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गाय के गोबर से तैयार होंगे मेड-इन-हिमाचल दीये, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की अनूठी पहल - डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी न्यूज

इस बार गोबर के दीयों से घरों में रोशनी की जाए. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भरता व लोकल से वोकल का संदेश दिया था  ताकि सभी वर्गों को स्वरोजगार मिलने के साथ-साथ विकास हो सके. प्रधानमंत्री के इसी मंत्र को डीसी सिरमौर ने जिला में बखूबी लागू करने का प्रयास किया है.

मेड-इन-सिरमौर दीये
मेड-इन-सिरमौर दीये
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Published : Sep 27, 2020, 1:53 PM IST

Updated : Sep 28, 2020, 7:02 AM IST

नाहन: सिरमौर जिला में महिलाएं आत्मनिर्भर होने की दिशा में बढ़ रही हैं. महिलाएं मेड-इन-सिरमौर के तहत जिला में इस बार दीपावली को खास बनाने की तैयारियों में जुटी हुई हैं. आत्मनिर्भरता की अनूठी पहल के तहत महिलाएं गाय के गोबर से मिट्टी के दीये तैयार कर रही हैं.

जिला प्रशासन का प्रयास है कि इस बार गोबर के दीयों से घरों में रोशनी की जाए. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भरता व लोकल से वोकल का संदेश दिया था ताकि सभी वर्गों को स्वरोजगार मिलने के साथ-साथ विकास हो सके. प्रधानमंत्री के इसी मंत्र को डीसी सिरमौर ने जिला में बखूबी लागू करने का प्रयास किया है.

गोबर के दीये बनाती महिलाएं.
गोबर के दीये बनाती महिलाएं.

मेड-इन-सिरमौर के तहत विभिन्न उत्पादों को तैयार किया जा रहा है. इस कड़ी में सिरमौर जिला प्रशासन ने पशुपालन विभाग के साथ मिलकर एक अनूठी पहल शुरू की है. नाहन के पास माता बालासुंदरी गौसदन में गाय के गोबर से दीवाली के लिए दीये बनाए जा रहे हैं.

मेड-इन-सिरमौर दीये.
मेड-इन-सिरमौर दीये.

इस काम में ग्रामीण क्षेत्र के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को जोड़ा गया है और उन्हें प्रशिक्षित करके घर द्वार पर रोजगार देने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, गोसंवर्धन की दिशा में भी कार्य हो रहा है. पशुपालन विभाग द्वारा गोबर व मिट्टी को मिलाकर आकर्षक दीये बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

मेड-इन-सिरमौर दीये
मेड-इन-सिरमौर दीये

खुद डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने अपने कार्यालय में गोबर से तैयार इन दीयों को जलाकर महिलाओं के हौसले को बढ़ाने का प्रयास किया है. जिला प्रशासन ने इस बार दीपावली के लिए करीब 20 हजार दीयों को तैयार करने का लक्ष्य रखा है.

मेड-इन-सिरमौर दीये के साथ डीसी
मेड-इन-सिरमौर दीये के साथ डीसी

इन दीयों को डिब्बा बंद करके मेड इन सिरमौर की ब्रांडिंग से दीवाली में बाजार में उतारा जाना है. स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं भी इस कार्य से खासी उत्साहित हैं और आत्म निर्भरता की दिशा में उठाए जा रहे इस कदम से खुश हैं. जिला प्रशासन इस कार्य में महिलाओं के साथ खड़ा है और उन्हें तकनीकी व सामग्री एक स्थान पर ही उपलब्ध करवा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से ये पहल की गई है. इससे जहां आत्मनिर्भरता बढ़ेगी. वहीं, पशुओं को सड़कों पर बेसहारा छोड़ने की समस्या भी हल होगी.

उधर स्वयं सहायता समूह की महिला कविता देवी ने बताया कि घरों में बहुत गोबर होता है और अब वह लोग घरों से दीये बनाएंगी, जिससे बिना खर्च किए उन्हें अच्छी आमदनी भी होगी. एक अन्य महिला कृति ने बताया कि गोबर से दीये बनाने में उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है. इससे वह आत्म निर्भर होंगी और आर्थिकी भी घर बैठे सुधर जाएगी.

उल्लेखनीय है कि सिरमौर जिला प्रशासन का आत्मनिर्भरता की दिशा में एक शानदार प्रयास है. महिलाएं भी जोर-शोर से इस कार्य में भाग ले रही हैं. डीसी सिरमौर डॉ. परूथी के इस आइडिये से महिलाएं घर बैठे ही अपनी आमदनी कमा सकेंगी. वहीं, उन लोगों के लिए भी यह प्रयास एक संदेश होगा कि यदि गाय दूध न दे तो उसे सड़कों पर बेसहारा न छोड़ें, बल्कि वह अपने गोबर व गोमूत्र से भी आपकी आर्थिकी को सुदृढ़ कर सकती है. कुल मिलाकर जिला प्रशासन की यह पहल एक सराहनीय कदम है.

