नाहन: समय के इस दौर में हिमाचल प्रदेश प्रगति की राह पर सरपट दौड़ रहा है, लेकिन जिस शख्स ने हिमाचल को गति व प्रगति का सपना देखने के लायक बनाया, उन्हीं के घर में वक्त की रफ्तार थमी हुई है. जी हां डॉ. वाईएस परमार के घर में प्रवेश करें तो उदासी घेर लेती है. जिस घर में हर घड़ी हिमाचल निर्माता का दिल धड़कता रहा, उस घर में घड़ी की सुइयां अरसे से ठहरी हुई हैं.
![nahan, sirmaur, dr. ys parmar Jayanti, Dr. Yashwant Singh Parmar, परमार जयंती, हिमाचल निर्माता, चनालग, पैतृक आवास, बागथन, सिरमौर, पच्छाद, ईटीवी भारत](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4029816_smr.png)
हर साल चार अगस्त को परमार जयंती पर रस्म अदायगी को लेकर शिमला सहित जिला में कार्यक्रम होते हैं, लेकिन हिमाचल निर्माता की यादों को संजोए रखने के लिए कोई पहल नहीं होती. सिरमौर जिला के पच्छाद में हिमाचल निर्माता का गृह क्षेत्र चनालग गांव इसका प्रमाण है.
![nahan, sirmaur, dr. ys parmar Jayanti, Dr. Yashwant Singh Parmar, परमार जयंती, हिमाचल निर्माता, चनालग, पैतृक आवास, बागथन, सिरमौर, पच्छाद, ईटीवी भारत](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4029816_smr-5.png)
कभी हिमाचल की राजनीति इसी घर से शुरू हुई थी
बता दें कि हिमाचल निर्माता डॉ. परमार चनालग के ही रहने वाले थे. उनका पैतृक आवास, जहां वह प्रदेश के लिए योजनाएं बनाते थे, आज भी मौजूद है. हालांकि आवास की हालत काफी दयनीय है, लेकिन अभी भी वहां पर अनेक ऐसी वस्तुएं हैं, जोकि ऐतिहासिक महत्व रखती हैं. कभी हिमाचल की राजनीति इसी घर से शुरू हुई थी. 4 अगस्त को डॉ. परमार का यहीं जन्म हुआ था और मुख्यमंत्री बनने के बाद भी वो यहां अक्सर समय बिताते थे. लोगों की मानें तो हिमाचल निर्माता की इस धरोहर को संजोए रखने की जरूरत है.
![nahan, sirmaur, dr. ys parmar Jayanti, Dr. Yashwant Singh Parmar, परमार जयंती, हिमाचल निर्माता, चनालग, पैतृक आवास, बागथन, सिरमौर, पच्छाद, ईटीवी भारत](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4029816_smr-4.png)
इस धरोहर को संजोए रखने की जरूरत
बागथन निवासी रवि ठाकुर का कहना है कि हिमाचल निर्माता की इस धरोहर को संजोए रखने की जरूरत है और यहां पर सरकार को कोई संग्रहालय या समारक बनाना चाहिए, ताकि डॉ. परमार की यादें सुरक्षित रह सकें, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी इस बात से रूबरू हो सके कि हिमाचल निर्माता कैसे रहते थे. हिमाचल की राजनीति कभी यहीं से शुरू हुई थी, लेकिन आज कोई भी इस स्थान की सुध नहीं ले रहा है. पच्छाद निवासी राजन पुंडीर का भी कहना है कि सिरमौर के इस सपूत के आवास को संग्रहलय या फिर यहां पर समारक बनाना चाहिए, ताकि इस ऐतिहासिक धरोहर को सुरक्षित रखा जा सके. आज भी अनेक ऐतिहासिक चीजों को संजोए हुए है.
![nahan, sirmaur, dr. ys parmar Jayanti, Dr. Yashwant Singh Parmar, परमार जयंती, हिमाचल निर्माता, चनालग, पैतृक आवास, बागथन, सिरमौर, पच्छाद, ईटीवी भारत](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4029816_smr-3.png)
उल्लेखनीय है कि डॉ. परमार का घर आज भी अनेक ऐतिहासिक चीजों को संजोए हुए हैं. सरकार को इसे विकसित करना की आवश्यता है, ताकि पर्यटकों के साथ-साथ भावी पीढ़ी के भी उनके बारे में जानने का अवसर मिल सके.
ये भी पढ़ें- बिजली को लेकर इन दो राज्यों में रार, हो सकती है बत्ती गुल