगद व नीम के पत्तों को पीसकर डाला, जिसे साधारण प्रेशर कुकर में डालकर उबालने के बाद निकले भाप को एक बोतल में जमा किया गया. इस घरेलू सेनिटाइजर को व्यवहारिक रूप से इस्तेमाल में लाने से पहले प्रयोगशाला में इसकी टेस्टिंग करवाई जाएगी.

वीडियो रिपोर्ट.

आपको बता दें कि नाहन विकासखंड के तहत ग्रामीण क्षेत्र में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मोगीनंद हिमाचल प्रदेश में अपनी तरह के पहले केंपस रेडियो स्टेशन हेलो मोगिनंद शुरू करने का रिकॉर्ड बना चुका है. यह रेडियो स्टेशन 19 देशों में सुना जा रहा है.

कोरोना काल में भी जहां इस रेडियो पर 16 साल की समाचार वाचक सलोनी सिंह ने प्रतिदिन हेलो मोगिनंद रेडियो से न केवल कोरोना का ताजा अपडेट लोगों तक पहुंचाती है, बल्कि महामारी व लॉकडाउन को लेकर भी जनता को जागरूक किया. इस रेडियो स्टेशन पर शैक्षणिक, सामान्य प्रतिभाओं पर कार्यक्रम भी प्रसारित होते हैं. अब कोरोना काल में सेनिटाइजर की मांग और जरूरत को देखते हुए स्कूल के होनहार छात्रों ने विज्ञान प्रवक्ता संजीव अत्री की देखरेख में बहुत ही कम लागत में ये प्रयास किया है.

घरेलु सेनिटाइजर को अभी सैद्धांतिक तौर पर ही तैयार किया गया है, लेकिन व्यवहारिक रूप से इसे इस्तेमाल में लाने से पहले प्रयोगशाला में इसकी टेस्टिंग करवाई जाएगी. छात्रों को उम्मीद है कि इसके अच्छे परिणाम मिलेंगे और टेस्टिंग के बाद ही इसका प्रचार प्रसार किया जाएगा.

प्रदेश में अपनी तरह के पहले केंपस रेडियो स्टेशन की शानदार उपलब्धि के बाद अब स्कूल में कोरोना के खिलाफ सेनिटाइजर के रूप में लोगों खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए हथियार तैयार किया है. अगर टेस्टिंग में ये सेनिटाइजर मानकों पर खरा उतरता है, तो निसंदेह स्कूल के लिए ये एक और बड़ी उपलब्धि होगी.

नाहन: कोरोना काल में मास्क और हैंड सेनिटाइजर सबसे अहम चीजें बन चुकी है. महामारी के इस दौर में लोगों की जेब में पैसे से ज्यादा जरूरी चीज सेनिटाइजर और मास्क बन चुके हैं. हालांकि महंगाई को देखते हुए ग्रामीण इलाकों में सेनिटाइजर की खरीद कम हो रही है. गांव के लोगों को कोरोना से बचाने के लिए जिला सिरमौर के मोगीनंद स्कूल के छात्रों ने बहुत सस्ता हथियार तैयार करने का प्रयास किया है. छात्रों ने साधारण घरेलू सामग्री से सैनिटाइजर बनाया है.

सेनिटाइजर को बनाने के लिए ऐसी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जो हरकिसी की रसोई में उपलब्ध होती हैं. इस प्रयोग में बुनियादी जानकारी का इस्तेमाल किया गया. अनाज व गुड़ से एल्कोहलिक कंपाउंड तैयार किया जा सकता है. इसी के तहत प्रवक्ता संजीव ने बासी रोटियों को गुड़ में मिलाकर चार से पांच दिनों तक एक डिब्बे में बंद रखने के बाद इसमें बरगद व नीम के पत्तों को पीसकर डाला, जिसे साधारण प्रेशर कुकर में डालकर उबालने के बाद निकले भाप को एक बोतल में जमा किया गया. इस घरेलू सेनिटाइजर को व्यवहारिक रूप से इस्तेमाल में लाने से पहले प्रयोगशाला में इसकी टेस्टिंग करवाई जाएगी.

वीडियो रिपोर्ट.

आपको बता दें कि नाहन विकासखंड के तहत ग्रामीण क्षेत्र में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मोगीनंद हिमाचल प्रदेश में अपनी तरह के पहले केंपस रेडियो स्टेशन हेलो मोगिनंद शुरू करने का रिकॉर्ड बना चुका है. यह रेडियो स्टेशन 19 देशों में सुना जा रहा है.

कोरोना काल में भी जहां इस रेडियो पर 16 साल की समाचार वाचक सलोनी सिंह ने प्रतिदिन हेलो मोगिनंद रेडियो से न केवल कोरोना का ताजा अपडेट लोगों तक पहुंचाती है, बल्कि महामारी व लॉकडाउन को लेकर भी जनता को जागरूक किया. इस रेडियो स्टेशन पर शैक्षणिक, सामान्य प्रतिभाओं पर कार्यक्रम भी प्रसारित होते हैं. अब कोरोना काल में सेनिटाइजर की मांग और जरूरत को देखते हुए स्कूल के होनहार छात्रों ने विज्ञान प्रवक्ता संजीव अत्री की देखरेख में बहुत ही कम लागत में ये प्रयास किया है.

घरेलु सेनिटाइजर को अभी सैद्धांतिक तौर पर ही तैयार किया गया है, लेकिन व्यवहारिक रूप से इसे इस्तेमाल में लाने से पहले प्रयोगशाला में इसकी टेस्टिंग करवाई जाएगी. छात्रों को उम्मीद है कि इसके अच्छे परिणाम मिलेंगे और टेस्टिंग के बाद ही इसका प्रचार प्रसार किया जाएगा.

प्रदेश में अपनी तरह के पहले केंपस रेडियो स्टेशन की शानदार उपलब्धि के बाद अब स्कूल में कोरोना के खिलाफ सेनिटाइजर के रूप में लोगों खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए हथियार तैयार किया है. अगर टेस्टिंग में ये सेनिटाइजर मानकों पर खरा उतरता है, तो निसंदेह स्कूल के लिए ये एक और बड़ी उपलब्धि होगी.

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