पांवटा साहिब: राज्य स्तरीय यमुना शरद महोत्सव (State level Yamuna Sharad Mahotsav) शुक्रवार से शुरू होने जा रहा है. जिसको लेकर पांवटा प्रशासन ने सभी तैयारियां लगभग पूरी कल ली हैं. ये महोत्सव 7 से 9 अक्टूबर तक पांवटा साहिब के नगर परिषद मैदान में आयोजित किया जाएगा. इस महोत्सव का शुभारंभ का सिरमौर के उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम करेंगे. जबकि, दूसरी सांस्कृतिक संध्या में प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम जयराम ठाकुर के पहुंचने का कार्यक्रम भी है. वहीं, इस समापन उर्जा मंत्री सुखराम चौधरी करेंगे.
इस बारे में जानकारी देते हुए एसडीएम पांवटा विवेक महाजन (SDM Paonta Vivek Mahajan) ने बताया कि इस बार भी शरद महोत्सव बड़ी धूम धाम से मानाया जा रहा है. 7 अक्टूबर को पहले दिन भजन संध्या एवं मां यमुना जी की आरती की जाएगी. जिसके बाद मुख्य अतिथि उपायुक्त सिरमौर मेला परिसर में लगाई गई प्रदर्शनी का शुभारंभ करेंगे. उन्होंने बताया कि 7 अक्टूबर को पहली संस्कृत संध्या का मुख्य आकर्षण हारमोनी ऑफ द पाइन्स पुलिस बैंड होगा. इसके अलावा हाटी समुदाय का आदिकालीन नृत्य भी आयोजन किया जाएगा.
वहीं, 8 अक्टूबर को दूसरी संध्या में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे. इस दौरान शाम को भजन संध्या एवं यमुना आरती यमुना तट पर की जाएगी. इसके अलावा कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा. जिसके बाद प्रदेश के मुखिया सीएम जयराम ठाकुर प्रदर्शनी का निरीक्षण करेंगे और दीप जलाकर दूसरे दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे.
उन्होंने बताया कि दूसरे दिन संस्कृत कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण पंजाबी सिंगर शिवजोत अपने गानों से लोगों का मनोरंजन करेंगे. एसडीएम विवेक महाजन ने बताया कि शरद महोत्सव के आखरी व तीसरे दिन ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी इस महोत्सव का समापन करेंगे. एसडीएम विवेक महाजन ने बताया कि तीसरे दिन वाई पॉइंट से लेकर यमुना तट तक एक शोभायात्रा भी निकाली जाएगी. वहीं, तीसरे दिन सांस्कृतिक संध्या में कृष्ण लीला पर थिएटर के कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी. इस दौरान विभिन्न खेल प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा.
कैसे हुई यमुना महोत्सव की शुरुआत: इस महोत्सव के आयोजन की परिकल्पना प्रशासनिक अधिकारी तत्कालीन उप मंडलाधिकारी सीआरबी ललित द्वारा सबसे पहले 1982 में की गई थी. उनका मानना था कि इस पवित्र दिन और रात्रि को मां यमुना और भगवान श्री कृष्ण को समर्पित करते हुए इसे धूम धाम से मनाया जाना चाहिए. इसी विचारधारा से उन्होंने यमुना शरद महोत्सव समारोह आयोजित करने का प्रस्ताव रखा. जिसे शहर के लोगों ने बहुत सराहा और 3 अक्टूबर 1982 को पहला यमुना शरद महोत्सव आयोजित किया गया. हले वर्ष यह आयोजन प्रारंभिक स्तर पर मनाया गया. लेकिन दूसरे वर्ष इसे बड़े पैमाने पर मनाने का निर्णय हुआ, जिसे बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया.
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