नाहन: सिरमौर जिला में महिलाएं आत्मनिर्भर होने की दिशा में बढ़ रही हैं. महिलाएं मेड-इन-सिरमौर के तहत जिला में इस बार दीपावली को खास बनाने की तैयारियों में जुटी हुई हैं. आत्मनिर्भरता की अनूठी पहल के तहत महिलाएं गाय के गोबर से मिट्टी के दीये तैयार कर रही हैं.

जिला प्रशासन का प्रयास है कि इस बार गोबर के दीयों से घरों में रोशनी की जाए. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भरता व लोकल से वोकल का संदेश दिया था ताकि सभी वर्गों को स्वरोजगार मिलने के साथ-साथ विकास हो सके. प्रधानमंत्री के इसी मंत्र को डीसी सिरमौर ने जिला में बखूबी लागू करने का प्रयास किया है.

गोबर के दीये बनाती महिलाएं.
गोबर के दीये बनाती महिलाएं.

मेड-इन-सिरमौर के तहत विभिन्न उत्पादों को तैयार किया जा रहा है. इस कड़ी में सिरमौर जिला प्रशासन ने पशुपालन विभाग के साथ मिलकर एक अनूठी पहल शुरू की है. नाहन के पास माता बालासुंदरी गौसदन में गाय के गोबर से दीवाली के लिए दीये बनाए जा रहे हैं.

मेड-इन-सिरमौर दीये.
मेड-इन-सिरमौर दीये.

इस काम में ग्रामीण क्षेत्र के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को जोड़ा गया है और उन्हें प्रशिक्षित करके घर द्वार पर रोजगार देने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, गोसंवर्धन की दिशा में भी कार्य हो रहा है. पशुपालन विभाग द्वारा गोबर व मिट्टी को मिलाकर आकर्षक दीये बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

मेड-इन-सिरमौर दीये
मेड-इन-सिरमौर दीये

खुद डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने अपने कार्यालय में गोबर से तैयार इन दीयों को जलाकर महिलाओं के हौसले को बढ़ाने का प्रयास किया है. जिला प्रशासन ने इस बार दीपावली के लिए करीब 20 हजार दीयों को तैयार करने का लक्ष्य रखा है.

मेड-इन-सिरमौर दीये के साथ डीसी
मेड-इन-सिरमौर दीये के साथ डीसी

इन दीयों को डिब्बा बंद करके मेड इन सिरमौर की ब्रांडिंग से दीवाली में बाजार में उतारा जाना है. स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं भी इस कार्य से खासी उत्साहित हैं और आत्म निर्भरता की दिशा में उठाए जा रहे इस कदम से खुश हैं. जिला प्रशासन इस कार्य में महिलाओं के साथ खड़ा है और उन्हें तकनीकी व सामग्री एक स्थान पर ही उपलब्ध करवा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से ये पहल की गई है. इससे जहां आत्मनिर्भरता बढ़ेगी. वहीं, पशुओं को सड़कों पर बेसहारा छोड़ने की समस्या भी हल होगी.

उधर स्वयं सहायता समूह की महिला कविता देवी ने बताया कि घरों में बहुत गोबर होता है और अब वह लोग घरों से दीये बनाएंगी, जिससे बिना खर्च किए उन्हें अच्छी आमदनी भी होगी. एक अन्य महिला कृति ने बताया कि गोबर से दीये बनाने में उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है. इससे वह आत्म निर्भर होंगी और आर्थिकी भी घर बैठे सुधर जाएगी.

उल्लेखनीय है कि सिरमौर जिला प्रशासन का आत्मनिर्भरता की दिशा में एक शानदार प्रयास है. महिलाएं भी जोर-शोर से इस कार्य में भाग ले रही हैं. डीसी सिरमौर डॉ. परूथी के इस आइडिये से महिलाएं घर बैठे ही अपनी आमदनी कमा सकेंगी. वहीं, उन लोगों के लिए भी यह प्रयास एक संदेश होगा कि यदि गाय दूध न दे तो उसे सड़कों पर बेसहारा न छोड़ें, बल्कि वह अपने गोबर व गोमूत्र से भी आपकी आर्थिकी को सुदृढ़ कर सकती है. कुल मिलाकर जिला प्रशासन की यह पहल एक सराहनीय कदम है.

Last Updated : Sep 28, 2020, 7:02 AM IST
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